इस बात में कोई दोराय नहीं है कि मां बनना एक स्त्री को पूर्णता का अहसास करवाता है। एक बच्चे के जन्म से वह जिस खुशी को महसूस करती है, उसे और कोई नहीं कर सकता। लेकिन एक सच यह भी है कि गर्भधारण से लेकर बच्चे के जन्म के बाद भी महिला को कई तरह की प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है। जहां गर्भावस्था में मार्निंग सिकनेस से लेकर चक्कर आना व पैरों में दर्द होना जैसी कई समस्याएं होती हैं। वहीं बच्चे के जन्म के बाद प्रेग्नेंसी वेट को कम करना उनके लिए एक बहुत बड़ा चैलेंज बन जाता है।
कुछ महिलाएं बच्चे के जन्म के बाद अपना वजन कम करने की कोशिश भी करती हैं, लेकिन फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिल पाती और वह कभी भी पहले की तरह शेप में नहीं लौट पातीं। हो सकता है कि आपके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ हो या फिर आप भी डिलीवरी के बाद वजन कम करने की जद्दोजहद में जुटी हों। हालांकि, इससे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि डिलीवरी के बाद किन कारणों से महिलाओं का वजन कम नहीं हो पाता है। तो चलिए आप इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डायटीशियन रितु पुरी कुछ ऐसे ही कारणों पर चर्चा कर रही हैं-
सही तरह से ब्रेस्टफीडिंग ना करवाना
आपको शायद पता ना हो, लेकिन ब्रेस्टफीडिंग से भी महिला को वेट लॉस में काफी मदद मिलती है। यूं तो ब्रेस्ट फीडिंग के कई लाभ है, लेकिन अगर आप पोस्ट प्रेग्नेंसी वेट को कम करना चाहती हैं तो आपको ब्रेस्टफीडिंग पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए। अमूमन कुछ महिलाएं या तो अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाती ही नहीं हैं या फिर वह उसे लेटकर या फिर किसी सपोर्टर की मदद से ब्रेस्टफीड करवाती हैं, जिससे उनका वजन कम नहीं हो पाता। बेहतर होगा कि आप हमेशा सीटिंग पॉश्चर में बच्चे को अच्छी तरह से ब्रेस्टफीड करवाएं। इससे ना केवल बच्चे का पेट भरता है, बल्कि आपका वेट लॉस भी होता है।
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गलत खानपान
यह डिलीवरी के बाद महिला के वजन कम ना होने के सबसे मुख्य कारणों में से एक है। यह सच है कि डिलीवरी के बाद(डिलीवरी के बाद पीएं यह चार ड्रिंक्स) महिला को अतिरिक्त कैलोरी की जरूरत होती है। लेकिन भारतीय घरों में देखा जाता है कि डिलीवरी के बाद महिला को बहुत अधिक फैट व कार्ब रिच फूड जैसे पंजीरी आदि दी जाती है। जिससे उसका कैलोरी काउंट तो बढ़ता है, लेकिन शरीर की जरूरतें पूरी नहीं होतीं और फिर वजन भी कम नहीं हो पाता। इसलिए, अगर आपको वेट लॉस करना है तो आपको यह देखना होगा कि आपको अतिरिक्त कैलोरी किस सोर्स से मिल रही है। मसलन, डिलीवरी के बाद महिलाओं को प्रोटीन, कैल्शियम, ओमेगा 3 रिच फूड आदि का सेवन अधिक करना चाहिए। यह उनके वेटलॉस प्रोसेस में भी हेल्प करेंगे।
रूटीन गड़बड़ा जाना
यह सच है कि बच्चे के जन्म के बाद महिला का रूटीन काफी हद तक गड़बड़ा जाता है। दरअसल, छोटे बच्चे अधिकतर दिन में सोते हैं और रात में जागते हैं, जिसके कारण महिला को भी अपना स्लीपिंग पैटर्न बदलना पड़ता है। कई बार तो उन्हें रात में पूरी तरह से नींद मिल ही नहीं पाती। जिससे उनके शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते है। इतना ही नहीं, बॉडी में स्ट्रेस बढ़ने से भी महिलाओं का वजन कम नहीं हो पाता। इसलिए, अगर आपको बच्चे के कारण अपने स्लीपिंग पैटर्न में बदलाव करना पड़ रहा है तो आप यह अवश्य सुनिश्चित करें कि आप दिन में एक अच्छी नींद लें। खासतौर से, आपको एक दिन में सात से आठ घंटे की नींद लेनी ही चाहिए।
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Image Credit: Freepik
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