देशभर में कोरोना संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। अब एक दिन में संक्रमित लोगों की संख्या 2 लाख से ज्यादा हो गई है। इस महामारी से मरने वाले लोगों का आंकड़ा भी दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू या वीकेंड कर्फ्यू लगाया गया है। देशभर में लॉकडाउन हटने के बाद ज्यादातर लोगों ने मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया गया। जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण दोबारा तेजी से फैला।’
हालांकि, देशभर में वैक्सीनेशन किया जा रहा है। उसके बावजूद कोरोना संक्रमण से सुरक्षा ही बचाव है। मास्क और सैनिटाइजर आपको सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। सैनिटाइजर का इस्तेमाल वायरस और बैक्टीरिया को फैलने से रोकता है। इस जानलेवा वायरस से बचाव के लिए सैनिटाइजर इस्तेमाल करने की सलाह दी है। आइये आपको WHO और CDS की गाइडलाइंस के अनुसार सैनिटाइजर को इस्तेमाल करने का सही तरीका बताते हैं।
इन दिनों बाजार में कई तरह के सैनिटाइजर आ रहे हैं। WHO की गाइडलाइंस के अनुसार, 60 प्रतिशत अल्कोहल वाले सैनिटाइजर का इस्तेमाल कोरोना संक्रमण से आपका बचाव कर सकता है। इसलिए सैनिटाइजर खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें।
कुछ लोग सैनिटाइजर को हाथों पर डालते हैं और हल्का सा रगड़ लेते हैं। यह सही तरीका नहीं है। सैनिटाइजर को हाथों पर तब तक रगड़े जब तक ये पूरी तरह से सूख न जाए। सैनिटाइजर खतरनाक बैक्टीरिया को मारने का काम करता है।
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अपने हाथों को सैनिटाइज करने के लिए कम से कम 5 एमएल सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। इसके अलावा आपके हाथ साफ होने चाहिए। अगर आपके हाथों पर मिट्टी या कुछ और लगा है तो आपको 5 एमएल से ज्यादा सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना होगा। ऐसा न करने पर आपको कोरोना संक्रमण हो सकता है।
सैनिटाइजर में भारी मात्रा में एल्कोहल होता है इसलिए सैनिटाइजर लगे हाथों से भोजन करना खतरनाक हो सकता है। जो किडनी, लीवर और दिल को प्रभावित करता है। इसलिए हमेशा सैनिटाइजर लगाने के 30 सेकंड के बाद ही खाना शुरू करें। इतनी देर में सैनिटाइजर भांप बनकर उड़ जाता है।
अल्कोहल वाले सैनिटाइजर को हमेशा आंखों से दूर रखें। साथ ही जब बच्चे इसका इस्तेमाल करें तो उन पर नजर बनाएं रखें।
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सैनिटाइजर को कभी गलती से भी मुंह में नहीं डालना चाहिए। ऐसा करने से पॉइजनिंग का खतरा हो सकता है।
सैनिटाइजर में अल्कोहल होता है। इसलिए यह ज्वलनशील होता है। इस वजह से सैनिटाइजर को हमेशा आग से दूर रखना चाहिए।
CDS के अनुसार, अगर आप अस्पताल जाकर किसी मरीज से मिलते हैं तो पानी की जगह पर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से आपको संक्रमण होने का खतरा कम हो जाता है।
सैनिटाइजर की शीशी पर कई तरह के निर्देश लिखे होते हैं इसलिए हमेशा उन निर्देशों का पालन करें।
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साबुन पानी से हाथ धोना ज्यादा प्रभावी माना गया है। इसलिए जरूरत के अनुसार ही सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। साथ ही सैनिटाइजर का इस्तेमाल उन्हीं जगहों पर करें जहां पर पानी की व्यवस्था न हो।
सैनिटाइजर को 40 डिग्री से ज्यादा तापमान में नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से यह खराब हो सकता है।
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