एक उम्र के बाद लड़कियों के शरीर में कई तरह के बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। जिसे हम प्यूबर्टी कहकर बुलाते हैं। 11 से 13 साल की लड़कियों में प्यूबर्टी के लक्षण आने लगते हैं। लेकिन कई बार उम्र से पहले ही लड़कियां बड़ी होने लगती हैं। उनमें अर्ली प्यूबर्टी यानी असामयिक यौवन की शुरुआत हो जाती है, इसे लेकर महिलाओं के मन में कई तरह के सवाल हैं, कि लड़कियों पर Early Puberty का कैसा असर होता है।
यह जानने के लिए हमने हमारी एक्सपर्ट गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर शिखा गुप्ता से बातचीत की है। हमने उनसे Early Puberty से जुड़े कई सवाल किए, उन्होंने हमें Early Puberty से जुड़े कई तथ्यों के बारे में बताया। तो देर किस बात की आइए इस आर्टिकल के माध्यम से आपको Early Puberty यानी प्रीकोशियस प्यूबर्टी के बारे में बताते हैं-
ज्यादातर लड़कियों के शरीर में 9 से 11 साल की उम्र में शारीरिक बदलाव आने शुरू होते हैं। मगर कई बार 7 साल की लड़कियों को भी प्यूबर्टी हिट कर देती है। इसे ही प्रीकोशियस प्यूबर्टी कहा जाता है। अगर आपकी बेटी में भी समय से पहले प्यूबर्टी के लक्षण दिखने लगें, तो आपको डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।
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Early Puberty के कई लक्षण होते हैं, जो लड़कियों में नजर आने लगते हैं। सबसे पहले उनके ब्रेस्ट का आकार चेंज होने लगता है, ऐसे में लड़की के ब्रेस्ट के नीचे छोटी सी गांठ नजर आने लगती है। इसके अलावा लड़कियों के प्यूबिक एरिया और अंडरआर्म एरिया पर बाल आने लगते हैं। जो कि प्यूबर्टी हिट करने के शुरुआती लक्षण होते हैं। तीसरा लक्षण पीरियड्स का शुरू होना होता है, जिसके बाद लड़कियां असल मायनों में बड़ी होने लगती हैं।
डॉक्टर शिखा गुप्ता ने हमें बताया कि प्रीकोशियस प्यूबर्टी की समस्या लड़कों से ज्यादातर लड़कियों में देखने को मिलती है। इसके दुष्प्रभाव भी होते हैं। अगर लड़कियों में Early Puberty आ जाए तो ऐसे में उनकी हाइट नहीं बढ़ पाती है। इसके अलावा कई बार पीरियड्स के लिए लड़कियां मेंटली तैयार नहीं होती हैं, जिस कारण उन्हें एक डर हो जाता है।
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डॉक्टर शिखा गुप्ता ने बताया कि Early Puberty का कोई कारण नहीं होता है। बस कुछ चुनिंदा बच्चों में हारमोंस समय से से पहले ही स्विच ऑन हो जाते हैं। एक बार हारमोंस स्विच ऑन होने के साथ ही अगर 7 से 8 साल में लड़कियों के ब्रेस्ट साइज में बदलाव आने लगता है, उसके 2 साल के अंदर ही उन्हें पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं।
कम खुराक या पोषक तत्वों को न लेने के कारण बच्चे का यौवन पहले आ जाता है। इसके अलावा प्रेजर्व फूड, मांस, डेयरी प्रोडक्ट और फास्ट फूड पर निर्भर होने के कारण शारीरिक विकास जल्दी हो जाता है।
इसलिए बच्चे के डायट में हरी सब्जियां, कॉर्न, गाजर, टमाटर, प्याज, मशरूम, सेम, फल और अनाज को शामिल करना चाहिए। इससे आपके अपने बच्चे के शरीर में जल्दी प्यूबर्टी आने के आसार कम कर रहें।
तो ये थे अर्ली प्यूबर्टी के मुख्य कारण। अगर आपकी बेटी को भी समय से पहले प्यूबर्टी के लक्षण नजर आने लगे, तो ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ताकि इस हार्मोनल चेंज का इलाज किया जा सके। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
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