किसी भी बीमारी या शरीर में किसी भी गड़बड़ की शुरुआत होने पर हमारा शरीर इसके संकेत दिखाने लगता है। अगर इन संकेतों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो बड़ी मुश्किल से बचा जा सकता है। शरीर में किसी विटामिन, मिनरल की कमी या हार्मोनल इंबैलेंस होने पर इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। इन पर आपको समय रहते ध्यान देना चाहिए। अगर आपका बेली फैट बढ़ रहा है और गर्दन का रंग गहरा हो रहा है, तो इसके पीछे भी कई कारण हो सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, इन लक्षणों को नजरअंदाज करने के बजाय, आपको समय रहते कुछ जरूरी टेस्ट करवाने चाहिए। यहां हम आपको बेली फैट और गर्दन के गहरे रंग के पीछे का कारण और इसके लिए जरूरी टेस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं। इस बारे में डाइटिशियन राधिका गोयल जानकारी दे रही हैं। वह सर्टिफाइड डाइटिशियन और न्यू्ट्रिशनिस्ट हैं।
गर्दन का रंग गहरा होने और बेली फैट बढ़ने पर जरूर करवाएं ये टेस्ट
- अगर आपकी गर्दन और बगल का रंग गहरा है, स्किन पर डार्क पैच हैं और पेट लटकने लगा है, तो आप इंसुलिन रेजिस्टेंस के शिकार हैं।
- एक्सपर्ट के मुताबिक, इंसुलिन रेजिस्टेंस की पहचान के लिए, HOMA-IR Index टेस्ट करवाया जाता है।
- इसके लिए, 8-10 घंटे की फास्टिंग जरूरी है।
- एक्सपर्ट का कहना है कि अगर सही समय पर इंसुलिन रेजिस्टेंस का पता चल जाए, तो इसे रिवर्स करना मुमकिन है। लेकिन, अगर लंबे समय तक आप इस पर ध्यान नहीं देती हैं, तो मुश्किल हो सकती है।
- इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से टाइप 2 डायबिटीज, हार्मोनल इंबैलेंस, पीसीओएस और फैटी लिवर जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
- इन लक्षणों के साथ अगर आपको बार-बार मीठा खाने की इच्छा होती है, भरपेट खाने के बाद भी भूख लगती है, दिनभर थका हुआ रहता है और स्किन टैग की दिक्कत है, तो ये भी इंसुलिन रेजिस्टेंस के लक्षण हैं।
क्या होता है इंसुलिन रेजिस्टेंस?
हम जब भी खाना खाते हैं, तो शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ता है। हमारा पैंक्रियाज, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए, इंसुलिन हार्मोन को रिलीज करता है। असल में यह हार्मोन हमारी सेल्स को खोलने के लिए एक चाबी का काम करता है। जिससे सेल्स में ये अब्जॉर्ब हो सके और एनर्जी के तौर पर काम कर सके। जब ग्लूकोज हमारी सेल्स में पहुंच जाता है तो खाने के बाद हमारा ब्लड शुगर लेवल वापिस नॉर्मल हो जाता है। पर जब हम इंसुलिन रेजिस्टेंस होने पर, हमारी सेल्स, इंसुलिन की तरफ सही से रिएक्ट नहीं कर पाती है और इसके कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ रहता है क्योंकि पैंक्रियाज ब्लड शुगर लेवल को नॉर्मल करने की कोशिश में कुछ और इंसुलिन भेजती है। अंत में जो शुगर ब्लड में नहीं मिलती है, वह बेली के आस-पास जमा होने लगती है और इसके कारण कई अन्य लक्षण भी नजर आते हैं।
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किसी भी बीमारी के शुरूआती लक्षणों को पहचानना जरूरी है। इसलिए, अगर आपको गर्दन का रंग गहरा हो रहा है और बेली फैट बढ़ रहा है, तो इस पर ध्यान दें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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