आईवीएफ ( IVF)यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन एक रिप्रोडक्टिव टेक्नोलोजी है। कई कपल्स, जो नेचुरल तरीके से बेबी प्लान नहीं कर पा रहे हैं, वे इसका सहारा लेते हैं। आईवीएफ ने उम्मीद छोड़ चुके कई सारे कपल्स की जिंदगी में खुशियां भरी हैं। हालांकि, आईवीएफ के सक्सेस होना, सिर्फ मेडिकल कंडीशन्स या टेक्नोलॉजी पर निर्भर नहीं करता है। बल्कि इसके लिए लाइफस्टाइल से जुड़ी कई आदतें जिम्मेदार हैं। खान-पान से लेकर पूरी नींद और स्ट्रेस तक, कई ऐसी चीजें हैं, जो आईवीएफ पर असर डाल सकती हैं। इस बारे में डॉक्टर सी.ज्योति बुदी, मेडिकल डायरेक्टर, फर्टी9 फर्टिलिटी सेंटर, जानकारी दे रही हैं।
सही डाइट, फर्टिलिटी को सुधारने और आईवीएफ प्रोसेस की सक्सेस में अहम भूमिका निभाती है। फॉलिक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर डाइट दरूरी है। वहीं, प्रोसेस्ड फूड, सैचुरेटेड फैट और ज्यादा शुगर वाले खाने से हार्मोनल असंतुलन होता है और फर्टिलिटी के चांसेज को कम करता है। वजन का सही होना भी बहुत जरूरी है। मोटापा और कम वजन दोनों ही आईवीएफ की सफलता पर असर डालते हैं।
आईवीएफ प्रोसेस (IVF) की सक्सेस आपकी फिटनेस और फिजिकल एक्टिविटी पर भी निर्भर करती है। फिजिकल एक्टिविटी, रोजाना एक्सरसाइज, हार्मोन्स को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है। इससे प्रजनन अंगों में ब्लड फ्लो बेहतर होगा। हालांकि, इस बात का भी ध्यान रखें कि जरूरत से ज्यागा एक्सरसाइज से भी फर्टिलिटी पर असर पड़ता है। इसलिए सही बैलेंस बनाए रखें।
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आईवीएफ सिर्फ फिजिकली ही नहीं, बल्कि इमोशनली भी असर डालती है। जिससे स्ट्रेस और घबराहट का लेवल बढ़ सकता है। क्रॉनिक स्ट्रेस का नेगिटिव इफेक्ट, फर्टाइल हार्मोन्स पर पड़ता है, जिससे काफी हद तक आईवीएफ की संभावना कम हो सकती है। माइंडफुलनेस, योग और ध्यान करने जैसी तनाव कम करने की टेक्नीक्स, इमोशल हेल्थ और आईवीएफ की सफलता दर, दोनों में काफी सुधार कर सकती हैं।
अच्छी और पूरी नींद, सेहत और हार्मोनल बैलेंस के लिए बहुत जरूरी है। आईवीएफ के दौरान अच्छी नींद, शरीर की बैलेंस फिजियोलॉजिकल कंडीशन को बनाए रखने में मदद करता है। इससे भ्रूण का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण और गर्भावस्था के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
धूम्रपान, शराब का सेवन और नशीले पदार्थ लेने से प्रजनन और आईवीएफ की सफलता पर काफी गहरा असर पड़ता है। धूम्रपान से एग और स्पर्म की गुणवत्ता को नुकसान पहुंच सकता है, प्रत्यारोपण की दर कम होती है और मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह, शराब का अत्यधिक सेवन और ड्रग का इस्तेमाल करने से प्रजनन की कार्यप्रणाली बिगड़ सकती है। इन हानिकारक आदतों को छोड़ने से आईवीएफ के सही रिजल्ट मिल सकते हैं।
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