पीरियड्स के समय महिलाओं को न केवल दर्द बल्कि अन्य समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। कई बार पैड के कारण रैशेज पड़ जाते हैं। इसमें जांघो और वेजाइना की त्वचा छिल जाती है, जिसकी वजह से बेहद दर्द होता है और चलने में भी परेशानी होती है। अगर समय रहते ही इसका इलाज न किया जाए तो यह समस्या बढ़ सकती है। रैशेज को कम करने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय अपना सकती हैं।
नारियल का तेल
नारियल का तेल त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसके इस्तेमाल से कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याएं नही होती है। इसलिए अगर पीरियड पैड के कारण आपके रैशेज पड़ गए हैं तो आपको नारियल का तेल लगाना चाहिए। इस तेल में मॉइश्चराइजिंग और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। इसका इस्तेमाल रोजाना रात को सोने से पहले करें।
इसके लिए पहले रैश वाली जगह को ठंडे पानी की मदद से साफ कर लें। अब एक कॉटन बॉल लें। इसे नारियल के तेल में भिगोएं। फिर जहां रैशेज हुए हैं, वहां डैब करके लगा लें। इस दौरान कोई ढीला पजामा या शॉर्ट्स पहनें, ताकि यह त्वचा पर चिपके नहीं।
नीम की पत्तियों का करें इस्तेमाल
नीम की पत्तियां न केवल स्वास्थ्य बल्कि त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होती है। इसलिए बरसों से इसका इस्तेमाल दवाई से लेकर ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने के लिए किया जाता आ रहा है। नीम की पत्तियों में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। इसे लगाने से आपको पैड रैशेज से राहत मिलेगी।
इसके लिए सबसे पहले एक बर्तन में पानी को अच्छे से उबाल लें। इसके बाद इसमें 20 नीम की पत्तियां डालें। इसे कुछ देर पकने दें। फिर गैस को बंद कर दें और ठंडा होने के लिए रख दें। फिर इसे नहाने के पानी में मिलाएं। आप इससे नहा भी सकती हैं। इससे न केवल रैशेज ठीक हो जाएंगे,बल्कि त्वचा संबंधी कई समस्याएं भी कम हो जाएंगी।
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बर्फ
पैड के कारण पड़ने वाले रैशेज को ठीक करने के लिए आप बर्फ का उपयोग कर सकती हैं। इसके लिए एक साफ कपड़ा लें। अब कपड़े से बर्फ को ढक दें। अब इसे रैशेज वाली जगह पर लगाएं। इससे जलन और दर्द में राहत मिलेगी।(पैड या टैम्पोन क्या है बेहतर)
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रैशेज से बचाव के उपाय
- कॉटन पैड का इस्तेमाल करें। इससे रैशेज होने की संभावना कम होती है।
- रैशेज न हो इसके लिए मेंस्ट्रुअल कप या टैम्पोन का उपयोग करें।
- फ्रेग्नेंस वाले पैड का भूलकर भी इस्तेमाल न करें। इनमें केमिकल की मात्रा अधिक होती है, जो रैशेज का कारण बन सकता है।
- पीरियड्स के दौरान कम से कम 3-4 घंटे में पैड बदलें। इससे स्किन इंफेक्शन नहीं होता है।
- टाइट और सिंथेटिक कपड़े न पहननें। इससे पसीना ज्यादा होता है, जिससे रैशेज पड़ सकते हैं।
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