कैंसर ट्रीटमेंट के बीच मैड्रोसिस की शिकार हुईं हिना खान, जानें क्या है यह बीमारी

एक्ट्रेस हिना खान कैंसर से जंग लड़ रही हैं। इस दौरान उन्हें मैड्रोसिस का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीर में साफ देखा जा रहा है कि एक्ट्रेस की आईलैशेज पूरी तरह से झड़ गई है।
  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2024-10-16, 16:55 IST
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कैंसर की जंग लड़ रही हिना खान का आत्म विश्वास काबिले तारीफ और प्रेरणादायक है। हिना हर कुछ समय अंतराल और किमो के बाद अपना एक्सपीरियंस और सेहत की अपडेट अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए देती रहती हैं। कैंसर वॉरियर हिना ने हाल ही में अपनी कीमोथेरेपी की लास्ट साइकिल के दौरान कुछ फोटोज शेयर की हैं, जिसमें उनकी पलकों का बचा हुआ बस एक ही बाल दिख रहा है।

टीवी एक्ट्रेस हिना खान अपनी जिंदगी की सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही हैं। हिना खान ब्रेस्ट कैंसर की जंग लड़ रही हैं। उनकी कीमोथेरेपी चल रही है, इस दौरान भी बीच बीच में वो इवेंट में नजर आती हैं। कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स के चलते उन्हें और भी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में हिना खान ने सोशल मीडिया पर अपनी एक तस्वीर साझा की है जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि उनकी पलकों पर सिर्फ एक ही बाल नजर आ रहा है, और उसे ही वह अपनी ताकत बता रही हैं। दरअसल हिना कोमैड्रोसिस हुआ है। इससे पहले हिना को माइकोसिस हुआ था। आइए जानते हैं क्या होता है मैडरोसिस। इसको लेकर हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बात की। Dr. Anil Thakwani , Consultant and Senior oncologist, Shardacare-Health City ने इस बारे में जानकारी साझी की है।

क्या होता है मैड्रोसिस?

मैड्रोसिस से तात्पर्य है बालों का झड़ना या पतला होना, जिसमें आइब्रो और आईलैशेज भी शामिल हैं। यह कैंसर के उपचार के दौरान और बाद में हो सकता है। यह आमतौर पर कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, और कुछ लक्षित उपचारों से जुड़ा होता है जो कैंसर के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं। जबकि सिर के बालों का झड़ना सामान्यतः पहचाना जाता है, मैड्रोसिस आइब्रो और आईलैशेज को भी प्रभावित करता है, जो मरीजों पर गहरा भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है।

मैड्रोसिस के कारण?

एक्सपर्ट बताते हैं की कीमोथेरेपी की दवाई तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाओं जैसे कैंसर की कोशिकाओं को लक्षित करती है, लेकिन यह हेल्दी कोशिकाओं को भी प्रभावित करती है, जो जल्दी विभाजित होती है जैसे की बालों के फॉलिकल्स, इसके परिणामस्वरूप मरीजों को आमतौर पर उपचार शुरू करने के कुछ सप्ताह बाद मैड्रोसिस का सामना करना पड़ सकता है। रेडिएशन थेरेपी खास करके जब रेडिएशन चेहरे की और निर्देशित किया जाता है तो इन क्षेत्रों में बालों के झड़ने का कारण भी बन सकता है।मैड्रोसिस की गंभीरता रेडिएशन की मात्रा और स्थान पर निर्भर करती है।

एक्सपर्ट बताते हैं कि टार्गेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी,इसके इलाज करने का तरीका कीमोथेरेपी से अलग होता है, इससे भी मैड्रोसिस में योगदान हो सकता है। ये इलाज भी साइड इफेक्ट के रूप में बालों के पतले होने या झड़ने का कारण बन सकते हैं,हालांकि इसका प्रभाव अलग अलग मरीजों को अलग अलग तरह से हो सकता है।

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मैड्रोसिस अस्थायी या स्थायी हो सकती है। कई मामलों में इलाज खत्म होने के बाद बाल फिर से उगना शुरू हो जाते हैं, हालांकि नए उगे बालों की बनावट और रंग पहले से अलग हो सकती है।

मैड्रोसिस के कारण मेंटल हेल्थ पर काफी असर पड़ता है क्योंकि यह मरीज के पूरे लुक को प्रभावित करता है, इससे आत्म सम्मान में कमी और भावनात्मक तनाव पैदा हो सकता है। कई मरीज इससे निपटने के लिए मेकअप फॉल्स आईलैशेज या माइक्रोब्लेडिंग का सहारा लेते हैं।

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Image Credit: @𝑯𝒊𝒏𝒂 𝑲𝒉𝒂𝒏/Freepik

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