सावधान! कहीं स्‍मार्टफोन आपके बच्‍चे का खिलौना तो नहीं, तो हो सकती है ये बीमारी

क्‍या आपके बच्‍चे को भी है स्‍मार्टफोन की लत तो सावधान हो जाएं क्‍योंकि इससे बच्‍चे में इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। जानिए कौन सी है ये बीमारी।

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आजकल के बच्‍चे पार्क में जाकर खेलने की बजाय अपना ज्‍यादातर समय स्‍मार्टफोन पर बिताते हैं। जी हां आज के समय में बच्‍चे घंटों स्‍मार्टफोन को देखने या गेम खेलने में निकल देते है। यहां तक कि कुछ पेरेंट्स भी कभी बच्‍चों को बहलाने तो कभी उनकी जिद्द के कारण अपना मोबाइल उन्‍हें दे देते हैं। जैसे मोबाइल बच्‍चों का खिलौना हो। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि यह आपके बच्‍चे की सेहत के लिए कितना नुकसानदेह हो सकता है।

चिकित्सकों का कहना हैं कि स्मार्टफोन व वीडियो गेम आदि पर दिन में 7 घंटे से ज्यादा समय बिताने वाले 9 से 10 साल की उम्र के बच्चों के कॉर्टेक्स (ब्रेन की बाहरी परत) समय से पहले पतले हो सकते हैं। हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉक्‍टर के.के. अग्रवाल ने कहा, "स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से सिर्फ आंखें ही प्रभावित नहीं होती हैं, बल्कि पहले 6 वर्षो में एक बच्चे का ब्रेन तेजी से विकसित होता है और उसे निष्क्रिय बैठे रहने के बजाय रचनात्मक स्टिमुलेशन की जरूरत होती है। स्क्रीन कंटेंट केवल निष्क्रियता को बढ़ाती है।"

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ब्रेन के विकास पर असर

उन्होंने कहा, "एक समय में 10 मिनट से ज्यादा एक्सपोजर ब्रेन के विकास को प्रभावित कर सकता है। आज स्क्रीन टाइम में वृद्धि हुई है, विशेष रूप से बच्चों में। हालांकि काम निपटाने के लिए यह उपयोगी लग सकता है या बच्चे को वीडियो चलाकर खाना खिलाना आसान हो सकता है, लेकिन इसके कई दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं।"

डॉक्‍टर ने कहा कि भोजन के दौरान फोन पर कुछ देखते हुए खाने वाले बच्चे ज्यादा खुराक ले सकते हैं। वे भोजन और मनोरंजन के बीच अस्वास्थ्यकर कनेक्शन बनाना शुरू कर सकते हैं। मायोपिया या शॉर्ट-साइट के लिहाज से भी स्क्रीन पर बहुत अधिक समय लगाना जोखिमपूर्ण हो सकता है। यह आंखों पर अत्यधिक तनाव पैदा कर सकता है और आंखों के ड्राईनेस का कारण बन सकता है।

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संयम ही अच्छे हेल्‍थ की कुंजी

डॉक्‍टर अग्रवाल ने बताया, "गैजेट्स के माध्यम से अलग-अलग स्ट्रीम द्वारा प्राप्त जानकारी ब्रेन के ग्रे-मैटर के घनत्व को कम कर सकती हैं, जो संज्ञान और भावनात्मक नियंत्रण के लिए जिम्मेदार है। इस डिजिटल युग में, संयम ही अच्छे हेल्‍थ की कुंजी होनी चाहिए, यानी प्रौद्योगिकी का कम से कम उपयोग होना चाहिए।"

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मोबाइल की आदत से बचने के टिप्‍स

  • उन्होंने कुछ सुझाव देते हुए कहा, "बच्चों को बिजी रखने के लिए, फोन देने के बजाय, उनके साथ बातचीत करें और उनके साथ कुछ समय बिताएं। इससे किसी डिवाइस की जरूरत नहीं रहेगी।
  • कंप्यूटर या टीवी को घर के खुले स्थान पर रखें। इस तरह उनके उपयोग को ट्रैक करना और स्क्रीन टाइम को सीमित करना आसान होगा।
  • पूरे घर के लिए दिन में कुछ घंटे जीरो स्क्रीन टाइम होने चाहिए।"
  • डॉक्‍टर ने यह भी कहा, "अगर, पेरेंट्स के रूप में आप मोबाइल और कंप्यूटर के लिए बहुत समय लगाते हैं, तो बच्चे स्वाभाविक रूप से आपके जैसा करेंगे। उनके लिए एक सकारात्मक भूमिका का मॉडल सामने रखें।
  • भोजन के समय स्क्रीन से दूर रहना चाहिए और परिवार के साथ बैठकर खाने के लिए एक समय नियत होना चाहिए। इसका नियम से पालन करें।
  • सुनिश्चित करें कि बच्चे बाहरी एक्टिविटी में पर्याप्त समय बितायें। इससे उन्हें स्मार्टफोन का उपयोग कम करने की प्रेरणा मिलेगी।"
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