Holi Special: क्‍या 'Chandi-ke-Warq' में भी होते हैं चांद की तरह दाग?

आपकी नजर चांदी के वर्क से सजी मिठाईयों पर पड़ती हैं, आप खुद को इन्‍हें खरीदने से रोक नहीं पाती हैं। हालांकि आप इस बात से अनजान हैं कि eye-catching silvery glitter सिल्‍वर नहीं बल्कि अन्‍य टॉक्सिन metal है।

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-02-28, 14:26 IST
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होली यानी रंगों और गुजियों का त्यौहार।
जी हां होली आने वाली है और आप रंगों से खेलने के साथ-साथ चांदी के वर्क से सजी गुजिया और काजू की बर्फी को खाने से खुद को रोक नहीं पायेगी।
जी हां जैसे ही आपकी नजर चांदी के वर्क से सजी मिठाईयों पर पड़ती हैं, आप खुद को इन्‍हें खरीदने से रोक नहीं पाती हैं। हालांकि आप इस बात से अनजान हैं कि eye-catching silvery glitter सिल्‍वर नहीं बल्कि अन्‍य टॉक्सिन metal है। इस बारे में हमें डॉक्‍टर सौरभ अरोड़ा बता रहे हैं। वह Arbro और Auriga में testing laboratory और research business के प्रमुख हैं।

डॉक्‍टर सौरभ अरोड़ा का कहना हैं कि सिल्वर लीफ शताब्दी से आयुर्वेद की दवा का एक हिस्सा रहा है और उसे पाक कला के लिए सजाया जाता था। यह विशेष रूप से मुगलई और अवधि व्‍यंजन का पसंदीदा घटक था और शाही टुकड़ा, बिरयानी, कोरमा और कबाब में इसका इस्‍तेमाल होता था। और आज भी पान, ड्राई फ्रूट, सुपारी और इलायची और अन्य फूड्स में इसका इस्‍तेमाल होता है क्योंकि

  • इससे फूड्स रिच दिखते है।
  • सिल्‍वर में antimicrobial गुण होते हैं इ‍सलिए यह बैक्‍टीरिया के विकास को रोकता है।
  • दूषित पदार्थों से खराब होने से रोकता है।
  • इससे बिना preservatives का प्रयोग किये फूड्स की लाइफ को बढ़ाया जा सकता है।

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चांदी के वर्क में मिलावट

सिल्‍वर लीफ में मिलावट आपकी हेल्‍थ के लिए खतरनाक हो सकती है। त्‍योहारों के दौरान मिलावट बहुत ज्‍यादा बढ़ जाती है और असावधान उपभोक्‍ता आसानी से इसका शिकार हो जाता है। चांदी के वर्क या सिल्‍वर लीफ में मिलावट अक्‍सर food regulators द्वारा पकड़ी जाती है जिसमें शामिल हैं

  • एल्युमीनियम के साथ चांदी का प्रतिस्थापन।
  • चांदी की खराब गुणवत्ता जिसका इस्तेमाल 999 शुद्धता का नहीं हो सकता है।
  • तैयारी के अस्‍वच्‍छ तरीके
  • Workshops में दूषित वातावरण प्रदूषण का कारण बन, foodborne diseases का खतरा बढ़ता है।
  • निकल, सीसा, कैडमियम जैसे भारी धातु के संदूषण के निशान।

Food Business Operators (एफबीओ) खुद ही उपभोक्ता हैं इसलिए उन्हें विनियमों का पूरा अनुपालन सुनिश्चित और self-inspection करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सिल्वर लीफ में किसी भी तरह से कोई मिलावट न हो।

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चांदी के वर्क का manufacturing process

कुछ उपभोक्ताओं के लिए जो संकट पैदा कर रहे हैं, वे कुछ सिल्वर लीफ बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए तरीके हैं। भारत के विभिन्न क्षेत्रों जैसे विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।

  • चमड़े की थैली में सिल्‍वर स्ट्रिप्‍स डालकर ग्रेनाइट पत्‍थर पर कूटना।
  • बैलों और भैसों के आंत में सिल्‍वर डालकर उन्‍हें पतला करने के लिए कूटना।
  • काले पेपर विशेष रूप से treated paper और पॉलिएस्‍टर शीट्स के बीच चॉकलेट को फूड ग्रेड कैल्शियम पाउडर के साथ लेपित करना।
  • आधुनिक मशीनों में प्रसंस्करण।

हालांकि निर्माताओं का कहना है कि आंतों का हर्ब्‍स से इलाज किया जाता है जो उन्हें चांदी के पत्तों पर आंतों के किसी भी भाग को छोड़ने से रोकता है, जिसे अभी भी भारत में कुछ समुदायों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है, इसलिए कुछ निर्माताओं ने चांदी के पत्ते के निर्माण के लिए आधुनिक तरीकों को इस्‍तेमाल करते है।

Food Safety and Standards Authority of India ने नियमों में संशोधन किया है और कहा है कि विनिर्माण प्रक्रिया के किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार के पशु मूल के किसी भी सामग्री का उपयोग करके सिल्वर लीफ का निर्माण नहीं किया जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस नियम के कार्यान्वयन पर रजत पत्थरों के पारंपरिक निर्माताओं द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर रोक लगाई है जो chandi-ka-warq तैयार करने के लिए पशु आंतों का उपयोग करता है क्योंकि इससे सैकड़ों श्रमिकों के लिए नौकरी हानि हो सकती है। ये manufacturers कहते हैं कि सैकड़ों साल पुरानी गुप्त निर्माण पद्धति सिल्वर लीफ को दूषित नहीं करती है और न ही चांदी की गुणवत्ता में बदलाव करती है। अगर कुछ उपभोक्ताओं पर आपत्ति है तो सिल्वर लीफ को शाकाहारी या non-vegetarian के रूप में लेबल किया जा सकता है। इसके लिए Delhi High Court के फैसले का इंतजार करना होगा।

चांदी के वर्क में मिलावट की जांच करने के सिंपल टिप्‍स

  • मिठाई के ऊपर सिल्वर लीफ को साफ करें। अगर अवशेष उंगलियों के लिए चिपक जाती है तो यह एल्युमीनियम के साथ मिलावट है।
  • चांदी का वर्क के छोटे से टुकड़े को जला लें। अगर यह चांदी है तो यह चांदी की बॉल में बदल जाएगी, जबकि एल्‍युमीनियम जल जाएगा और पीछे से राख छोड़ देगा जो गहरे भूरे रंग की होगी।
  • चांदी के वर्क को परखनली में लेकर अगर हाइड्रोक्लोरिक एसिड की एक बूंद डाली जाए तो यह सफेद वेग के साथ टदबाइड हो जाएगा। लेकिन अगर यह मिलावटी है, तो यह टरबाइड नहीं होगा। इसका मतलब है कि इसमें चांदी नहीं बल्कि एल्युमिनियम है।
  • हाथ की हथेलियों के बीच में थोड़ी सी सिल्‍वर लीफ लेकर उसे रब करें। अगर यह चांदी है तो यह गायब हो जाएगा और अगर एल्युमीनियम है तो यह एक छोटी सी गेंद बन जाएगी।

तो इस बार होली पर गुजिया और काजू कतली लेने से पहले चेक कर लें कि कहीं सिल्‍वर लीफ में मिलावट तो नहीं।

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