जिस तरह हमको शारारिक रूप से स्वस्थ्य रहने के लिए योगा और एक्सरसाइज की जरूरत होती है। उसी प्रकार मेडिटेशन शारारिक और मानसिक तनाव को दूर करने का साधन है। जिसको करने के लिए लोगों को एकांत की आवश्यकता होती है। लेकिन एक जगह बैठकर ध्यान लगाने में लोगों को काफी कठिनाई महसूस होती है। इधर-उधर के विचारों से अपने मन को हटाकर, आंखें मूंद कर लोग उस दिव्य प्रकाश या शांति की तलाश करते हैं। और जब दो मिनट में उनको वो अनुभूति नहीं होती तो वह इस प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ देते हैं।
मेडिटेशन क्या है?
मेडिटेशन कोई एक्सरसाइज नहीं है, बल्कि यह एक प्रैक्टिस है। जिसमें एक व्यक्ति विशेष एक विधि का प्रयोग कर या अपने मष्तिस्क को किसी एक विशेष विशेष वस्तु या विचार पर केंद्रित करता है। जिससे वह आत्मिक या आध्यात्मिक सुख का अनुभव कर सके।
मेडिटेशन के फायदे
मेडिटेशन के अनेक फायदे होते हैं इसलिए यह सब लोगों को करना चाहिए। मैडिटेशन से शरीर और बॉडी का स्ट्रेस कम होता है। इससे आपको अपने विचारों और भावनाओं के बारे में ज्यादा अच्छी समझ पैदा होती है। साथ ही यह इमोशनल हेल्थ को इम्प्रूव करने में सहायक होता है। व्यक्ति को जीवन में स्थिरता का आभास होने लगता है।
कैसे करें मेडिटेशन
हमारे मन में हर समय अनेकों विचार चलते रहते हैं। मन में अस्थिरता बनी रहती है। दिमाग में अजीब सी हलचल का अहसास। ऐसी स्तिथि में अपने अनावश्यक विचारों और से हटाकर शुद्ध और शांत वातावरण में आध्यात्मिक सुख का अनुभव करना ही ध्यान होता है। लेकिन प्रश्न उठता है कि जब हम इस विधि में समस्या का अनुभव कर रहे हैं तो मैडिटेशन की अवस्था में कैसे पहुंचे। इसके लिए शायद हमारे ये टिप्स आपके काम आ सकते हैं।
आप शुरुआत में थोड़ा रेस्टलेस होते हैं। मन में चंचलता और अधीरता बनी होती है। मेडिटेशन मुद्रा में बैठने के पहले थोड़ो दिएर तक अपने हाथों को हिलाएं। कुछ हलकी फुलकी एक्सरसाइज कर लीजिए। इसके बाद खुद को रिलैक्स करने की कोशिश करें।
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इस प्रक्रिया पहले कुछ योगा या प्राणायाम आसान करें।
- मेडिटेशन के लिए ऐसी मुद्रा चुनें जिसमें आप लम्बे समय तक बैठ सकें। खुद को रिलैक्स करते हुए इस समय चेहरे पर मुस्कुराहट के भाव रखें।
- मेडिटेशन के पहले 10-15 मिनट तक गहरी सांस लें। इससे आपका शांत भाव में जाना आरम्भ होता है।
- इस समय खाली पेट रहें और इसके लिए सुविधाजनक समय चुनें।
मेडिटेशन आंतरिक सुख को अनुभव करने का और अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का एकमात्र विकल्प है। आप इसके जरिए अपने जीवन में उत्साह, शान्ति और धैर्य क्षमता में वृद्धि का अनुभव कर सकते हैं। इसलिए समय रहते इसको अपने जीवन का भाग बना लें ताकि आप स्वयं के अस्तित्व को पहचानकर आतंरिक सुख का अनुभव कर सकें।
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