यूं तो ध्यान यानी मेडिटेशन करना सभी के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि यह तन और मन दोनों को दुरुस्त रखता है। इसके अलावा मेडिटेशन करने से चेहरे पर एक अलग तरह का ग्लो भी आता है। जी हां मेडिटेशन केवल मन के लिए ही नहीं बल्कि हमारी बॉडी के लिए भी काफी अच्छा होता है। इसलिए हर किसी को रोजाना कुछ देर मेडिटेशन जरूर करना चाहिए। लेकिन क्या आप जानती हैं कि यह आपके बच्चों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। अगर आपका बच्चा रोजाना कुछ मिनट मेडिटेशन करता है तो बच्चों में तनाव, भूख और वजन को कम करने में हेल्प मिलती है। साथ ही मेडिटेशन से बच्चों की याददाश्त और कंसंट्रेशन दोनों तेज होती हैं। हाल ही में हुए शोध में खुलासा हुआ कि मोटापे और घबराहट से जूझ रहे बच्चों को मेडिटेशन करने से फायदा हो सकता है। आइए जानें कि मेडिटेशन बच्चों की हेल्थ के लिए किस तरह से फायदेमंद हो सकता है।
होता है वेट कंट्रोल
मेडिटेशन एक मनोवैज्ञानिक तकनीक है, जिसमें मेेडिटेशन के द्वारा निजी जागरूकता को बढ़ाकर, बीमारियों से संबंधित तनाव को दूर किया जाता है। ऐसे में डाइट और मेडिटेशन का इस्तेमाल करके मोटे बच्चों में वेट लॉस को बेहतर किया जा सकता है। पत्रिका इंडोक्राइन कनेक्शन में प्रकाशित शोध में पाया गया कि मोटापे से पीड़ित जिन बच्चों को कम कैलोरी वाले डाइट के साथ मेडिटेशन करने को कहा गया। उनमें वजन, भूख और स्ट्रेस को कम पाया गया।
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तनाव और चिंता कम करें
मेडिटेशन का एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह तनाव कम करने में बेहद प्रभावी है। आजकल के बच्चों पर पढ़ाई का इतना प्रेशर है कि वह तनाव में रहने लगे है। लेकिन अगर वह मेडिटेशन करते हैं तो इससे तनाव कम होता है और मन को शांति मिलती है। जी हां इससे बच्चों को अपनी सांस और अन्य शांत तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करना सिखाकर, उन्हें शांत रहने में हेल्प करता है।
बेहतर विकास में मददगार
बच्चों के बेहतर विकास में मेडिटेशन एक अहम भूमिका निभाता है। इससे मन तो रिलैक्स होता है साथ ही ही इससे बच्चे की मेमोरी व एकाग्रता दोनों बेहतर होती है। जिससे बच्चे पढ़ाई से लेकर खेलकूद में बेहतर परफॉर्म कर सकते हैं। इतना ही नहीं, मानसिक रूप से स्थिर व शांत होने के कारण वह विपरीत परिस्थितियों में भी घबराते नहीं है और बेहतर निर्णय लेते हैं।
गुस्से पर कंट्रोल
बच्चों की आदत होती हैं कि वह हर छोटी-छोटी बातों पर जिद करने लगते हैं और कई बच्चों को गुस्सा भी बहुत आता है। लेकिन रोजाना कुछ मिनट मेडिटेशन करने से बच्चे अपनी भावनाओं पर काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।
त्वचा होती है और भी ज्यादा ग्लोइंग
यूं तो बच्चों की त्वचा पर ग्लो होता है लेकिन रोजाना मेडिटेशन करने से बच्चों के चेहरे का ग्लो और भी ज्यादा बढ़ जाता है। जी हां मेडिटेशन करने से बॉडी के सेल्स एवं इंद्रियों को कंट्रोल कर मसल्स को आराम मिलता है और नए स्किन सेल्स का निर्माण कर शरीर को क्रियाशील बनाता है।
अनिद्रा की समस्या दूर करें
कई बच्चों को सोने में कठिनाई होती है। नींद का असर शरीर के हर कार्य के साथ-साथ मूड और आत्मविश्वास को प्रभावित करती है। मेडिटेशन आटोनोमिक नर्वस सिस्टम को बैलेंस करने में मदद कर सकता है, जिससे नींद आसानी से आ जाती है।
बच्चे मेडिटेशन की शुरुआत कैसे करें
स्टेप # 1: बातों से शुरुआत करें। बच्चों को पढ़ाने से पहले, खुद मेडिटेशन करना शुरू करें, भले ही वह दिन में दो बार सिर्फ 5 मिनट का हो। मेडिटेशन मुश्किल नहीं होना चाहिए यह उतना ही सरल हो सकता है जितना कि आपकी सांस लेना।
स्टेप # 2: फायदों के बारे में बताएं। जी हां अगर फायदे समझ में आ जाए तो बड़ों की तरह, बच्चों को भी प्रेरित किया जा सकता है। बच्चों को सिखाएं कि मेडिटेशन ब्रेक लेने, आराम करने, सोने, फोकस करने या आरामदायक महसूस करने में कैसे हेल्प कर सकता है।
स्टेप # 3: इसे आसानी से करने के लिए मेडिटेशन स्क्रिप्ट या वीडियो का इस्तेमाल करें। सबसे पहले, बच्चों की मेडिटेशन स्क्रिप्ट को फॉलो करना मददगार हो सकता है। शब्दों से परिचित होने के लिए पहले स्क्रिप्ट के माध्यम से पढ़ें। फिर, इसे स्वयं आज़माएं ताकि आप इसे आसानी से समझा सकें। अगर कोई बच्चों का मेडिटेशन वीडियो उपलब्ध है, तो आप वास्तव में अपने बच्चों के साथ मिलकर इसे फॉलो कर सकती हैं।
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