सेक्सुअल एक्टिविटी से आप अच्छा महसूस करती है लेकिन अन्य बहुत सी चीजों की तरह अपने साथ जोखिम लेकर आता है। जी हां बहुत सी मजेदार चीजें जैसे साहसी खेल और जंक फूड मजेदार होने के बावजूद जोखिम से भरपूर होते हैं। ठीक वैसे ही प्रेग्नेंसी सेक्स का परिणाम है, जो आप पर निर्भर करता है कि आप उसका स्वागत करती है या नहीं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि इसके साथ यौन संचारित बीमारियां भी (एसटीडी) एक तरह का प्रभाव है जिसके बारे में शायद ही आप कभी बात करती हो।
जब हम एसटीडी की बात करती है तो हमारे दिमाग में तुरंत एड्स या एचआईवी आने लगता है क्योंकि एसटीडी के बारे में व्यापक रूप से बात की जाती है। लेकिन अगर सेफ सेक्स नही करती हैं तो आप कई तरह की बीमारियों और इंफेक्शन की चपेट में आ सकती हैं। यहां हमने ऐसी ही एसटीडी के प्रकार और उसने बचने के बारे में जानकारी दी है जिनकी मदद से आप खुद को और अपने पार्टनर को इससे बचा सकती हैं।
यह सबसे आम सामान्य गलत धारण है कि केवल वैजाइनल सेक्स किसी भी समस्या का कारण बन सकता है। लेकिन किसी भी प्रकार का सेक्स- वैजाइनल, एनल या ओरल सेक्स, जब बिना किसी प्रोटेक्शन के किया जाता है तो इंफेक्शन या रोग हो सकता है।
प्राइवेट पार्ट और आंखों में होने वाला एक कॉमन इंफेक्शन, क्लैमाइडिया का आसानी से इलाज किया जा सकता है। इसके लक्षणों में पेल्विक एरिया और पेट के निचले हिस्से में दर्द, वैजाइन डिस्चार्ज में बदलाव, या सिस्टाइटिस (यूरिन ट्रैक्ट इंफेक्शन का एक प्रकार) शामिल हैं।
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यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो प्राइवेट पार्ट पर दर्दनाक घावों का कारण बनता है। इसके कारण पुरुषों और महिलाओं के प्राइवेट पार्ट पर व उनके आस-पास खुले घाव (गहरे छाले) होने लगते हैं। यह एक प्रकार का यौन संचारित रोग होता है, इसका मतलब है कि यह यौन संपर्क के कारण फैलता है। आमतौर पर यह विकासशील देशों में अधिक पाया जाता है।
सामान्य रूप से प्यूबिक लाइस के रूप में जाना जाता है, यह एक इंफेक्शन है जो एक साथी से दूसरे में प्यूबिक लाइस के जाने से होता है। प्यूबिक लाइस को ‘क्रैब्स’ के नाम से भी जाना जाता है। ये छोटे परजीवी होते हैं जो आपकी स्किन से ब्लड चूसते हैं।
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हर्पीस एक वायरल इंफेक्शन है जो आपको लंबे समय तक प्रभावित कर सकता है। यह त्वचा, गर्भाशय ग्रीवा, और प्राइवेट पार्ट को प्रभावित करता है। अधिकांश मामलों में जेनिटल हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस प्रकार 2 (एचएसवी -2) द्वारा संक्रमण के कारण होता है। हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस टाइप 1 (एचएसवी -1) अधिक बार ठंडे घाव या बुखार फफोले का कारण होता है। लेकिन यह जेनिटल हर्पीस के कारण भी हो सकता है। जेनिटल हर्पीस के अधिकांश लोगों को लगता है कि उन्हें यह नहीं है। इसका कारण यह है कि क्योंकि इसके अधिकांश लोगों में इसके हल्के लक्षण तो कुछ में इसके बिल्कुल भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।
जेनिटल वार्ट्स पूरे विश्व में सबसे आम पाया जाने वाला यौन संचारित रोग है। इसमें प्राइवेट पार्ट पर मस्से (वार्टस) हो जाते है। प्राइवेट पार्ट पर मस्से होने का कारण ह्यूमन पैपीलोमावारस (एचपीवी) होता है। प्राइवेट पार्ट पर होने वाले वार्टस का कोई इलाज नहीं है। यह या तो अपने-आप ठीक हो जाते हैं अथवा इन्हें दबाने के लिए आपको उपाय तलाशने होते हैं। जेनिटल वार्टस योनि या गुदा (जननांगों) पर एचपीवी संक्रमण हो सकता है, इसके साथ-साथ यह आपके मुंह और गले में भी हो सकता है।
यह एक अत्यंत संक्रामक वायरल इंफेक्शन है जो लीवर को नुकसान पहुंचाता है और, कुछ मामलों में, कैंसर भी पैदा कर सकता है। इस इंफेक्शन की एक विचित्र बात ये है कि ऐसा हो सकता है कि आपको हेपेटाइटिस बी हो और आपको मालूम भी नहीं हो। ऐसा इसलिए, क्योंकि ऐसा संभव है कि इसके लक्षण दिखाई ना दें। और अगर नज़र आते हैं तो वह फ्लू के लक्षण जैसे होते हैं। लेकिन इस स्थिति में भी आप इससे अपने आस पास के लोगों को संक्रमित कर सकती हैं।
एक वायरल संक्रमण जो जेनिटल वार्ट्स या गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य वृद्धि हो सकती है, जो कभी-कभी कैंसर का कारण बन सकती है।
ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis) को 'ट्रिक' (trich) के नाम से भी जाना जाता है। यह यौन संचारित इंफेक्शन है जो ट्राइकोमोनास वैजिनैलिस नामक एक कोशिकीय प्रोटोज़ोआ के कारण होता है। यह प्रोटोजोआ सेक्स के दौरान एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित होता है। एक सामान्य एसटीडी जो पुरुषों की तुलना में अधिक महिला को प्रभावित करता है, यदि कोई इलाज न किया जाए तो यह एचआईवी का नेतृत्व कर सकता है।
Molluscum Contagiosum एक चेचक वायरस है जिससे त्वचा पर गांठ हो जाती है। Molluscum त्वचा के माध्यम से आसानी से फैलता है। लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं होता है। हेल्दी लोगों में यह कुछ समय बाद अपने आप ही हट जाते हैं। अगर आपको जरुरत है तो इसका इलाज भी किया जा सकता है। Molluscum यौन संपर्क के माध्यम से होता है। यह इंफेक्शन कमजोर इम्युन सिस्टम वाले लोगों में गंभीर होता है। यह वायरस त्वचा के संपर्क, यौन संपर्क और खरोचनें से होते हैं। वायरस वाली चीजों जैसे टॉवल को छूने से भी यह वायरस फैलता है। यह शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह छूने से फैलने वाला इंफेक्शन है।
यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है। यह एक यौन संचारित संक्रमण (एसटीडी) है जो इलाज न कराये जाने पर गंभीर रूप ले सकता है। इसका संक्रमण सिफलिटिक छालों (इसे दर्दरहित छाले भी कहा जाता है) से संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क के माध्यम से भी फैलता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा दरवाज़ों के हैंडल या मेज़ जैसी सतहों को छूने से यह संक्रमण नहीं फैलेगा। इस इंफेक्शन में योनि, गुदा, मलाशय, होंठ और मुंह में छाला हो सकता है।
एक बैक्टीरियल इंफेक्शन जो शरीर में म्सूकस मेम्ब्रेन को प्रभावित करता है। यह वायरस बहुत तेजी से फैलता है। यह आपके गले, योनि और गुदा को संक्रमित कर सकता है। हालांकि इसका इलाज संभव है, लेकिन इसके दुष्प्रभावों को रोकने के लिए सही समय पर इलाज किया जाना जरूरी है।
यह इंफेक्शन और रोग आपके विचार से अधिक आम हैं। लेकिन अगर आप सावधान रहें और निम्न चरणों को ध्यान में रखते हैं, तो वे उपचार योग्य होते हैं।
जितना अधिक आप जानते हैं, उतना ही सुरक्षित रहते हैं - और आपकी सेक्स लाइफ मजेदार होगी।
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