क्या बर्थ कंट्रोल गोलियों और इंजेक्शन से होती है इनफर्टिलिटी? जानें एक्सपर्ट की राय

बर्थ कंट्रोल गोलियों और इंजेक्शन का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है, लेकिन कुछ दावे ऐसे भी किए जाते हैं कि इनकी वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। 

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कॉन्ट्रासेप्शन के कई तरीके होते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा फेमस हैं बर्थ कंट्रोल पिल्स और इंजेक्शन। एक रिपोर्ट कहती हैं कि इन्हें ही 65% बार कॉन्ट्रासेप्शन के लिए यूज किया जाता है। कई बारे तो सालों तक महिलाएं गोलियों का सेवन करती रहती हैं जिससे उनके शरीर पर काफी असर भी पड़ता है। एक तरह से देखा जाए तो बर्थ कंट्रोल के ये तरीके हार्मोन्स पर असर डालते हैं और यही कारण है कि उल्टी, दस्त, पीरियड्स में परेशानी आदि बहुत कुछ आपको परेशान कर सकता है।

पर क्या बर्थ कंट्रोल गोलियों और इंजेक्शन के कारण फर्टिलिटी पर भी असर पड़ सकता है? लैप सर्जन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर गरिमा श्रीवास्तव एमडी (MRCOG (UK)) ने इंस्टाग्राम पर इससे जुड़ी जानकारी शेयर की है। उन्होंने बताया है कि बर्थ कंट्रोल पिल्स और इंजेक्शन का असल वास्तव में किस तरह से पड़ता है।

क्या बर्थ कंट्रोल पिल्स से हो सकती है इनफर्टिलिटी?

डॉक्टर गरिमा श्रीवास्तव का कहना है कि इन गोलियों की वजह से अस्थाई तौर पर समस्या हो सकती है। समस्या कितने समय के लिए होती है वो गोलियों के इस्तेमाल पर निर्भर करता है। कुछ ब्रांड्स में जिन ड्रग्स का इस्तेमाल होता है वो शरीर पर ज्यादा समय के लिए असर डालते हैं। अगर आप बहुत लंबे समय के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल करती हैं तो गोलियों को छोड़ने के बाद कुछ हफ्तों तक इनफर्टिलिटी हो सकती है।

इसी तरह से इंजेक्शन का असर भी होता है, लेकिन इंजेक्शन तय अवधि के लिए लगाए जाते हैं। जैसे एक बार इंजेक्शन लगाने पर उसका असर 1 महीने से लेकर 6 महीने तक रह सकता है। वैसे तो कॉन्ट्रासेप्शन के कई तरीके होते हैं, लेकिन ये दो ही हैं जिन्हें सस्ता और सबसे आसान समझा जाता है।

क्या है कॉन्ट्रासेप्शन का सही तरीका?

कॉन्ट्रासेप्शन का सही तरीका क्या हो सकता है इसके बारे में आपको एक बार गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करना ही चाहिए। आपकी फैमिली प्लानिंग किस तरह की है उसपर भी ये निर्भर करता है कि आपको गोलियों का इस्तेमाल करना चाहिए या फिर किसी परमानेंट तरीके की ओर जाना चाहिए। एक समस्या जिसे कई महिलाएं फेस करती हैं वो ये कि गोलियों को लंबे समय तक इस्तेमाल करने के कारण उनकी बॉडी पर कई तरह के साइड इफेक्ट्स दिखने लगते हैं।

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इनके अलावा बर्थ कंट्रोल पैच भी इस्तेमाल होते हैं जो अभी भारत में उतना ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुए हैं, लेकिन धीरे-धीरे इनका चलन देखा जा सकता है। कई डॉक्टर्स भी अस्थाई तौर पर बर्थ कंट्रोल के लिए इनका इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।

ऐसे मामलों में डॉक्टरी सलाह लेना ज्यादा सही होगा। इंट्रायूटेरिन डिवाइस जैसे कॉपर-टी आदि को लगवाने से आपको परमानेंट या फिर लंबे समय के लिए सुरक्षा मिल सकती है। यही कारण है कि आपको इसके बारे में ज्यादा सोचना चाहिए। बर्थ कंट्रोल का तरीका कोई गायनेकोलॉजिस्ट आपकी फर्टिलिटी और हेल्थ रिपोर्ट के आधार पर तय कर सकता है। कई महिलाओं को हार्मोनल पिल्स सही नहीं लगती हैं ऐसे में आप कुछ स्थाई तरीके के बारे में पूछ सकती हैं।

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