पहले के जमाने में लोग ज्यादातर साइकिल से ही दूरी तय किया करते थे, लेकिन अब शायद साइकिल कहीं दूर पीछे छूट गया है। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई तेजी से चलना चाहता है,और यह सच है की साइकिल से आप इतनी जल्दी दूरी तय नहीं कर सकते हैं,लेकिन लोग कम दूरी के लिए भी बाइक का इस्तेमाल करने लगे हैं।
हालांकि अगर आप सेहतमंद रहना चाहते हैं, दिल और दिमाग को बुढ़ापे तक मजबूत रखना चाहते हैं तो आपको साइकिल को भी अपनी लाइफ में जगह देनी चाहिए,जी हां आपने बिल्कुल सही पढ़ा। साइकिल चलाने से आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं,ऐसा डॉक्टर भी मानते हैं। इसको लेकर हमने एक्सपर्ट से बात की। Dr Ashish Agarwal, Director, department of Cardiology, Aakash Healthcare, New Delhi ने इस बारे में जानकारी दी है।
साइकिल चलाने से दिल और दिमाग दोनों हो सकते हैं मजबूत
Dr Ashish Agarwal बताते हैं कि जो लोग साइकिल चलाते हैं उनका दिल स्वस्थ रहता है। दरअसल साइकलिंग एक तरह की एरोबिक एक्सरसाइज है जो हार्ट के लिए फायदेमंद है इसके आगे के जीवन में हार्ट अटैक का खतरा 25 से 30 पीस दी तक काम हो सकता है साइकिल चलाने से बॉडी का फैट बर्न होता है, जिससे वेट लॉस होता है। वजन घटने से डायबिटीज हाई बीपी कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है।
इससे बेसलाइन हार्ट रेट में बदलाव होता है। पैरा सिंपैथेटिक ड्राइव बढ़ती है, जिससे हार्ट रेट कम होती है और जिन लोगों की हार्ट रेट कम होती है ऐसे लोगों को हार्ट फेल्योर का खतरा कम होता है। साइकिलिंग करने से बीपी कंट्रोल रहती है। साइकिलिंग से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती है रक्त में वसा का स्तर कम होता है। इस तरह से आप हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकते हैं
वहीं साइकिल चलाने से आपका मेंटल हेल्थ भी सही रहता है। इससे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे मस्तिष्क में अधिक ऑक्सीजन पहुंचता है। इस तरह से नए मस्तिष्क कोशिकाओं को बनाने के लिए अधिक प्रोटीन का उत्पादन होता है। इससे आपकी संज्ञानात्मक क्षमता भी बढ़ती है।
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एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर आप फिट है तो आप साइकलिंग कर सकते हैं, लेकिन एक बार हार्ट का चेकअप कराना जरूरी होता है। अगर आप दिल के मरीज हैं और साइकलिंग के जरिए अपने हार्ट हेल्थ को बूस्ट करना चाहते हैं तो आप अपने कार्डियोलॉजिस्ट से इस बारे में बात करें। उनके साल के मुताबिक ही साइकिल चलाएं,कोई भी फिजिकल एक्टिविटी धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए,अचानक से एक्सट्रीम लेवल पर करने से बचना चाहिए ताकी आपकी बॉडी को उसे एडजस्ट करने का वक्त मिले
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Image Credit: Freepik
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