ब्रेस्ट कैंसर आम तौर पर उम्रदराज महिलाओं खासकर 50 साल से ऊपर की उम्र के महिलाओं को होता है, लेकिन हाल के दिनों में कम उम्र में भी लोग ब्रेस्ट कैंसर के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में अब सवाल उठने लगा है कि क्या टीनएजर्स को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है? इस सवाल का जवाब जाने के लिए हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बात की,चलिए जानते हैं इस बारे में डॉ. श्वेता वज़ीर, सलाहकार प्रसूति एवं स्त्री रोग, मदरहुड हॉस्पिटल, गुरुग्राम द्वारा जानकारी दे रही हैं।
क्या टीनएजर्स को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है?
एक्सपर्ट बताती हैं कि ब्रेस्ट कैंसर टीनएजर्स में बहुत ही दुर्लभ होता है, लेकिन असंभव नहीं है। टीनएजर्स में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कम है लेकिन इसके बारे में जागरूकता होना जरूरी है आईसीएमआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में कुल कैंसर का लगभग 14 फीसदी हिस्सा बनता है, लेकिन 20 साल से कम उम्र के युवाओं में इसके मामले बहुत ही कम होते हैं। अधिकांश टीनएजर्स में पाए जाने वाले ब्रेस्ट लंप्स सौम्य होते हैं और इनका कारण फाइब्रोएडेनोमा या सिस्ट जैसी स्थितियां होती हैं, न कि कैंसर।
नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के आंकड़ों के मुताबिक ब्रेस्ट कैंसर 30 साल की उम्र के बाद काफी बढ़ जाती है जबकि किशोरावस्था में इसके मामलों की संख्या न्यूनतम होती है इस वजह से किशोरियों के लिए नियमित ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग के सिफारिश नहीं की जाती है जब तक की परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का मजबूत इतिहास न हो
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किशोरियों में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है लेकिन कुछ कारक जोखिम को बढ़ा देते हैं इनमें से एक है
जेनेटिक्स
अगर परिवार के किसी सदस्य खासकर करीबी रिश्तेदार जैसे मां बहन या दादी को कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तो यह जोखिम बढ़ सकता है कुछ जीन म्यूटेशन जैसे BRCA 1 और BRCA 2 ब्रेस्ट कैंसर के बढ़े हुए जोखिम से जुड़े होते हैं।
रेडिएशन थेरेपी
ऐसी लड़कियां जो रेडिएशन थेरेपी से गुजरी है खासकर छाती के क्षेत्र में जैसे की हॉजकिन्स लिंफोमा उनके ब्रेस्ट कैंसर का खतरा जीवन के बाद के वर्षों में बढ़ सकता है।
हार्मोनल बदलाव
हार्मोनल प्रभाव भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। अगर मासिक धर्म की शुरुआत जल्दी यानी के 12 साल से पहले हुई है तो यह भविष्य में ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को थोडा बढ़ा सकता है। इसका कारण यह है कि लंबे समय तक एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के संपर्क में रहना, जो ब्रेस्ट टिशु के विकास में भूमिका निभाते हैं। यह कैंसर कोशिकाओं के विकास से जुड़ा होता है।
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टीनएजर्स के लिए यह जरूरी है कि वह सामान्य विकासात्मक बदलाव और ब्रेस्ट कैंसर के संभावित चेतावनी संकेत के बीच अंतर करें, किशोरावस्था के दौरान ब्रेस्ट टिशु आमतौर पर नरम गांठदार हो सकता है लेकिन यह बदलाव सामान्य वृद्धि का हिस्सा होते हैं। फिर भी
- अगर लंबे वक्त तक ब्रेस्ट में गांठ या सूजन बनी रहती है तो ध्यान देना चाहिए।
- त्वचा का रंग बदलता है या खिंचाव जैसी समस्या होती है तो सतर्क होना चाहिए
- निप्पल से असामान्य या रक्त स्राव होना एक चिंता का विषय हो सकता है।
- स्तन का आकार या रूप अचानक बदल जाए तो यह जांच की जरूरत हो सकती है।
Image Credit:Freepik
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