ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं को होने वाली बीमारियों में से सबसे कॉमन और सबसे खतरनाक बनता जा रहा है। हालांकि, यह उस तरह का कैंसर है जो सही समय पर पता चल जाए तो पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है, लेकिन फिर भी अगर यह सही समय पर पता नहीं चला, तो दिक्कत खड़ी कर सकता है। ब्रेस्ट कैंसर के बारे में सिर्फ जानकारी रखना ही काफी नहीं है, इसके बारे में सही जानकारी होना जरूरी है।
ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस के बारे में जानने के लिए हमने बेंगलुरु के यशवंतपुर स्थित मणिपाल हॉस्पिटल की सर्जिकल ऑन्कोलॉजी कंसल्टेंट डॉक्टर श्रुति एस से बात की। हमने यह जानने की कोशिश की कि आखिर ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं और वो किन लोगों पर ज्यादा असर करता है।
डॉक्टर श्रुति के मुताबिक, ब्रेस्ट कैंसर तीन अलग-अलग कैटेगरीज में विभाजित किया जा सकता है।
शुरुआती स्टेज - यहां कैंसर सेल्स सिर्फ मिल्क डक्ट्स में होते हैं और शरीर के किसी अन्य हिस्से में नहीं।
लोकल एडवांस ब्रेस्ट कैंसर- इस स्टेज में कैंसर सेल्स अलग-अलग टिशूज में फैलने लगते हैं। इसमें स्किन, ब्रेस्ट मसल्स या फिर लिंफ नोड्स में कैंसर सेल्स आ जाते हैं।
मेटास्टेटिस ब्रेस्ट कैंसर- यहां कैंसर सेल्स ब्रेस्ट टिशू से भी आगे बढ़ जाते हैं जहां लिंफ नोड्स के आगे हड्डियों, लंग्स और लिवर तक कैंसर फैल जाता है।
सबसे पहले टाइप का कैंसर आसानी से ठीक भी किया जा सकता है और इसमें शरीर की पूरी रिकवरी मुमकिन है।
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इस तरह की महिलाओं को हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क कुछ महिलाओं को बाकियों की तुलना में एक्स्ट्रा होता है। ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क फैक्टर्स में ये बातें शामिल हैं।
जेंडर- पुरुषों को भी ब्रेस्ट कैंसर होता है, लेकिन डॉक्टर श्रुति के मुताबिक, 26.3% महिलाओं को ये होता ही होता है। महिलाओं के लिए यह ज्यादा खतरनाक है।
उम्र- ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क आपकी उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता है। हालांकि, लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण कुछ युवा महिलाओं को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।
परिवार में हिस्ट्री- अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट या ओवेरियन कैंसर हुआ है, तो उन्हें ब्रेस्ट कैंसर डेवलप होने का रिस्क बढ़ जाएगा।
जीन्स में म्यूटेशन- कुछ लोगों के शरीर में ऐसे जीन्स बन जाते हैं जिनमें ब्रेस्ट कैंसर का म्यूटेशन दिखता है। जैसे BRCA1 और BRCA2 जीन।
पीरियड्स में गड़बड़ी या जल्दी पीरियड्स का आना - ऐसी लड़कियां जिनका पीरियड बहुत ही कम उम्र में शुरू हो जाता है उन्हें इसका रिस्क हो सकता है।
मेनोपॉज का लेट होना- मेनोपॉज 55 साल की उम्र तक हो जाता है, लेकिन उससे ज्यादा अगर बढ़ रहा है, तो ब्रेस्ट कैंसर डेवलप होने का रिस्क बढ़ सकता है।
रेडिएशन एक्सपोजर- अगर आपका शरीर किसी तरह के रेडिएशन से एक्सपोज हुआ है, तो आपको ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ जाएगा।
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इन सभी चीजों के अलावा, कुछ ऐसे कारण भी होते हैं जिन्हें लाइफस्टाइल से जोड़ा जा सकता है जैसे-
सही डाइट ना लेना - अगर आप अपनी डाइट को ऐसा रखेंगी जिससे मोटापा और कोलेस्ट्रॉल बढ़े, तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होगा। ऐसे ही स्मोकिंग से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बहुत ज्यादा होता है।
प्रेग्नेंसी- ऐसा देखा गया है कि जिन महिलाओं ने कंसीव नहीं किया है उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा रहा है।
ब्रेस्टफीडिंग- ब्रेस्टफीडिंग की वजह से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कम हो सकता है। यह 4.3% कम हो सकती है। ऐसे ही अगर 30 से पहले आपकी प्रेग्नेंसी हो जाती है, तो ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क कम हो जाता है।
हार्मोन रिप्लेस थेरेपी- अगर कोई महिला मेनोपॉज के वक्त HRT करवाती है, तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
अगर आपको ब्रेस्ट में गांठ महसूस हो रही है, उसका साइज बड़ा छोटा दिख रहा है, कोई और परेशानी दिख रही है, तो आप डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
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