कैंसर किसी भी रूप में घातक है, लेकिन बात अगर ब्रेस्ट कैंसर की करें तो यह महिलाओं में होने वाला सबसे मुख्य प्रकार का कैंसर है। चिंताजनक बात यह है कि घातक और आम होने के बावजूद ब्रेस्ट कैंसर के बारे में लोगों में काफी कम जानकारी देखने को मिलती है। यहां तक कि महिलाओं में भी इस बारे में विशेष जागरूकता देखने को नहीं मिलती है, जबकि ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम से बचाव के लिए सही जानकारी का होना आवश्यक है।
इस आर्टिकल में हम लाइफ स्टाइल में किए जाने योग्य उन बदलावों की बात कर रहे हैं, जिनके जरिए ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम कम किया जा सकता है। इस बारे में हमने ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी की चीफ और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नीरू गोयल से बात की उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
डॉ. नीरू गोयल कहती हैं कि मेडिकल वर्ल्ड में किए गए रिसर्च बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में ब्रेस्ट कैंसर की मुख्य वजह आनुवंशिकी के अलावा अनियमित जीवनशैली और खान-पान रही है। ऐसे में अगर जीवनशैली को संयमित किया जाए तो काफी हद तक ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। चलिए अब उन बदलावों की बात कर लेते हैं।
धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन बंद करें
धूम्रपान और अल्कोहल के अधिक सेवन शरीर में कैंसर सेल्स के विकसित होने का खतरा बढ़ता है। इसलिए ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए इनका सेवन बंद करना ही बेहतर है। लेकिन अगर पूरी तरह से इन्हें छोड़ नहीं पा रही हैं तो कम से कम मात्रा में अल्कोहल का प्रयोग करें।
वजन को नियंत्रित रखें
अधिक वजन और शरीर में अतिरिक्त वसा भी कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। दरअसल, अतिरिक्त वसा से शरीर में खतरनाक रसायन उत्पन्न होते हैं, जो शरीर में सूजन और कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने वजन को नियंत्रित रखें। इसके लिए अपनी डाइट उचित बदलाव के साथ ही एक्सरसाइज और योग का अभ्यास कर सकती हैं।
खान-पान में संयम रखें
सेहतमंद रहने के लिए आपके आहार का संतुलित होना बेहद जरूरी है। देखा जाए तो ज्यादातर स्वास्थ्य समस्याएं गलत खान-पान के कारण ही होती हैं, कैंसर भी उनमें से एक है। इसलिए अगर आपको कैंसर के जोखिम को कम करना है तो जंक फूड, फास्ट फूड और स्मोक्ड फूड के स्वाद को छोड़ना पड़ेगा।
हमारी हेल्थ एक्सपर्ट नीरू गोयल के अनुसार, जंक और फास्ट फूड जहां शरीर में अतिरिक्त वसा का निर्माण करते हैं, वहीं स्मोक्ड फूड में कार्बन और दूसरे खतरनाक केमिकल्स पाए जाते हैं। ऐसे में इनके सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
समय पर प्रेग्नेंसी और स्तनपान
दूसरी बीमारियों जैसे ही उम्र के साथ ही ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी बढ़ता है। ऐसे में माना जाता है कि समय पर प्रेग्नेंसी और स्तनपान कराने से महिलाओं में कैंसर का जोखिम काफी कम हो सकता है। वहीं जो महिलाओं बच्चे को जन्म देने के बावजूद स्तनपान नहीं कराती है, उनके लिए इसका जोखिम काफी बढ़ता जाता है। इसके अलावा अधिक उम्र में प्रेग्नेंसी से भी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
हार्मोन थेरेपी में बरतें सावधानी
अगर आप किसी तरह की हार्मोन थेरेपी ले रही हैं तो यह सुनिश्चित कर लें, वो आपके लिए किसी तरह से नुकसानदेह साबित न हो। असल में हार्मोन थेरेपी में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन जैसे हार्मोन का उपयोग किया जाता है, जिससे स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए इस बारे में अपने डॉक्टर से से बात करें और उचित कदम उठाएं।
व्यायाम और शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं
व्यायाम और शारीरिक गतिविधि वजन नियंत्रित रखने में मददगार होने के साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं। एक तरह से शारीरिक गतिविधि शरीर के लिए कैंसर रोधी साबित होती है। इसलिए ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए महिलाओं को अपनी शारीरिक गतिविधि बढ़ाने की सलाह दी जाती है। इसके लिए आप मॉर्निंग वॉक, स्विमिंग और डांसिंग जैसी एक्टिविटी को डेली रूटीन में शामिल कर सकती हैं। इस तरह से खुद को शारीरिक रूप से फिट रखकर आप कैंसर के साथ ही दूसरी गंभीर बीमारियों से बचाव कर सकती हैं।
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Image Credit:Freepik
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