ब्लड प्रेशर से जुड़े इन मिथ्स को सच मान लेते हैं लोग

ब्लड प्रेशर से जुड़े ऐसे कई मिथ्स होते हैं, जिन्हें लोग सच मान बैठते हैं। 

Blood Pressure Myths in hindi

ब्लड प्रेशर एक ऐसा स्वास्थ्य समस्या है, जो आज के समय में अधिकतर लोगों को प्रभावित करने लगी है। कुछ समय पहले तक जहां अधिक उम्र में लोगों को इस हेल्थ प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता था, वहीं अब यंग एज में भी लोग ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं।

यह देखने में आता है कि ब्लड प्रेशर को लेकर काफी हल्के में लेते हैं या फिर उससे जुड़ी कुछ सुनी-सुनाई बातों पर भी भरोसा कर लेते हैं। हो सकता है कि आपने भी ब्लड प्रेशर से जुड़ी कई बातों को लोगों के मुंह से सुना हों और अब आप उन्हें सच मानती हों। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ब्लड प्रेशर से जुड़े कुछ मिथ्स और उनकी वास्तविक सच्चाई के बारे में बता रहे हैं-

मिथ 1- ब्लड प्रेशर सीरियस नहीं है

सच्चाई- आमतौर पर लोग ब्लड प्रेशर की समस्या को बहुत अधिक सीरियसली नहीं लेते हैं। लेकिन वास्तव में हाई ब्लड प्रेशर निश्चित रूप से काफी गंभीर हो सकता है। अगर इसका इलाज ना किया जाए तो इससे कई अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे दिल का दौरा, स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारी, हार्ट फेलियर व अन्य कई प्रॉब्लम्स हो सकती है। इतना ही नहीं, हाइपरटेंशन के कारण समय के साथ व्यक्ति के ऑर्गन भी डैमेज हो सकते हैं।

मिथ 2- केवल अधिक उम्र में ही होती है ब्लड प्रेशर की समस्या

blood pressure problem

सच्चाई- यह एक कॉमन मिथ है कि उच्च रक्त चाप की समस्या व्यक्ति को केवल अधिक उम्र में ही होती है। जबकि ऐसा नहीं है। यह सच है कि ब्लड प्रेशर अधिक उम्र के लोगों में बेहद आम है, लेकिन यह कम उम्र के लोगों यहां तक कि युवाओं को भी अपनी जद में ले सकता है। इसलिए, अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव के जरिए आप ब्लड प्रेशर की समस्याको आसानी से मैनेज कर सकते हैं। मसलन, नमक का सेवन कम करना, हर दिन एक्सरसाइज करना, स्मोकिंग बंद करना और हेल्दी फूड खाकर आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।

मिथ 3- ब्लड प्रेशर नॉर्मल होने पर दवाई लेना बंद कर सकते हैं।

Blood Pressure related myths

सच्चाई- आमतौर पर, ब्लड प्रेशर कम या ज्यादा होने पर लोग दवा का सेवन करते हैं। एक बार जब उनका ब्लड प्रेशर नॉर्मल हो जाता तो वे उसे बंद कर देते हैं। जबकि यह सोच भी सही नहीं है। ब्लड प्रेशर एक ऐसी समस्या है, जिसे लगातार मॉनिटर करने की जरूरत होती है। हो सकता है कि एक बार दवा शुरू करने के बाद आपको नियमित रूप से दवा लेने की आवश्यकता हो। वहीं, कुछ लोग इसे बंद या कम भी कर सकते हैं। हालांकि, दवा में बदलाव करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।(हाई ब्‍लड प्रेशर का रामबाण इलाज हैं ये योग)

मिथ 4- हाई ब्लड प्रेशर का इलाज संभव है।

Problem of high Blood Pressure

सच्चाई- यह भी एक मिथ है। वर्तमान में हाई ब्लड प्रेशर को पूरी तरह से ठीक करने का कोई तरीका नहीं है। लेकिन आप अपने जीवन में कुछ बदलाव करके अपनी सिचुएशन को काफी हद तक मैनेज कर सकते हैं। मसलन- शराब का सेवन कम करना, हेल्दी फूड खाना, एक्सरसाइज, तनाव को कम करना, दवा लेना और अपने वेट को मैनेज करके आप बार-बार होने वाले ब्लड प्रेशर में बदलाव को कम कर सकते हैं।

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मिथ 5- ब्लड प्रेशर केवल पुरुषों को ही प्रभावित करता है।

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सच्चाई- अधिकतर लोगों की यह सोच होती है कि ब्लड प्रेशर की समस्या केवल पुरुषों को ही प्रभावित करती है। खासतौर से, हाई ब्लड प्रेशर तो केवल पुरुषों को ही होता है। जबकि यह सच नहीं है। हाई ब्लड प्रेशर महिलाओं को भी हो सकता है। कुछ ऐसी स्थितियां होती हैं, जब महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर होने का रिस्क बढ़ जाता है। मसलन, वजन अधिक होने से लेकर गर्भनिरोधक गोली लेना, प्रेग्नेंसी या मेनोपॉज के बाद अक्सर महिलाएं हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझती हैं।

तो अब आपके मन के भी यकीनन सारे मिथ्स दूर हो गए होंगे।

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Image Credit- Freepik

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