शहरीकरण के इस दौर में इंसान सिर से लेकर पैर तक बीमार रह रहा है। अस्थमा से लेकर दिल की बीमारियों तक की समस्याओं से हर कोई ग्रस्त है। ऐसे में हर चीज के लिए दवाइयां तो नहीं ली जा सकती। क्योंकि एक समय के बाद दवाइयां भी शरीर पर काम करना बंद कर देती हैं। ऐसे में क्या किया जाए? ऐसे में जितना हो सके विटामिन एन लें। प्रचूर मात्रा में विटमानि एन लेने से आप बीमार नहीं पड़ेंगी।
क्या है विटमानि एन?
विटामिन एन मतलब नेचर विटामिन।
विटामिन एन प्रकृति से प्राप्त होने वाला विटामिन है। विटामिन एन की कमी होने से हर कोई बीमार हो रहा है। ऐसा आजकल प्रकृति से दूर होने के कारण होता है। आपको मालूम होना चाहिए कि हमारे शरीर के लिए जरूरी विटामिन्स में से एक विटामिन एन भी है, जो हमें केवल प्रकृति से ही मिल सकता है। आइए जानते हैं कि विटामिन एन से क्या लाभ होते हैं।
विटामिन 'एन' (नेचर विटामिन) से होने वाले फायदे
आजकल भागमभाग में हर किसी के ऊपर सफल होने का दबाव है जिसके कारण काम बढ़ गया है और इसे बढ़े हुए काम को पूरा करने के कारण लोग भाग रहे हैं और प्रकृति से दूर हो रहे हैं। जबकि विटामिन एन से कई सारे फायदे होते हैं-
- खुश रहते हैं।
- विटामिन सी से लेकर विटामिन डी तक मिलता है।
- दिमाग फ्रेश रहता है।
- फिट रहते हैं।
कई सारी बीमारियों से भी बच जाते हैं।
अस्थमा से बचाव
विटामिन एन लेने से अस्थमा की समस्या नहीं होती है। वैसे तो अस्थमा का कोई प्रकृतिक इलाज नहीं है लेकिन कई रिसर्च में साबित हुआ है कि हमेशा प्रकृति के करीब रहने से दिल और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं जिससे अस्थमा का होने का खतरा नहीं होता। दरअसल वायु प्रदूषण अस्थमा के प्रमुख कारणों में से एक है लेकिन जब हम पौधे व पेड़ों के करीब रहते हैं तो शुद्ध हवा लेते हैं जिससे फेफड़ों और दिल पर प्रेशर नहीं पड़ता है।
लैण्डस्कैप व मानव स्वास्थ्य के प्रोफेसरफ्रैन्सिस कुओ ने शोध की थी। जिसमें पाया गया है कि शहरों में रहने वाले लोगों की अपेक्षा हरियाली और प्राकृतिक वातावरण के निकट रहने वाले लोग ज़्यादा हेल्दी और मेंटली फिट रहते हैं। फ्रैन्सिस कुओ के अनुसार शहरी निवासियों की तुलना में छोटे शहरों में रहने वाले लोग भरोसेमंद व सहायता के लिये तत्पर होते हैं और काफी उच्चतर स्तर का जीवन भी जीते हैं।
नहीं बढ़ता है मोटापा
शहरों में रहने वाले लोगों में आजकल मोटापे की समस्या बहुत ज्यादा होती है। बच्चे भी आजकल मोटे होते जा रहे हैं। शोध बताते हैं कि बचपन में मोटापे की समस्या केवल बच्चों के बाहर ना खेलने की वजह से हो रहा है। दरअसल आजकर बच्चों ने खेलना बंद कर दिया है जिसके कारण उनकी फिजीकली एक्सरसाइज नहीं हो पाती है जिससे उनके शरीर में फैट बढ़ने लगता है और बच्चे मोटे होने लगती हैं।
जबकि रोज एक घंटा खेलने से मोटापे की शिकायत नहीं होती है। इसी तरह बड़े उम्र के लोगों के लिए भी है।
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दिल भी रहता है स्वस्थ
प्रकृति के करीब रहने से दिल भी स्वस्थ रहता है। इस बात में कोई शक नहीं कि एक्सरसाइज के ढ़ेरों स्वास्थ्यलाभ होते हैं, लेकिन प्राकृति की गोद में एक्सरसाइज करने से इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं। शोधों में पाया जा चुका है कि हरी-भरी जगह में एक्सरसाइज करने से बल्ड सर्कुलेशन सही रहता है जिससे दिल स्वस्त रहता है।
तो आज से ही रोज एक घंटा किसी हरी-भरी जगह में घूमना शुरू करें और अपने दिल व हेल्थ को स्वस्थ रखें।
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