मां बनना किसी भी औरत की जिंदगी का एक खूबसूरत पड़ाव होता है। आपने अक्सर मम्मी से या घर के बड़े-बुजुर्गों से सुना होगा कि यह एक ऐसा एहसास है, जो असल में हमें तब समझ आता है, जब हम इस एहसास को जीते हैं। किसी भी नई मां के लिए, यह सफर खूबसूरत भी होता है लेकिन, थोड़ा चैलेंजिंग भी होता है। मां बनने के बाद का वक्त ही नहीं, बल्कि कंसीव करने की प्लानिंग का वक्त, प्रेग्नेंसी जर्नी और डिलीवरी का समय भी किसी महिला के लिए मुश्किल भरा होता है। आज के वक्त में महिलाएं कई कारणों से देरी से मां बनने की प्लानिंग कर रही हैं। इसके पीछे, करियर बनाना, खुद को वक्त देना और हेल्थ कंडीशन्स जैसे कई कारण हो सकते हैं। बेशक यह किसी भी कपल का निजी फैसला है लेकिन, उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं और इनका असर, महिलाओं की फर्टिलिटी पर भी होता है। यहां हम आपको एक ऐसे ही हार्मोन के बारे में बता रहे हैं, जो महिलाओं की फर्टिलिटी पर असर डाल सकता है। उम्र बढ़ने के साथ, इस पर क्या असर होता है और कैसे इसके लेवल को सही रखा जा सकता है, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डॉक्टर दीक्षा भावसार दे रही हैं। डॉक्टर दीक्षा, आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स ब्रांड द कदंब ट्री की फाउंडर और BAMS (Bachelor of Ayurveda Medicine) हैं।
फर्टिलिटी के लिए जरूरी है यह हार्मोन, इन तरीकों से करें बूस्ट
- एंटी-म्युलरियन हार्मोन (एएमएच) एक प्रोटीन हार्मोन है, जो ओवरियन फॉलिकल्स में सेल्स द्वारा बनाया जाता है। यह महिलाओं में एग की क्वालिटी और संख्या के लिए, बहुत जरूरी है।
- फर्टिलिटी और प्रेग्नेंसी के लिए, यह हार्मोन बहुत जरूरी है। इस हार्मोन का लेवल, उम्र के साथ अपने आप कम हो जाता है। इसके कम होने का असर, एग की क्वालिटी और नंबर पर भी होता है। लेकिन, इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि इसका लेवल कम होने पर आप कंसीव नहीं कर सकती हैं। इसके कम होने पर, कंसीव करने में मुश्किल आ सकता है लेकिन, यह पूरी तरह मुमकिन है।
- अगर आपके शरीर में एएमएच का लेवल कम है, तो कंसीव करने के लिए, आपको डाइट और लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव करने होंगे। साथ ही, स्ट्रेस लेवल को मैनेज करना भी जरूरी है।
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- इसे मैनेज करने के लिए, रोजाना प्राणायाम करें। इससे कोर्टिसोल लेवल कम होता है और एग क्वालिटी में सुधार होता है।
- रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक करना भी जरूरी है।
- डाइट में फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स और सीड्स को शामिल करें। ये एंटी-ऑक्सीडेंटस से भरपूर होते हैं और फर्टिलिटी को सुधारने में मदद करते हैं।
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महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ, हार्मोनल हेल्थ में कई बदलाव होते हैं। ऐसे में डाइट और लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखना जरूरी होता है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock
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