हम महिलाओं में सबसे आम हार्मोनल एंडोक्राइन डिसऑर्डर्स में से एक पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम है जिसे आमतौर पर पीसीओएस या पीसीओडी के रूप में जाना जाता है। पीसीओएस एक मेटाबॉलिज्म डिसऑर्डर है, जो ओवेरियन सिस्ट द्वारा होता है।
पीसीओएस की शुरुआत के साथ सेक्स हार्मोन में कमी आती है जिससे महिलाओं में कुछ पुरुष विशेषताओं जैसे चेहरे, चेस्ट, पेट, अंगूठे या पैर की उंगलियों पर अतिरिक्त बाल विकसित होते हैं। अन्य लक्षणों में मुंहासे, पेल्विक पेन और इनफर्टिलिटी शामिल हैं।
यह एक जीवनशैली से संबंधित रिप्रोडक्टिव और एंडोक्राइन डिसआर्डर है जो हार्मोनल गड़बड़ी का कारण बनता है। यह स्थिति आनुवांशिकी, पर्यावरण और यहां तक कि डाइट जैसे कई कारणों से हो सकती है। 15 से 30 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को प्रभावित करने वाले पीसीओएस का इलाज न किए जाने पर मोटापा, कैंसर और हार्ट रोग हो सकता है।
लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि कुछ योगासन की मदद से आप इसके लक्षणों को कंट्रोल कर सकती हैं। इन योगासन की जानकारी हमें योगा मास्टर, फिलांथ्रोपिस्ट, धार्मिक गुरू और लाइफस्टाइल कोच ग्रैंड मास्टर अक्षर जी दे रहे हैं।
तितली आसन
- इसकी दंडासन से शुरुआत करें।
- पैरों को मोड़ें और तलवों को एक साथ लाएं।
- एड़ी को पेल्विक के करीब खींचे।
- धीरे से घुटनों को ऊपर और नीचे फड़फड़ाना शुरू करें।
- 3 सेट में 1.5 मिनट से 2 मिनट तक दोहराएं।
श्वास पद्धति
- सांस छोड़ते हुए घुटनों को नीचे करें। जैसे ही आसन से मुक्त होते हैं सांस लें।
बद्ध कोणासन
- तितली आसन की तरह दंडासन से शुरुआत करें।
- पैरों को मोड़ें और तलवों को एक साथ लाएं।
- एड़ी को पेल्विक के करीब खींचे।
- धीरे से घुटनों को नीचे करें।
- सांस छोड़े, ऊपरी शरीर को आगे की ओर झुकाएं और माथे को फर्श पर रखें।
- 30 सेकंड के लिए रुकें और 3 बार दोहराएं।
श्वास पद्धति
सांस छोड़ते हुए घुटनों को नीचे करें। जैसे ही आसन से बाहर आते हैं सांस लें।
नौकासन
- इसे करने पीठ के बल लेट जाएं।
- ऊपरी शरीर को फर्श से 45° ऊपर लाएं।
- शरीर के भार को हिप्स पर रखें और पैरों को फर्श से 45° ऊपर उठाएं।
- पैर की उंगलियां आंखों के साथ संरेखित होनी चाहिए
- घुटनों को मोड़ने से रोकने की कोशिश करें।
- बाजुओं को जमीन के समानांतर रखें और सामने की ओर देखें।
- पेट की मसल्स को टाइट कर लें।
- पीठ को सीधा करें।
श्वास पद्धति
- ऊपरी शरीर और पैरों को ऊपर उठाने से पहले श्वास लें।
- आसन को रोककर सांस को रोके रखें।
- लेटते ही सांस छोड़ें।
प्रसार पदोत्तानासन
- इसे करने के लिए पैरों को चौड़ा और पैर की उंगलियों को अंदर की ओर फैलाएं।
- घुटनों को सीधा रखें।
- हथेलियों को कंधों के नीचे रखें।
- सिर जितना हो सके नीचे करें।
- पीठ को जितना हो सके सीधा रखें।
- 30 सेकंड के लिए 3 सेट तक दोहराएं।
श्वास पद्धति
सांस छोड़ते हुए नीचे झुकें और सांस छोड़ते हुए हथेलियां आकाश की ओर खोलें।
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पश्चिमोत्तानासन
- दंडासन से शुरू करें।
- सुनिश्चित करें कि घुटने थोड़े मुड़े हुए हैं जबकि पैर आगे की ओर खिंचे हुए हैं।
- बाजुओं को ऊपर की ओर फैलाएं और रीढ़ को सीधा रखें।
- सांस छोड़ते हुए हिप्स पर आगे की ओर झुकें और ऊपरी शरीर को निचले शरीर पर रखें।
- बाजुओं को नीचे करें और बड़े पैर की उंगलियों को पकड़ें।
- घुटनों को नाक से छूने की कोशिश करें।
- 10-30 सेकंड के लिए आसन में बने रहें।
- 3 बार तक दोहराएं।
श्वास पद्धति
- सांस छोड़ते हुए आगे की ओर मोड़ें।
आसन का अभ्यास करने से पेल्विक एरिया को खोलने और रिलैक्स को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। यह आवश्यक है कि मन को शांत करने और आराम करने के लिए विशिष्ट आसनों को श्वास के साथ जोड़ दें।
योग में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को ठीक करने के लिए डिज़ाइन की गई कई शक्तिशाली तकनीकें हैं। आसन, प्राणायाम (श्वास व्यायाम) और ध्यान पूरे सिस्टम को डी-टॉक्सीफाई और डी-स्ट्रेस करते हैं। प्रत्येक आसन को लंबी अवधि तक धारण करने का प्रयास करें और जागरूकता के साथ उसमें गहरी सांस लें।
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