पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानि पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है जो एक महिला के हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती है। इससे पीड़ित महिलाएं सामान्य से अधिक मात्रा में पुरुष हार्मोन का उत्पादन करती हैं। यह हार्मोन असंतुलन हर महीने होने वाले मेंस्ट्रुएशन को स्किप कर देता है। ऐसी स्थिति में एक महिला को प्रेग्नेंट होने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
कई महिलाओं को पीसीओएस होता है, लेकिन उन्हें यह पता ही नहीं होता है। एक स्टडी में पाया गया है कि 70 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें पीसीओएस है लेकिन उसे डायग्नोज नहीं किया गया है।
अगर आपको नहीं पता तो बता दें कि यह महिलाओं की ओवरी और उस ऑर्गन को को प्रभावित करता है जो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन बनाते हैं। ये दोनों हार्मोन मेंस्ट्रुअल साइकिल को रेगुलेट करने में मदद करते हैं।
अगर आपके शरीर में जरूरत से ज्यादा हेयर ग्रोथ हो रही है, दाने निकल रहे हैं, अचानक वजन बढ़ रहा है, ब्लीडिंग हैवी होती है और अनियमित पीरियड्स होते हैं जो आपको एक बार हार्मोन की जांच जरूर करवानी चाहिए।
ऐसा नहीं है कि पीसीओएस का ट्रीटमेंट संभव नहीं है, आप अपनी जीवनशैली में थोड़े से बदलाव करके अपने हार्मोन को बैलेंस कर सकती हैं।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. दीक्षा भवसार बताती हैं, 'भारत में रिप्रोडक्टिव एज में आई हर 5 में से 1 महिला इससे पीड़ित है। इसे रोकने और मेंटेन करने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपनी लाइफस्टाइल चॉइस में बदलाव करें।'
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वह आगे उन मसालों के बारे में भी बताती हैं जो आपके हार्मोन्स को बैलेंस कर पीसीओएस की समस्या को हल कर सकती है। आइए इस आर्टिकल में उन मसालों के बारे में जानें।
पीसीओएस में सौंफ है कारगार
सौंफ के बीज शरीर में एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) को कम करने में मदद करते हैं। इससे बालों के झड़ने या अत्यधिक बालों के विकास को कम करने में भी मदद मिलती है।इसमें फाइटोएस्ट्रोजेन होता है, जो इसे हार्मोनल असंतुलन के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है। इसमें प्रोजेस्टोजेनिक पदार्थ भी होते हैं, जो थायरॉयड हार्मोन को संतुलित करने में मदद करते हैं।
किस तरह करें सौंफ का सेवन
1 चम्मच सौंफ को लेकर उसे रात भर भिगोकर रख दें। सुबह 3-5 मिनट के लिए उसे उबाल लें और छानकर पीते रहें।
पीसीओएस में काली मिर्च के फायदे
एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ पीसीओएस को प्रबंधित करने में मदद करते हैं। काली मिर्च में ऐसे ही एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करते हैं। काली मिर्च इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करती है। यह एक एंटी इंफ्लेमेटरी के रूप में काम करती है, जिससे हार्मोन संतुलन में आते हैं।
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किस तरह करें काली मिर्च का सेवन
1 काली मिर्च को पीस लें और सुबह उठते ही उसे 1 चम्मच ऑर्गेनिक शहद के साथ लें।
पीसीओएस में मेथीदाना के फायदे
मेथी के बीज इंसुलिन के स्तर और ग्लूकोज टॉलरेंस को स्थिर करने में मदद करते हैं। यह हार्मोन को भी नियंत्रित करते हैं जो बदले में अत्यधिक टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बेअसर करने में मदद करता है। यह कम कोलेस्ट्रॉल, वजन घटाने में सहायता और हेल्दी हार्ट फंक्शनिंग को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकता है।
किस तरह करें मेथी के बीजों का सेवन
1 चम्मच मेथी के बीज लें और उन्हें रात भर भिगो दें। अगली सुबह 5 मिनट के लिए मेथी के बीज वाले पानी को उबालें और छान लें। इसके बाद इसका सेवन करें।
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इन्हें एक साथ सेवन करने आसान तरीका:
आप इन तीनों चीजों का एक साथ सेवन कर सकती हैं। इसके लिए आपको क्या करना है, वो भी डॉ. दीक्षा ने बताया है।
- 1 गिलास पानी लें और उसमें 1 छोटा चम्मच सौंफ, 2 काली मिर्च, 1 छोटा चम्मच मेथीदाना और 1 छोटा टुकड़ा गुड़ डालकर उबाल लें।
- इस पानी को धीमी आंच पर रखकर तब तक उबालें, जब तक यह आधा न हो जाए।
- इसके बाद इसे थोड़ा ठंडा कर इसका सेवन करें।
अब अगर आप भी अनियमित पीरियड्स के कारण हमेशा स्ट्रेस में रहती हैं तो एक्सपर्ट की बताए ये जादुई मसाले जरूर आजमाएं।
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