योग हमारे स्वास्थ्य के लिए अमृत तुल्य है। योग हमारे मनोबल और आत्मविश्वास को बढाता है। अपने योग करने के आसन पर बैठें और इस दिव्य अभ्यास को अपने माता-पिता के साथ भी शेयर करें। योग कई शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान करता है जैसे लचीलापन, शक्ति, सहनशक्ति, शांति, तनाव रहित एवं ध्यान करने की क्षमता में सुधार इत्यादि।
आपसी प्रेम
योग एकता को बढ़ावा देता है चाहे वह स्वयं के साथ हो या जिनके साथ हम अभ्यास करते हैं। योग हमें बेहतर बनाने में मदद करता है और हमें एक सूत्र में बांधता है। सकारात्मक विकास की अपनी यात्रा में एक दूसरे का समर्थन करने और प्रोत्साहित करने का यह सही अवसर है। इस आर्टिकल में 5 सरल आसन दिए गए हैं जो नए एवं अनुभवी योगियों द्वारा किए जा सकते हैं। हम अपने अभ्यास में कैसे ढलते हैं, यह हमारे जीवन का प्रतिबिंब बन जाता है। इन योगासन के बारे में हमें योगा मास्टर, फिलांथ्रोपिस्ट, धार्मिक गुरू और लाइफस्टाइल कोच ग्रैंड मास्टर अक्षर जी बता रहे हैं।
बद्ध कोणासन
- इसे करने के लिए दंडासन से शुरुआत करें।
- पैरों को मोड़ें और तलवों को एक साथ लाएं।
- एड़ी को अपने पेल्विक के करीब स्ट्रेच करें।
- अपने घुटनों को नीचे करें।
- सांस छोडते हुए, अपने ऊपरी शरीर को आगे की ओर झुकाएं और माथे को फर्श पर रखें।
नौकासन
- पीठ के बल लेट जाएं।
- अपने ऊपरी शरीर को फर्श से 45° ऊपर लाएं।
- शरीर के भार को अपने हिप्स पर रखें और पैरों को फर्श से 45° ऊपर उठाएं।
- पैर की उंगलियां और आंखों में अलाइमेंट होनी चाहिए।
- घुटनों को सीधा रखें।
- अपनी भुजाओं को जमीन के समानांतर रखें।
- पेट की मसल्स को टाइट लें।
- पीठ को सीधा करें।
दंडासन
- बैठने की स्थिति में शुरू करें और अपने पैरों को आगे की ओर फैलाएं।
- अपनी एड़ी को एक साथ लाते हुए पैरों को मिला लें।
- पीठ सीधी रखें।
- पेल्विक, जांघों और पिंडलियों की मसल्स को टाइट कर लें।
- अपनी रीढ़ की हड्डी को सहारा देने के लिए हथेलियों को हिप्स के पास फर्श पर रखें।
- अपने कंधों को आराम दें।
- इस आसन में 30 सेकंड तक रुकें।
भस्त्रिका प्राणायाम
- किसी भी आरामदायक मुद्रा में बैठें (जैसे सुखासन, अर्धपद्मासन या पद्मासन)।
- पीठ को सीधा करें और अपनी आंखें बंद करें।
- अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर ऊपर की ओर (प्राप्ति मुद्रा में) रखें।
- श्वास लें और अपने फेफड़ों में हवा भरें।
- पूरी तरह से सांस छोड़ें।
- सांस लेना और छोड़ना 1:1 के अनुपात में किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप 6 काउंट के लिए सांस लेती हैं तो आपको सांस छोड़ने के लिए 6 काउंट्स लेने चाहिए।
यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने पेरेंट्स के साथ कुछ क्षण प्रेम के बिताएं। एक दूसरे का साथ दे एवं प्रेम और खुशियां बाटें। योग हमें जीवन के प्रति आभार प्रकट करना सिखाता है और इस आनन्द को बांटने के लिए हमारे पेरेंट्स से बढ़कर और कौन हो सकता है। योग का सुंदर अभ्यास हमारे घर में सद्भाव और शांति लेकर आता है।
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