जब भी वज़न घटाने की बात आती है, तो लोग कार्डियो पर अतिरिक्त ध्यान देते हैं, जिससे वे कम समय में अतिरिक्त कैलोरी बर्न कर सकें। इन्हीं में दो सबसे अच्छी कैलोरी बर्न करने वाली एक्सरसाइज़ हैं- रस्सी कूदना और दौड़ना। अक्सर लोग अपना वजन कम करने के लिए इन दोनों एक्सरसाइज को अपने वर्कआउट रूटीन का हिस्सा बनाते हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इनमें से कौन बेहतर है और किससे आपको अधिक बेहतर रिजल्ट मिलेंगे।
इसका जवाब आपके गोल्स और वर्कआउट स्टाइल पर निर्भर करता है। रस्सी कूदना फैट बर्निंग के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह आपके हाथ, पैर और कोर पर काम करता है और साथ ही साथ, आपके कोऑर्डिनेशन को भी बेहतर बनाता है। साथ ही, सिर्फ़ 10 मिनट की जंपिंग में आप 30 मिनट की जॉगिंग जितनी कैलोरी बर्न कर सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर, दौड़न को हमेशा से ही एक बेहतरीन एक्सरसाइज माना जाता रहा है। यह आपकी सहनशक्ति बढ़ाता है और पैरों को मजबूत करता है। अगर आपको बाहर वर्कआउट करना पसंद है और आप कुछ वक्त खुद को देना चाहते हैं तो ऐसे में दौड़ना आपके लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। तो चलिए आज इस लेख में पावरलिफ्टिंग में नेशनल रिकॉर्ड होल्डर और एनीटाइम फिटनेस के फिटनेस ट्रेनर विनय माहौर आपको बता रहे हैं कि वेट लॉस के लिए रस्सी कूदना और दौड़ना में से क्या बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है-
कैलोरी बर्न
अगर बात कैलोरी बर्निंग की हो तो रस्सी कूदने से 1 मिनट में लगभग 10-16 कैलोरी बर्न होती है। हालांकि यह आपके कूदने की इंटेसिटी पर भी निर्भर करता है। तेज़ गति से कूदने पर और ज़्यादा कैलोरी बर्न होती है। वहीं, दौड़ने से 1 मिनट में 8-15 कैलोरी बर्न होती है। यह भी आपकी स्पीड और सतह पर निर्भर करता है। इंक्लाइन रनिंग करने से ज़्यादा कैलोरी बर्न होती है। रस्सी कूदना कम समय में ज़्यादा कैलोरी बर्न करता है, खासकर अगर तेज़ गति से करें।
फैट लॉस पर असर
दोनों ही एक्सरसाइज़ को फैट बर्न करने के लिए अच्छा माना गया है। लेकिन रस्सी कूदना एक साथ पैर, हाथ, कोर, और कंधे की कई मसल्स को एक्टिव करता है। जबकि, दौड़ने से आप मुख्य रूप से पैर और कोर मसल्स काम करते हैं। अगर आप फुल बॉडी वर्कआउट करना चाहते हैं तो ऐसे में रस्सी कूदना ज्यादा बेहतर रहेगा।
मसल टोनिंग
रस्सी कूदने से पिंडली, कोर, कंधे, थाइज और हाथों की मसल्स को मज़बूत मिलती है। जबकि दौड़ने से मुख्य रूप से आपके पैरों और कोर टोन होते हैं, लेकिन ऊपरी शरीर की मसल्स पर असर कम होता है।
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जोड़ों पर असर
रस्सी कूदना यूं तो काफी अच्छा माना जाता है, लेकिन अगर सही तकनीक से और सॉफ्ट सतह पर ना किया जाए, तो घुटनों और टखनों पर ज़्यादा दबाव पड़ सकता है। वहीं, दौड़ना घुटनों पर ज़्यादा असर डाल सकता है, खासकर अगर कंक्रीट पर दौड़ें, तो इससे आपको घुटनों में दर्द हो सकता है।
वज़न कम करने के लिए कौन सा बेहतर है
अगर आप फुल बॉडी वर्कआउट करते हुए तेज़ी से कैलोरी बर्न करना चाहते हैं, तो रस्सी कूदना बेहतर है। लेकिन अगर आपको लंबे समय तक एक्सरसाइज़ पसंद है और बाहर एक्सरसाइज़ करना अच्छा लगता है, तो दौड़ना भी बढ़िया विकल्प है। बेहतर होगा कि आप इन दोनों एक्सरसाइज को अपने वर्कआउट रूटीन का हिस्सा बनाएं। मसलन, 10-15 मिनट रस्सी कूदें और फिर 20-30 मिनट दौड़ें। इससे आपका फैट लॉस काफी अच्छा होगा।
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Image Credit- freepik
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