जब भी बात वजन कम करने या फिर डाइटिंग की होती है तो लोग फैट को सबसे पहले डाइट से बाहर करने की कोशिश करते हैं। आमतौर पर, लोगों को लगता है कि उनके मोटापे या वजन बढ़ने का मुख्य कारण फैट ही है। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। शरीर के लिए फैट भी उतना ही जरूरी है। बस जरूरी है कि आप अपनी च्वॉइसेस पर ध्यान दें।
शरीर के लिए फैट बेहद जरूरी है। डायटरी फैट्स ना केवल आपके शरीर को ऊर्जा देते हैं, बल्कि सेल फंक्शन को भी सपोर्ट देते हैं। साथ ही यह आर्गन को भी सपोर्ट देते हैं और उसे गर्म रखने में मदद करते हैं। फैट शरीर में कुछ पोषक तत्वों को अवशोषित करने में भी मदद करते हैं।
यहां तक कि वेट लॉस के लिए भी डाइट में मोनोअनसैचुरेटिड फैटी एसिड व पॉलीअनसैचुरेटिड फैटी एसिड जैसे हेल्दी फैट्स होने बेहद आवश्यक है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको फैट से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको वेट लॉस प्रोग्राम शुरू करने से पहले अवश्य जानना चाहिए-
मॉडरेशन से लें फैट्स
डाइट में हेल्दी फैट्स शामिल करना बेहद जरूरी होता है, लेकिन फिर भी आपको इसे मॉडरेशन के साथ ही लेना चाहिए। शरीर के लिए जरूरी छह पोषक तत्वों में से कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा कैलोरी प्रदान करते हैं। कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से 4 कैलोरी/ प्रति ग्राम प्राप्त होती है। जबकि फैट का सेवन करने से आपको प्रति ग्राम 9 कैलोरी मिलती है। चूंकि आप डाइटिंग कर रही हैं तो इसलिए फैट्स की मात्रा का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है।(गुड फैट्स बॉडी के लिए क्यों हैं आवश्यक)
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प्लांट फैट्स का करें सेवन
जब आप फैट्स का चयन कर रही हैं तो ध्यान रखें कि प्लांट फैट्स वजन कम करने में बेहद सहायक हैं। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि आपको रॉ प्लांट फैट्स का सेवन करना चाहिए, न कि हाइड्रोजनीकृत रूपों में। फैट्स के हाइड्रोजनीकृत रूपों में वेजिटेबल ऑयल शामिल होते हैं।
जब आप उनका सेवन करते हैं, तो आप कहीं ना कहीं ट्रांस फैट भी लेते हैं। नट्स, बीज, कोल्ड प्रेस्ड ऑयल, नारियल और एवोकाडो जैसे कच्चे पौधों के खाद्य पदार्थों से फैट का सेवन करके आप वजन कम करती हैं। इस फैट्स को आपका शरीर आसानी से पचा सकता है।
मूफा से होगा बैली फैट बर्न
जब फैट्स की बात होती है तो इसे आमतौर पर चार कैटेगिरी में बाटा जाता है- सैचुरेटिड फैट, ट्रांस फैट, पॉलीअनसेचुरेटेड फैट और मोनोअनसैचुरेटेड फैट। सैचुरेटिड फैट और ट्रांस फैट को बैड फैट की कैटेगिरी में गिना जाता है और यह रूम टेंपरेचर पर मक्खन की तरह सॉलिड हो जाते हैं। जबकि पॉलीअनसेचुरेटेड फैट और मोनोअनसैचुरेटेड फैट अधिक लिक्विड होते हैं।(बिना डाइटिंग के बर्न करें बैली फैट)
अगर आप वेट लॉस प्रोसेस में हैं तो आपको मोनोअनसैचुरेटेड फैट को अधिक प्राथमिकता देनी चाहिए। यह मोनोअनसैचुरेटेड फैट को बैली फैट को जलाने के लिए बेस्ट सोर्स के रूप में जाना जाता है। इन्हें मूफा भी कहा जाता है। एक है। यह फैट पेट के एरिया में मौजूद अतिरिक्त फैट को बाहर निकालने में अधिक मदद करते हैं।
फूड आइटम्स को करें स्विच
यह एक जरूरी बात है, जिसके बारे में आपको जानना चाहिए। कुछ लोग भले ही कम मात्रा में हेल्दी फैट्स का सेवनकरते हैं, लेकिन फिर भी वह एक ही तरह के ऑयल का सेवन करते रहते हैं। लेकिन इन्हें हर महीने स्विच करना चाहिए।
आप कभी भी एक ही प्रकार के नट्स या तेल का सेवन न करें। दरअसल, जब आप अपने ऑयल्स या हेल्दी फूड आइटम्स को स्विच करती हैं तो इससे आपको हेल्दी फैट्स के साथ-साथ अन्य कई तरह के पोषक तत्व भी मिलते हैं। साथ ही आपकी सेहत पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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तो अब आप भी फैट को अपना दुश्मन समझना छोड़ दें और हेल्दी फैट्स को अपनी डाइट में शामिल करके वेट लॉस को स्पीडअप करें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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