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सूर्य नमस्कार, एक सदियों पुराना योग अभ्यास और एक व्यापक व्यायाम है, जो मानसिक, भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक कल्याण में योगदान देता है। नमस्कार सूर्य देव या सूर्य को प्रणाम है। यह एक विशिष्ट श्वास पैटर्न और मंत्रों के जाप के साथ होता है।
ज्यादातर महिलाएं रोजाना वेट लॉस के लिए रोजाना सूर्य नमस्कार करना पसंद करती हैं क्योंकि इसमें मौजूद स्टेप्स से पूरे शरीर को एक साथ टोन करने में मदद मिलती है। लेकिन इसमें कितने स्टेप्स होते हैं, इस बात से कई महिलाएं अनजान है।
आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि सूर्य नमस्कार में कितने स्टेप्स होते हैं। इस बारे में हमें योग मास्टर, स्पिरिचुअल गुरु और लाइफस्टाइल कोच, ग्रैंड मास्टर अक्षर जी बता रहे हैं।
सूर्य ऊर्जा शक्ति और जीवन शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य नाड़ी दाहिनी ओर चलती है, सूर्य नमस्कार दाहिने पैर से शुरू होता है। सूर्य नमस्कार में कुल 8 आसन होते हैं, जो प्रत्येक पक्ष के लिए 12 चरणों के दाएं और बाएं क्रम में बुने जाते हैं। अभ्यास के दौरान श्वास पर ध्यान देना लाभकारी होता है।
सूर्य नमस्कार करने का आदर्श समय
सूर्य नमस्कार का सबसे अच्छा अभ्यास सूर्योदय से पहले किया जाता है। यह हमें शारीरिक और मानसिक शक्ति का आशीर्वाद देता है, मन को शांतकरता है ऊर्जाओं को संतुलित करता है और चेतना में शांति लाता है। सूर्य नमस्कार हमें जागरूक बनाने का एक शक्तिशाली तरीका है। नियमित अभ्यास से हम अपने सभी कार्य ध्यानपूर्वक कर पाएंगे।
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सूर्य नमस्कार के स्टेप्स
- आसन 1: प्रणाम आसन
- आसन 2: हस्त उत्थानासन
- आसन 3: पादहस्तासन

- आसन 4: अश्व संचालनासन
- आसन 5: संतुलनासन
- आसन 6: अष्टांग नमस्कार आसन
- आसन 7: भुजंगासन
- आसन 8: अधोमुख श्वानासन

- आसन 9: अश्व संचालनासन
- आसन 10: पादहस्तासन
- आसन 11: हस्त उत्थानासन
- आसन 12: प्रणाम आसन
सूर्य नमस्कार के लाभ
- यह आध्यात्मिक स्पर्श के साथ स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए समग्र शरीर पर काम करता है।
- स्वच्छ ऊर्जा पैदा करता है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
- शरीर में शक्ति का निर्माण करने में मदद करता है।
- पूरी तंत्रिका तंत्र जाग्रत और सक्रिय होती है।
- विश्लेषणात्मक और तर्क कौशल को बढ़ाता है।

- ब्लड शुगर लेवल को कम करता है।
- तनाव के लेवल को कम करता है।
- पूरे शरीर को टोन करता है।
- डाइजेशन में सुधार करता है और कब्ज को कम करता है।
- पेट की बीमारियों को दूर करता है।
- शरीर के दोनों पक्षों को संतुलित करता है।
सूर्य नमस्कार के कई शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ हैं। जब हम नियमित रूप से इस का अभ्यास करते हैं, तो यह जीवन के सभी पहलुओं पर सकारात्मक प्रभाव डालता है जिससे हमें विकसित होने में मदद मिलती है। ऐसा माना जाता है कि कुल 108 चक्रों के लिए सूर्य नमस्कार का अभ्यास करें, और परिवर्तन को स्वयं महसूस करें।
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