हमने वेट लॉस के लिए अब तक कई तरह की डाइट देखी हैं जैसे कि पालियो, कीटो, रॉ फूड मूवमेंट, एल्कलाइन डाइट और इसी में नई एंट्री है स्नेक डाइट की। स्नेक डाइट के फाउंडर हैं कोल रॉबिन्सन। स्नेक डाइट में थ्री स्टेप अप्रोच अपनाया जाता है। पहले फेज में आप 48 घंटों तक फास्टिंग पर रहती हैं। इस समय में आप एप्पल साइडर विनेगर और 'स्नेक जूस'(जिसे एसेंशियल मिनरल सप्लीमेंट माना जाता है।) लेती हैं, जो आपके लीवर से टॉक्सिन्स साफ करता है। दूसरे फेज में आप एक लचीला फास्टिंग रूटीन अपनाती हैं और तीसरे फेज में आप अपने शरीर की नेचुरल हंगर क्यूज को समझते हुए कदम आगे बढ़ाती हैं।
टाइप 2 डायबिटीज और हर्पीस में फायदेमंद होने का दावा
रॉबिन्सन का कहना है कि कई कोच और ट्रेनर अपने क्लाइंट्स को वेट लॉस की सलाह बिना यह समझे दे देते हैं कि उनका शरीर कैसे फूड को मेटाबोलाइज करता है और उसे फ्यूल में कन्वर्ट करता है। रॉबिन्सन इस डाइट के जरिए लोगों को वेट लॉस में मदद करना चाहते हैं। अपने वीडियोज में रॉबिन्सन ने दावा किया है कि इस डाइट को अपनाने से टाइप 2 डायबिटीज, हारपीस और इन्फ्लेमेशन जैसी हेल्थ प्रॉबलम्स में फायदा होता है। वह यह भी कहते हैं कि स्नेक डाइट एक और प्रचलित वेट लॉस डाइट से कीटो से बेहतर है।
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लंबे वक्त के लिए करनी होती है फास्टिंग
रॉबिन्सन के अनुसार स्नेक डाइट का मुख्य उद्देश्य जितना संभव हो सके, उतने लंबे वक्त के लिए फास्टिंग करना है। इसका मतलब यह है कि शरीर को सभी कैलोरीज और पोषक तत्वों को एक ही मील में ले लेने की जरूरत होती है और उसके बाद दिनभर फास्टिंग करनी होती है। अपने सभी वीडियो में रॉबिन्सन कहते नजर आते हैं कि इस डाइट में फैट बहुत ज्यादा होने चाहिए क्योंकि कार्बोहाइड्रेट्स में बहुत कम कैलोरी होती हैं।
क्या ये डाइट सेफ है?
जब हमने डाइटीशियन सुजाता गुप्ता से स्नेक डाइट के बारे में पूछा तो उन्होंने इसे नुकसानदेह बताया। उनका कहना था, 'हम इंसान हैं, सांप नहीं। इसीलिए हमें इंसान की तरह खाना खाना चाहिए और वेट लॉस के लिए सेफ तरीके अपनाने की जरूरत है। स्नेक डाइट सिर्फ एक तरह का फैशन है और इसकी कोई वैज्ञानिक प्रामाणिकता नहीं है। कई वजहों से यह डाइट आपके शरीर के लिए अच्छी नहीं है। इसमें फास्टिंग बहुत लंबे वक्त तक करनी होती है। इसमें सिर्फ एक पहर में डाइट लेनी होती है, लेकिन यह ज्यादा चलने वाला विकल्प नहीं है।
कई फैड डाइट्स की तरह इसे भी लंबे वक्त के लिए नहीं अपनाया जा सकता। और एक बार आप फास्टिंग करना छोड़ती हैं तो आप फिर से वेट गेन कर लेंगी। यह डाइट खतरनाक है क्योंकि इससे आपके शरीर को पोषक तत्व नहीं मिल पाते और इसका आपके मेटाबॉलिज्म पर भी बुरा असर होता है।दिनभर में सिर्फ एक पहर खाना प्रैक्टिकली संभव नहीं है। अगर हम अपने शरीर को भूखा रखते हैं तो शरीर अपने स्टोर्ड फैट ही बर्न करने लगता है।
कुल मिलाकर कहें तो ऐसी कोई भी डाइट जो आपको वेट लॉस में जल्दी बेहतर रिजल्ट देने का दावा करती हो, लेकिन जिसमें लाइफस्टाइल में भारी बदलाव लाने पड़ें, आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं है। ऐसे में वजन को काबू में रखने के लिए पौष्टिक तत्वों वाली डाइट लेना और नियमित रूप से एक्सरसाइज करना ही सबसे अच्छा होता है।
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