शवासन एक ऐसा योगासन है, जिसे आमतौर पर सभी योगासनों के अंत में किया जाता है। यह आसन आपको एकदम से रिलैक्स व बॉडी को रिचार्ज करने में मदद करता है। अमूमन लोग अपने तनाव को दूर करने के लिए शवासन का अभ्यास करते हैं। महज पांच मिनट शवासन का अभ्यास करने से ही व्यक्ति को रिलैक्स महसूस होता है।
हालांकि, शवासन करने से आपको लाभ तभी मिलता है, जब आप उसे सही तरह से किया जाए। यह देखने में आता है कि लोग शवासन का अभ्यास तो करते हैं, लेकिन उसे परफॉर्म करते हुए वे कुछ छोटी-छोटी मिसटेक्स कर बैठते हैं। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जिसे लोग शवासन करते हुए बार-बार दोहराते हैं-
खुद से शवासन का अभ्यास करना
यह सच है कि शवासन का अभ्यास करना काफी सरल है। इसलिए लोग इसे खुद से करना शुरू कर देते हैं। हालांकि, आपको यह पता होना चाहिए कि शवासन हर किसी के लिए नहीं है। मसलन, अगर आप प्रेग्नेंसी की आखिरी तिमाही में हैं तो आपको शवासन का अभ्यास करना अवॉयड करना चाहिए। इसी तरह, अगर किसी को कमर में इंजरी हुई है या फिर कमर का कोई ऑपरेशन हुआ है तो भी आपको शवासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
शवासन करते हुए सोना
शवासन एक रिलैक्सेशन योगा पोज है और यही कारण है कि जब लोग इसका अभ्यास करते हैं तो उन्हें अक्सर नींद आ जाती है। हालांकि, शवासन करते समय अगर आपकी झपकी लग जाती है तो आपको उसका पर्याप्त लाभ नहीं मिल पाता है। इसलिए, जब भी आप शवासन का अभ्यास करते हैं तो अपनी ब्रीदिंग पर फोकस करें। इससे आपको नींद नहीं आएगी।
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गलत स्थान पर शवासन करना
शवासन करते समय यह जरूरी है कि आप सही स्थान का चयन शुरू करें। कुछ लोग किसी भी स्थान पर शवासन करना शुरू कर देते हैं। इससे उन्हें इस आसन का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। इसलिए, जब भी आप शवासन का अभ्यास करें तो आप यह सुनिश्चित करें कि आप ऐसे स्थान पर शवासन करें, जहां पर बहुत अधिक शोर ना हो। जहां पर शोर होगा, वहां पर आपके लिए खुद को रिलैक्स करना मुश्किल होगा। आप हमेशा शवासन करते हुए किसी शांत जगह का चयन करें। आप चाहें तो घर के भीतर या फिर किसी ओपन एरिया में भी शवासन का अभ्यास कर सकते हैं।(मोटापा कम करेंगे ये 3 योग)
शवासन करते हुए बार-बार हिलना डुलना
कुछ लोग शवासन का अभ्यास करते हुए बार-बार हिलते-डुलते हैं। लेकिन ऐसा करने की भूल ना करें। शवासन करते हुए आपको अपनी बॉडी को बिल्कुल नहीं हिलाना होता है। जब आप ऐसा करते हैं तो आप अपने आसन से बाहर आ जाते हैं। करीबन 10 मिनट तक आप शवासन में लेटी रहें। इसके बाद आप धीरे-धीरे अपने अंगों को हिलाएं और आसन से बाहर आ जाएं।
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गलत मैट को चुनना
जब आप शवासन का अभ्यास कर रही हैं तो सही मैट का चयन करना भी उतना ही आवश्यक है। कुछ लोग शवासन करते हुए किसी बेहद ही सॉफ्ट गद्दे पर लेटकर अभ्यास करते हैं या फिर सीधे जमीन पर लेट जाते हैं। ये दोनों तरीके ही गलत हैं। आप शवासन के दौरान योगा मैट(पुराना योगा मैट ऐसे करें रियूज)को इस्तेमाल करें। साथ ही साथ, सही सपोर्ट के लिए आप ऐसे मैट को चुनें, जो स्लिप ना हो।
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