ग्लोइंग त्वचा पाना इतना आसान नहीं है। हालांकि, आप त्वचा को ग्लोइंग बनाने के लिए फैंसी हाइलाइटर्स का इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन जब आपके पास हेल्दी बेदाग त्वचा नहीं है, तब मेकअप आपकी मदद नहीं करेगा। साथ ही हार्मोनल बदलाव और खराब मेटाबॉलिज्म आपके चेहरे पर दिखने लगता है।
लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप जीवनशैली में कुछ बदलाव करके ग्लोइंग स्किन पा सकती हैं। सही डाइट और वर्कआउट आपकी इसमें मदद कर सकते हैं। आप योग द्वारा माधुरी जैसी हेल्दी और जवां त्वचा पा सकती हैं। जी हां, योग में आपकी सभी समस्याओं का समाधान है।
हमारा मतलब यह नहीं है कि एकदम से कोई जादू हो जाएगा। लेकिन इस आर्टिकल में बताए 2 शक्तिशाली योगासन से आप अपने शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सकती हैं, चेहरे से मुंहासों को कम और साफ कर सकती हैं, रंगत में सुधार कर सकती हैं, त्वचा की डलनेस को कम कर सकती हैं और जवां ग्लोइंग त्वचा पा सकती हैं।
अगर आप भी बढ़ती उम्र में ग्लोइंग त्वचा पाना चाहती हैं तो इस आर्टिकल में बताए प्राणायाम और योग मुद्रा को रोजाना सुबह जरूर करें। इसकी जानकारी हमें फिटनेस और योग एक्सपर्ट Rita Kanabar जी बता रही हैं।
पहला प्राणायाम :- कपाल भाति प्राणायाम
कपालभाति ललाट वायु साइनस को शुद्ध करता है। सांसों से जुड़ी समस्याओं जैसे खांसी को दूर करनेमें मदद करता है। यह पूरे शरीर का कायाकल्प भी करता है और चेहरे को जवां और जीवंत रखता है। कपाल भाति प्राणायाम नर्वस सिस्टम को बैलेंस और मजबूत करने में मदद करता है और डाइजेस्टिव सिस्टम को टोन करता है।
विधि
- इसे करने के लिए योग मैट पर सुखासन में बैठ जाएं।
- ऐसा करते हुए रीढ़ सीधी होनी चाहिए।
- दोनों हथेलियों को घुटने पर रखें।
- हथेलियां आकाश की तरफ होनी चाहिए।
- सांस छोड़ते हुए पेट को खींचें।
- उतना ही बल लगाएं, जितना सहजता से लग जाए।
- सहज होते हुए नाभि और पेट को ढीला छोड़ दें।
- इस प्रोसेस को 20 बार दोहराने पर एक राउंड पूरा हो जाएगा।
- इस प्रोसेस को 3 राउंड या 80 सांसों तक दोहराया जा सकता है।
दूसरा मुद्रा:-योग मुद्रासन
योगमुद्रासन पेट के अंगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इस आसन का अभ्यास कब्ज से छुटकारा पाने में मदद करता है, गैस्ट्रिक की स्थिति को ठीक करता है और डाइजेस्टिव सिस्टम में सुधार करता है। इस योग को करते समय सिर को नीचे की ओर झुकाना होता है, जिससे सिर में ताजा ब्लड आता है। यह ब्लड ब्रेन को शांत करने में मदद करता है और तनाव, चिंता और हल्के डिप्रेशन से राहत देता है।
- योगमुद्रासन रीढ़, पीठ, हाथ कंधे और थाइज को अधिक लचीला बनाता है।
- यह मानसिक एकाग्रता को बढ़ाने में भी मदद करता है और शरीर के समग्र संतुलन को बढ़ाता है।
- यह यूट्रस और पोस्टनेटल शिथिलता को रोकता है।
- योग मुद्रा का अभ्यास नियमित रूप से अस्थमा के इलाज और प्रबंधन में मदद करता है।
विधि
- इसे करने के लिए टांगों को सामने की ओर फैलाकर बिल्कुल सीधा बैठ जाएं।
- इसके बाद दाएं घुटने को मोड़कर पैर को बाईं थाइज पर इस तरह रखें कि एड़ी घुटनों से सटी हो।
- अब बाई पैर को घुटनों से मोड़कर पैर को दाईं जांघ पर वैसे ही रखें जैसे पहले दाएं पैर को बाईं पर रख चुके हों।
- अब आप अपनी आंखें बंद कर लें।
- गहरी सांस लें और शरीर को ढीला छोड़ दें।
- दोनों हाथों को पीठ की तरफ पीछे की ओर ले जाएं
- एक हाथ की कलाई को दूसरे हाथ से पकड़ लें।
- सांस को धीरे-धीरे बाहर की तरफ छोड़ते हुए आगे की तरफ इस तरह झुकें कि माथा फर्श की तरफ हो।
- फिर शरीर को ढीला छोड़ दें और नॉर्मल तरीके से सांस लें।
- जितनी देर तक आसानी से संभव हो, इसी मुद्रा में बने रहें।
- इसके बाद सांस को अंदर की ओर खींचते हुए वापस पहले जैसी पोजीशन में आ जाएं।
- फिर पैरों को बदलकर इस प्रोसेस को दोहराएं।
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आप भी सुबह के समय इन योग को करके खुद को लंबे समय तक जवां और फिट बनाए रख सकती हैं। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही कमेंट भी करें। फिटनेस से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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Image Credit: Freepik
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