अक्सर हम फैशन की बात करते हैं तो पुरुषों और महिलाओं के कपड़ों के बेसिक डिफरेंस को देखा जाता है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि साधारण सी दिखने वाली चीज़ें जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के फैशन में गिनी जाती हैं वो असल में काफी अलग होती हैं। अब जीन्स को ही ले लीजिए, पुरुषों की जीन्स में बड़ी जेब देखी जाती है और महिलाओं की जीन्स में छोटी जेब या नाम मात्र को जेब का आकार दिया जाता है। ये फैशन सेंस कई मायनों में अलग है और इसमें आपने शायद नोटिस न किया हो, लेकिन कहीं न कहीं साधारण सी चीज़ों में भी बहुत अंतर होता है।
उदाहरण के तौर पर महिलाएं और पुरुष जो कपड़े एक जैसे पहनते हैं उनमें भी कुछ बेसिक अंतर होते हैं। जैसे महिलाओं के जंपर, पैंट आदि की जिप छोटी होती है। ये स्वाभाविक होता है कि ये छोटी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई कपड़ों में जिपर उल्टे साइड में क्यों होते हैं?
हो सकता है कि आपने ये अंतर नोटिस न किया हो, लेकिन ये बेसिक अंतर होता भी है और इसके पीछे कई कारण हैं। आपने देखा होगा कि महिलाओं के सेक्शन में रखे जंपर्स या फिर स्वेटशर्ट्स में जिपर अलग साइड होता है और पुरुषों के सेक्शन में अलग साइड हो सकता है। हालांकि, कुछ यूनिसेक्स डिजाइन्स भी आते हैं जिनमें वो किसी भी साइड हो सकता है। आज हम उन्हीं कारणों को डिसकस करने जा रहे हैं कि आखिर कई कपड़ों में जिपर अलग-अलग साइड क्यों होते हैं।
इसे जरूर पढ़ें- आखिर क्यों जीन्स की पॉकेट पर होते हैं छोटे बटन, जानें
क्या है महिलाओं और पुरुषों के कपड़ों में अलग-अलग साइड जिपर का अर्थ-
चर्चित फैशन इतिहासकार अमांडा हेली ने हफिंगटन पोस्ट को इसी सिलसिले में एक डिटेल इंटरव्यू दिया था ( अमांडा यूट्यूब पर द अल्टिमेट फैशन हिस्ट्री नामक चैनल चलाती हैं) के मुताबिक जिपर्स जेंडर आधारिक कपड़ों के पुराने ढर्रे पर ही चलते हैं। उनके मुताबिक जिपर्स जेंडर के हिसाब से बनाए गए कपड़ों के लिए होते हैं जो काम पहले बटन करते थे वो अब जिपर करते हैं।
बटन का आविश्कार सही मायनों में 13वीं और 14वीं सदी में देखने को मिलता है जहां जर्मनी से होकर यूरोप तक बटन चर्चित होने लगे थे, 15वीं सदी आते-आते ये फैशन स्टेटमेंट बन गए थे। ये वो दौर था जब पुरुषों के अलावा सिर्फ अमीर महिलाओं को ही अपने कपड़ों में बटन लगाने की इजाजत थी।
जैसा कि हमें पता है कि वो दौर ऐसा था जहां बहुत सारे कपड़े पहने जाते थे और अमीर महिलाओं को ड्रेस अप करने के लिए मेड्स आती थीं। इसपर कई लोगों का मानना है कि अधिकतर मेड्स सीधे हाथ से काम करने वाली होती थीं और वहीं से इसकी शुरुआत हुई।
इसलिए सीधे हाथ से उल्टे हाथ की ओर बटन लगाना आसान होता था और तभी से शायद इसकी शुरुआत हुई हो। फैशन इतिहास की बात करें तो ऐसी बहुत सी चीज़ों का लॉजिक पुराने जमाने के ड्रेसिंग सेंस से मिलता है। शायद यही कारण है कि जब 1930 के दशक के बाद जिपर्स बहुत लोकप्रिय हो गए तब महिलाओं के कपड़ों का रंग-ढंग ही बदल गया। पर जिपर्स शायद इसी वजह से उल्टे लगाए जाते हों।
ये तो था फैशन इतिहास का लॉजिक, लेकिन एक लॉजिक इस बात में कमर्शियल रिटेल का भी है।
इसे जरूर पढ़ें- क्या आप जानते हैं महिलाओं की जीन्स में जिपर क्यों लगाया जाता है?
क्या है जिपर्स को उल्टे साइड लगाने का कमर्शियल कारण?
जिपर्स में अधिकतर स्लाइडर, टेप, बॉटम/टॉप स्टॉपर्स आदि होता है और इनके लेफ्ट या राइट साइड में पिन्स होती हैं। ये दोनों में से किसी भी साइड हो सकती हैं और किसी जेंडर पर आधारित नहीं बल्कि ये मार्केट पर आधारित होता है। इसका मतलब ये है कि एशिया और यूरोप के लोग अधिकतर राइट साइड पिन वाले जिपर्स पहनते हैं और वहीं साउथ अमेरिका में ये लेफ्ट साइड हो सकता है।
इसलिए कपड़ों में किस साइड जिपर होंगे ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि वो कहां बेचा जा रहा है या कहां से इम्पोर्ट किया गया है। इसमें कई वेराइटी आ सकती है जिसमें छोटे और बड़े जिपर्स का इस्तेमाल हो सकता है।
तो क्या वाकई जेंडर आधारित हैं कपड़े-
हां महिलाओं और पुरुषों के यूनिसेक्स कपड़ों में भी जेंडर का अंतर दिखता है, लेकिन जहां तक जिपर का सवाल है वहां जिपर्स के उल्टे साइड होने का कमर्शियल कारण ज्यादा सही है। हालांकि, इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि महिलाओं और पुरुषों के कपड़ों में बटन भी उल्टे साइड दिए जाते हैं जो असल में 13-14सदी से चले आ रहे जेंडर आधारित कपड़ों का सार है।
अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य फैशन ट्रिविया स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों