जब आप एंब्रॉयडरी के बारे में विचार करते हैं तो मन में अनेक प्रकार की छवियां उभर आता हैं, जो जायज भी है क्योंकि एंब्रॉयडरी कई प्रकार की होती हैं। हम आपको पहले भी आपने कई आर्टिकल्स अलग-अलग तरह की एम्ब्रॉयडरी के बारे में बता चुके हैं, इसी कड़ी में आज हम आपको कटदाना वर्क एंब्रॉयडरी के बारे में बताएंगे, जो साधारण से से साधारण कपड़ों को डिजाइनर लुक दे देती है।
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कटदाना वर्क कढ़ाई की एक शैली है और एक सुंदर शिल्पकला है, जो कपड़ों के ऊपर पत्थर या शीशे के बने रॉड नुमा मोतियों से की जाती है। यदि आपने जरी जरदोजी का काम देखा होगा, तो उसमें भी चमकीले पत्थरों से की गई कढ़ाई पर गौर किया होगा। वैसे कटदाना वर्क का अपना अलग से अस्तित्व भी है और सिंगल पैटर्न एंब्रॉयडरी में भी कटदाना वर्क खूब देखा जाता है। इस एंब्रॉयडरी को इंट्रीकेट डिटेलिंग कहा जा सकता है क्योंकि इसे कपड़ों पर रेशम के धागों से पिरोया जाता है।
भारत में सबसे ज्यादा कपड़ों की दिखावट और खूबसूरती पर ध्यान मुगलों के समय पर दिया गया। ऐसे में कटदाना एंब्रॉयडरी का आगाज कब हुआ इसे बता पाना आसान नहीं है, मगर मुगलों के शासन काल में इसे बहुत महत्व दिया गया। रेशमी कपड़ों की सुंदरता बढ़ाने के लिए तरह-तरह की एंब्रॉयडरी उन पर की जाती थी। इसमें मोतियों और सीपों के इस्तेमाल के साथ ही पत्थरों का भी प्रयोग होता था। कटदाना एंब्रॉयडरी की उत्पत्ति वहीं से हुई।
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कटदाना रॉड नुमा एक बीड होता है। दिखने में यह शीशे जैसा होता है। पहले तो इसमें ज्यादा रंग नहीं आते थे, मगर अब आपको सिल्वर, गोल्डन के साथ-साथ कॉपर, ग्रे, ब्लू, आदि अन्य रंगों में भी यह दिख जाएगा। इसमें कई साइज उपलब्ध होते हैं। आपको छोटे, बड़े और मीडियम साइज में कटदाना मिल जाएंगे। कटदाना को एंब्रॉयडरी के दौरान धागों में पिरोना भी आसान होता है। यह एंब्रॉयडरी बाकी एंब्रॉयडरी की तुलना में कम वक्त में हो जाती है।
कटदाना एंब्रॉयडरी के 2 प्रकार या यूं कह लीजिए पैटर्न होते हैं। इसमें प्राकृतिक मोटिफ्स होते हैं, जिनमें अधिकतर फूल और पत्ती, पत्ती, बेल और पेड़ आदि दिखाए जाते हैं। इतना ही नहीं मोर, पक्षी और अन्य जानवर भी इस एंब्रॉयडरी में कभी-कभी दिखते हैं। इसके साथ ही ज्योमैट्रिक पैटर्न और एबस्ट्रैक्ट पैटर्न में भी आपको कटदाना एंब्रॉयडरी दिख जाएगी। जरी जरदोजी के काम के साथ यह बहुत ही ज्यादा खूबसूरत नजर आती है। कटदाना के साथ अब कुछ डिजाइनर्स सीक्वेंस और मोती वर्क भी करते हैं,जो एंब्रॉयडरी को और भी ज्यादा हैवी लुक देता है।
अगर आप डिजाइनर आउटफिट्स की तलाश में हैं, तो आपको उनमें कटदाना वर्क जरूर देखने को मिलेगा। खासतौर पर एथनिक आउटफिट्स, जैसे- साड़ी, सलवार कमीज और लहंगे आदि में आपको यह एंब्रॉयडरी मिल ही जाएगी। वैसे अब आपको कुछ इंडो-वेस्टर्न या फिर वेस्टर्न आउटफिट्स में भी सीक्वेंस और पर्ल वर्क के साथ यह एंब्रॉयडरी दिख जाएगी।
आपके पास यदि कटदाना वर्क वाला कोई आउटफिट है, तो आपको उसे वॉर्डरोब में रखने से पहले एक बटर पेपर में तह लगाकर रखना चाहिए और फिर वॉर्डरोब में ऐसे स्थान पर रखें जहां पर आउटफिट में ज्यादा हवा न लगे। अन्य कढ़ाईदार कपड़ों के साथ इसे खुला न रखें। इससे बीड्स टूट सकती हैं या उनकी चमक कम हो सकती हैं।
कटदाना वर्क पर परफ्यूम का इस्तेमाल न करें, इससे उसकी शाइन खराब हो सकती हैं। इसके साथ ही कटदाना वर्क वाले आउटफिट्स होम वॉशेबल नहीं होते हैं, तो इन्हें आपको ड्राय वॉश ही करना चाहिए।
कटदाना वर्क वाले आउटफिट्स के साथ अगर आप दुपट्टा या उन्य कोई फैब्रिक एक्सेसरीज को कैरी कर रही हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि कटदाना वर्क में वह फंसे नहीं। ऐसा होने पर थ्रेड ब्रेक हो जाती है और कपड़े पर किया गया काम खराब हो जाता है।
सबसे टॉप पर मनीष मल्होत्रा का नाम आता है। मनीष मल्होत्रा एक ऐसे डिजाइनर हैं, जो पुरानी एंब्रॉयडरी और फैब्रिक्स को रिवाइव करने का काम करते हैं और उन्हें एक नया अंदाज देते हैं। कटदाना वर्क आप उनके द्वारा डिजाइन किए गए आउटफिट्स में सबसे ज्यादा देख सकती हैं। इसके अलावा, कई लोकल डिजाइनर्स भी इस एंब्रॉयडरी को प्रमोट कर रहे हैं।
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