तकनीक का विकास होने के साथ डिस्टेंस एजुकेशन का प्रचलन भी तेजी से बढ़ रहा है। कस्बों और दूर-दराज के गांवों में रहने वाले युवा डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं, वहीं पढ़ाई की चाह रखने वाले मिडिल एज्ड लोग भी डिस्टेंस लर्निंग के जरिए अपने मनचाहे कोर्स में दाखिला लेते हैं। कई बार प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से युवा अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते। ऐसे छात्रों को डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए पढ़ाई पूरी करने का मौका मिलता है। ये कोर्स संचालित करने वाली यूनिवर्सिटीज अपने नियमों के मामले में काफी लचीला रुख अपनाती हैं। यहां कोर्स की फीस भी रेगुलर संस्थानों के मुकाबले कम होती है। नॉलेज बढ़ाने के उद्देश्य से इन यूनिवर्सिटीज के कोर्स अच्छे माने जाते हैं। इस तरह के कई विश्वविद्यालयों में वीकएंड क्लासे भी होती हैं, जिसे वर्किंग वुमन आसानी से अटेंड कर सकती हैं। नौकरी के साथ अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए भी ये विश्वविद्यालय अच्छा मौका देते हैं।
डिस्टेंस एजुकेशन की बढ़ती मांग को देखते हुए इससे जुड़ी जॉब्स में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसी ही एक जॉब है डिस्टेंस एजुकेशन कोऑर्डिनेटर की।सीनियर करियर काउंसलर आशीष आदर्शबता रहे हैं कि इस जॉब के लिए आप कौन से कोर्स कर सकती हैं और कहां-कहां यह जॉब ऑफर हो सकती हैं-
डिस्टेंस एजुकेशन में महिलाओं के लिए भरपूर मौके
दूरस्थ शिक्षा के जरिए शिक्षा देने के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय अपने क्षेत्राधिकार में पीपीपी यानि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप व्यवस्था के अंतर्गत केंद्र स्थापित कर रही है। इंदिरा गाँधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी सहित अनेक क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों को भी अपने डिस्टेंस एजुकेशन कोर्स चलाने के लिए निजी संस्थानों की आवश्यकता होती है। महिलाओं के लिए शिक्षा का क्षेत्र हर लिहाज से बेहतर माना जाता है। इसलिए आप एक डिस्टेंस एजुकेशन कोऑर्डिनेटर के तौर पर करियर बनाने की सोंच सकती है। इसमें भी दो विकल्प हैं, पहला या तो आप किसी डिस्टेंस कोर्स सेंटर में जॉब करें या अपना एक छोटा सा सेंटर खोल कर विश्वविद्यालय में सेंटर के लिए अप्लाई कर दें।
ये हैं पाठ्यक्रम
अब बात करते हैं इसके लिए आवश्यक योग्यता की। दूरस्थ शिक्षा को अभी शिक्षा देने का एक माध्यम भर माना जाता था, परन्तु अब इसे एक विषय के रूप में विकसित कर इसमें नए पाठ्यक्रम चला दिए गए हैं। इस पाठ्यक्रम से उन महिलाओं को फायदा होगा, जो अपने शहर और गाँव में दूरस्थ शिक्षा केंद्र में कार्य कर रही हैं या ऐसा कोई भी केंद्र स्थापित करना चाहती हैं। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) का एक-वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन डिस्टेंस एजुकेशन पाठ्यक्रम आपको दूरस्थ शिक्षा के उन तमाम पहलुओं से अवगत कराता है, जो इस क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों के लिए आवश्यक हैं।
इस पाठ्यक्रम में दूरस्थ शिक्षा का विकास, इस व्यवस्था में दी जाने वाली स्टडी मटेरियल को विकसित करने की विधि, दूरस्थ शिक्षा में संचार तकनीक का उपयोग और दूरस्थ शिक्षा केंद्र प्रबंद्धन जैसे विषयों को शामिल किया गया है। आज देश भर में विभिन्न विश्वविद्यालयों के दूरस्थ शिक्षा केंद्र कार्यरत हैं। यह पाठ्यक्रम आपको उन केन्द्रों में रोजगार अवसर के योग्य बनाता है। तो, आप इस पाठ्यक्रम में दाखिला लें और आगे बढ़ें।
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