सोमवार को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) के एमबीबीएस एग्जाम के रिजल्ट ने यह बात एक बार फिर साबित कर दी हैं कि लड़कियां घर के कामकाज के साथ ही पढ़ाई में भी होशियार होती हैं। इस एग्जाम में पंजाब की एलिजा बंसल ने 100 पर्सेंटाइल अंक ला कर टॉप किया है। वहीं भटिंडा की रमणीक कौर महल की सेकेंड, महक अरोड़ा की थर्ड और मनराज की फोर्थ रैंक आई है। यानी एम्स के एग्जाम में टॉप फोर में लड़कियों ने अपनी जगह बनाई है।
इतिहास में हुआ पहली बार
एम्स के एग्जाम में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साथ 4 लड़़कियों ने पहले 4 स्थान पर अपनी जगह बना ली हो और चारों के 100 प्रतिशत अंक आए हों। परीक्षा में पहली रैंक पाने वाली एलीजा का कहना है कि, ‘मुझे बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी कि मेरी फर्स्ट रैंक आएगी। परीक्षा में सफल होने के लिए मैने काफी महनत की थी। मैं पूरे दिन में 1-2 घंटे छोड़ दिया जाए तो बस पढ़ा ही करती थी। डॉक्टर बनना केवल मेरा नहीं बल्कि मेरे पेरेंट्स का भी सपना है इसलिए यहां तक पहुंचने के लिए और भी महनत की।’ एलिजा कार्डियोलॉजिस्ट बनाना चाहती हैं।
देशभर में हैं 9 एम्स
आपको बता दें कि भारत में नई दिल्ली के अलावा, पटना, भोपाल, जोधपुर, भुवनेश्वर, ऋषिकेश, रायपुर, गुंटूर और नागपुर में भी एम्स मौजूद हैं। जो बच्चे इस वर्ष की परीक्षा में सफल हुए हैं उन्हें इन्हीं कैंपस में कउंसिलिंग के बाद ऐडमिशन दिया जाएगा। हर कैंपस में जनरल कैटिगरी के लिए 450 सीटें, ओबीसी के लिए 243 सीटें, एससी के लिए 135, एसटी के लिए 72 और सभी कैटिगरी में 3 प्रतिशत सीटें हैंडीकैप्ड स्टूडेंट्स के लिए होती हैं।
कब होगी काउंसिलिंग
एम्स की तरफ से जारी किए गए नोटिस में बताया गया है कि जनरल कैटिगरी के लिए 98 पर्सेंटाइल से अधिक, ओबीसी के लिए 97 पर्सेंटाइल से अधिक और एससी-एसटी कैटेगरी के स्टूडेंट्स के लिए 93 पर्सेंटाइल से अधिक का कटऑफ था। जिन बच्चों के इतनी कटऑफ आए हैं उन्हें तीन चरणों में काउंसिलिंग के 3 जुलाई से बुलाया जाएगा। 4 सितंबर तक ये काउंसिलिंग चलेंगी और 27 सितंबर से ओपन काउंसिलिंग शुरु हो जाएगी।
सबके पढ़ने का होता है अलग तरीका
परीक्षा में सेकंड टॉपर भटिंडा की रमणीक कौर ने कहा है कि, ‘मैं दिन में 10 घंटे पढ़ती थी और मुझे बिलकुल उम्मीद नहीं थी कि मैं टॉप 5 में आ जाउंगी। मैं बस पढ़ते वक्त इस बात का ध्यान रखती थी कि मुझे मेरे टीचर्स ने क्या गाइड किया है। मुझे टेस्ट बुक्स और टीचर्स के नोट्स से भी काफी फायदा हुआ।’ रमणीका ने एम्स के लिए 2 साल पहले से ही प्रिपरेशन शुरु कर दी थी। वह कहती हैं, ‘हार्ड वर्क सभी बच्चे करते हैं मगर हार्ड वर्क सही दिशा में होना चाहिए तब ही रिजल्ट अच्छा आता है।’
जो डरा वो मरा
परीक्षा में तीसरी रैंक पाने वाली महक कहती हैं, ‘7वीं कक्षा में थी तब पापा की डेथ हो गई थी। मैं काफी डिस्टर्ब हुई मगर मेरी मां ने कहा कि जो डरा सो मरा। उनकी इस बात को हमेशा ध्यान में रख कर मैं शांत मन से केवल 7 घंटे पढ़ती थी और कभी फल की चिंता नहीं करती थी। बस जब तक पढ़ती थी तब तक मन लगा कर पढ़ती थी। ’
पिछले साल के पेपर्स जरूर सॉल्व करें
मनराज की परीक्षा में फोर्थ रैंक आई है। वह कहती हैं, ‘पूरे दिन पढ़ते रहने से कुछ नहीं होता स्मार्ट स्टडी करनी चाहिए और बीते वर्षों के पेपेर्स जरूर सॉल्व करने चाहिए। मैंने तो ऐसे ही तैयारी की थी।’
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