पिछले काफी समय से एक के बाद बाद एक कई सारी महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध न्यूपेपर के फ्रंट पेज की खबर बन रहे हैं। हरियाणा में हाल ही में राष्ट्रपति से सम्मानित हुई एक लड़की के साथ गैंगरेप कर उसे फेंक दिया गया। उसके साथ हुए रेप में एक जवान भी शामिल था जिसे 11 दिन के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी तरह पिछले दिनों दिल्ली के एक सबइंस्पेक्टर का बेटा अपनी गर्लफैंड को धमकाने के लिए दूसरी लड़की को मारने का वीडियो बनाकर भेजता है। इन दोनों घटनाओं पर सरकार ने भी कड़ी निंदा की थी और अब ऐसी घटनाओं से निपटने और महिलाओं की सुरक्षा को और अधिक टाइट करने के लिए सरकार ने दो पोर्टल लॉन्च किए हैं।
दो पोर्टल किए लॉन्च
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से राजनाथ सिंह ने बीते दिनों नई दिल्ली में महिला सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए दो अलग-अलग पोर्टल लॉन्च किए हैं। ये पोर्टल हैं-
- महिला एवं बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध की रोकथाम (Cyber Crime Prevention against Women and Children- CCPWC)
- यौन दुष्कर्मियों से सम्बंधित राष्ट्रीय डाटाबेस (National Database on Sexual Offenders- NDSO)
साइबर क्राइम से बचाएगा यह पोर्टल
सरकार ने महिलाओं एवं बच्चों को साइबर क्राइम से बचाने के लिए महिला एवं बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध की रोकथाम (Cyber Crime Prevention against Women and Children- CCPWC) नाम से एक पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल पर आम इंसान, महिलाओं एवं बच्चों से जुड़ी अश्लील व यौनाचार से संबंधित वे सामग्रियों के बारे में शिकायत कर सकेंगे जो ऑनलाइन शेयर की जा रही है।
सबसे अच्छी बात है कि इसमें URL तक अपलोड किया जा सकेगा जिससे पुलिस को जांच करने में सहायता मिलेगी। ये सारे काम नागरिक अपना नाम और पहचान बताये बिना कर सकते हैं। इससे न केवल पीड़ितों अथवा शिकायतकर्ताओं को ही अपितु सामाजिक संगठनों तथा उत्तरदायी नागरिकों को बिना अपना नाम बताये शिकायत करने में सहायता मिलेगी।
रेपिस्टों का रखा जाएगा रिकॉर्ड
इस पोर्टल पर रेपिस्टों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। इसे राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (The National Crime Records Bureau – NCRB) द्वारा मेंटेन किया जाएगा। इसमें 2005 के बाद से बलात्कार, सामूहिक दुष्कर्म, POCSO और छेड़छाड़ के आरोपों के लिए सजा प्राप्त कर चुके अपराधियों का रिकॉर्ड रखा जाएगा।
यह एक रजिस्टर की तरह है जिसमें रेपिस्टों और यौन अपराध के आरोपियों का सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अनुभाग 79(3)b के तहत सूचना इकट्ठी की जाएगी।
4.4 लाख लोगों की हुई लिस्ट जारी
इसमें अब तक 4.4 लाख लोगों का नाम शामिल किया जा चुका है। राज्य पुलिस को कहा गया है कि वे 2005 के बाद से रेप से जुड़े अपराध में शामिल हुए लोगों का इसमें डाटा रखें और समय-समय पर इसे अपडेट करें। डाटाबेस में अपराधियों के नाम, पता, फोटो और उंगलियों के चिन्ह दिए जायेंगे परन्तु इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि किसी व्यक्ति की प्राइवेसी भंग ना हो।
यह एक अच्छी पहल है। उम्मीद करते हैं कि इस पोर्टल से महिलाओं की सेफ्टी टाइट होगी और रेपिस्ट तुरंत पकड़ में आएंगे।
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