खतरनाक बीमारी कैंसर का नाम सुनते ही सब परेशान हो जाते हैं और ऐसा हो भी क्यों न? कैंसर इन दिनों एक खतरनाक बीमारी बन चुकी है और इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। साथ ही इसे एक ऐसी बीमारी माना जाता है जिसके पूरी तरह ठीक होने की संभावना भी कम ही होती है। इसलिए आज वर्ल्ड कैंसर डे के मौके पर हम आपको कुछ ऐसी आदतों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें अपनाने से आप कैंसर के खतरे को कम कर सकती हैं। खाने की इन आदतों के बारे में हमें फोर्टिस हॉस्पिटल, कल्याण की डाइटिशियन श्वेता महादिक जी बता रहे हैं।
श्वेता महादिक जी का कहना है कि ''यह कोई सीक्रेट नहीं है कि एक हेल्दी लाइफस्टाइल कैंसर के जोखिम को कई तरीकों से कम करने में मदद कर सकती है। अनुसंधान से पता चलता है कि कई कैंसर लाइफस्टाइल पैटर्न से जुड़े होते हैं, जिनमें अनहेल्दी खाने के पैटर्न और फिजिकल एक्टिविटी की कमी शामिल है। अगर समय पर बीमारी का पता चल जाए तो एक हेल्दी लाइफस्टाइल भी पॉजिटीव रूप से ट्रीटमेंट और रिकवरी को सपोर्ट करने में मदद कर सकती है।''
कैंसर से बचने के लिए खाने की ये 5 आदतें अपनाएं
आदत नंबर-1
कैंसर के खतरे को कम करने में मदद के लिए अपनी डाइट में फल और सब्जियां जैसे कि संतरा, जामुन, अनानास, स्वीट लाइम, नींबू, आंवला, ब्रोकली, गोभी, कोलार्ड ग्रीन्स, केल, गोभी और ब्रसेल्स स्प्राउट्स आदि को शामिल करना चाहिए। होलग्रेन जैसे, होलवीट, ओट्स, राई, जौ, ब्राउन राइस, बाजरा, हाई फाइबर फूड्स, सब्जियां और बीन्स को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
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आदत नंबर-2
अपनी डाइट में प्रोटीन से भरपूर फूड्स को शामिल करें। गाय के दूध और उसके उत्पादों, फलियां, दालें, साबुत अनाज, अंडे का सफेद भाग, चिकन और फिश जैसी चीजों में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है।
आदत नंबर- 3
ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स जैसे मछली, विशेष रूप से ऑयली फिश मछली (सार्डिन, मैकेरल, टूना, सलमोन, हेरिंग, ट्राउट), बादाम, अखरोट और फ्लैक्ससीड्स आदि को अपनी डाइट में शमिल करें। तलने की बजाय खाना पकाने के तरीके जैसे कि उबालना, स्टू करना, ग्रिल करना, ब्रेकिंग आदि को शामिल करें।
आदत नंबर- 4
एनर्जी से भरपूर और हीलर फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें। इसके लिए एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड्स लें। एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान सेल्स को बचाता है जिसे 'अस्थिर अणुओं' के रूप में जाना जाता है। एंटीऑक्सीडेंट के कुछ उदाहरणों में बीटा-कैरोटीन, लाइकोपीन, विटामिन सी, ई, और ए आदि शामिल हैं।
ओमेगा-3 से भरपूर फूड्स जैसे नट्स, तिलहन, फ्लैक्ससीड्स, तिल के बीज, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, मछली जैसे सालमन, टूना और हेरिंग आदि में मौजूद ओमेगा-3 पीयूएफए, सेल सिग्नलिंग और सेल संरचना में एक आवश्यक भूमिका निभातेे हैं। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीइनोसेप्टिव प्रभाव होते हैं जो सूजन को कम करते हैं।
आदत नंबर- 5
- कुछ नैदानिक अध्ययनों में पाया गया कि हमारे भोजन में लहसुन की नियमित खपत डीएनए की मरम्मत, कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करने और सूजन को कम करने में मदद करती है क्योंकि लहसुन एलिसिन यानी घुलनशील एलिल सल्फर यौगिकों से भरपूर होता है जो कई कैंसर से लड़ने वाले गुणों के लिए जिम्मेदार है।
- कई कार्यात्मक फूड्स के फ्री रेडिकल्स जैसे लहसुन, ब्रोकली, ग्रीन टी, सोयाबीन, टमाटर, गाजर, गोभी, प्याज, फूलगोभी, लाल बीट, नारियल, कोको, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, लाल अंगूर और सिट्रिक फलों में एंटी-कैंसर एक्टिविटी दिखाई देती है।
- करेला दुनिया भर में व्यापक रूप से खाई जाने वाली सब्जी है जिसमें पॉलीफेनोल, फ्लेवोनोइड्स और सैपोनिन्स जैसे कई बायोएक्टिव घटक शामिल हैं और इसमें एंटी-कैंसर क्षमता होती है।
- साथ ही गेहूं का चोकर में विभिन्न प्रकार के स्वस्थ फाइटोकेमिकल्स जैसे कि फेनोलिक्स, फ्लेवोनोइड्स, ग्लूकैन और पिगमेंट्स में प्रचुर मात्रा में होता है। इसे भी एंटी-कैंसरस फूड्स की लिस्ट में शामिल किया जाता है।
आहार के अलावा, यह महत्वपूर्ण है कि कैंसर के रोगी हेल्दी वजन को बनाए रखें, फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाएं, हेल्दी डाइट लें और मन और शरीर से खुश रहें। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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