भारत में घी का प्रयोग लगभग सभी व्यंजनों में किया जाता है, यहां तक की व्रत का खाना भी केवल घी में ही बनाया जाता है। चाहे कुछ खास बनाया जाए या साधारण घी के बिना खाने का स्वाद अधूरा-सा लगता है। न सिर्फ खाने में बल्की आयुर्वेद के रूप में भी घी का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे रूखे होठों को मुलायम करने और जली हुई त्वाचा को सही करने के लिए। मक्खन में फैट ज्यादा होता है और इसमें दूध के ठोस पदार्थ भी पाए जाते हैं, जबकि घी में ठोस पदार्थ और नमक नहीं होता है। यहां हम आपको घी और मक्खन के ऐसे ही कई स्वास्थ्य लाभ और अंतर बताएंगे।
सीरम कोलेस्ट्रोल लेवल

एक रीसर्च के मुताबिक, शुद्ध घी सीरम कोलेस्ट्रोल पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। शुद्ध घी का 10% आहार में शामिल करने से कोलेस्ट्रोल का स्तर कम हो सकता है। घी में भरपूर मात्रा में लिनोलिक एसिड होता है, जो कोलेस्ट्रोल लेवल को कम करने में कारगर साबित हो सकता है। दूसरी ओर, रिसर्च में पाया गया है कि मक्खन का सेवन आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है। इसलिए जिन लोगों को कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ने की समस्या है, उनके लिए घी का चुनाव करना बेहतर विकल्प है।
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ह्रदय रोग के लिए

हृदय रोगों के कारण मृत्यु की घटनाओं में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। इसलिए, उन खाद्य पदार्थों का सेवन बंद करना महत्वपूर्ण है, जो हृदय को नुकसान पहुंचाते हैं। मक्खन में कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ाने के साथ-साथ हृदय रोगों के खतरे को भी पैदा कर सकता है। दूसरी ओर, दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए घी इस्तेमाल किया जाता है। घी का 10% आहार में शामिल किया जा सकता है। ध्यान रहे अगर आप ह्रदय रोगी हैं, जो चिकित्सक की सलाह से ही फैट वाले आहार का सेवन करें।
आंखों की रोशनी के लिए

घी में अनप्रोसेस्ड फैट और विटामिन-ए पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी बेहतर करने में कारगर साबित हो सकता है। मक्खन में ट्रांस फैट अधिक पाए जाते हैं, जिसका सेवन कम ही करना चाहिए। मक्खन की तुलना में घी में अधिक कैलोरी पाई जाती है, लेकिन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी घी ही बेहतर माना गया है। जरूरत से अधिक भी घी का सेवन नहीं करना चाहिए, लेकिन यदि घी और मक्खन में से चुनाव करना पड़े तो घी फायदेमंद है।
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किसे लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है?

घी में पानी नहीं होता है और इसे एयरटाइट कंटेनर में आसानी से लंबे समय तक रखा जा सकता है। यदि मक्खन को अधिक लंबे समय तक स्टोर किया जाए, तो इसका स्वाद और रंग बदलने लगता है। जबकि घी को आराम से 3 से 4 महीने तक भी रखा जा सकता है और इसके रंग व स्वाद में कोई बदलाव नहीं आता है। यदि बैक्टीरिया की बात की जाए, तो मक्खन की तुलना में घी को उच्च तापमान में बनाया जाता है जो बैक्टीरिया को खत्म कर देता है। ध्यान रहे कि यहां हम शुद्ध घी के बारे में बता रहे हैं, क्योंकि वनस्पति घी(dalda ghee) आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है और इंसुलिन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।
खाना बनाते समय मक्खन पैन में जल्दी जलने लगता है, जबकि घी का उच्च तापमान में भी प्रयोग किया जा सकता है। आपको घी या मक्खन में से क्या बेहतर लगता है, यह हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: freepik.com
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