हमारे शरीर को ठीक तरह से चलाने के लिए बहुत सारी चीज़ों की जरूरत होती है। इसके लिए विटामिन और मिनरल्स दोनों ही चाहिए होते हैं और ऐसे में अगर आपके शरीर से एक भी विटामिन या मिनरल कम हो गया तो ये आपके लिए काफी खतरनाक स्थिति साबित होगी। शरीर को जितनी चीज़ों की जरूरत है अगर वो उसे न मिलीं तो इससे वो कमजोर होता जाता है और ऐसे में कई बीमारियां हमें परेशान करती हैं।
इसी तरह की एक समस्या विटामिन-B12 की कमी से भी होती हैं। शरीर में अगर विटामिन-B12 की कमी हो जाए तो मुंह के छाले से लेकर हार्ट अटैक के खतरे तक कई समस्याएं हो सकती हैं।
डायटीशियन और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट स्वाति बथवाल से हमने इस बारे में बात की और ये जानने की कोशिश की कि आखिर कैसे विटामिन-बी12 की कमी को पूरा किया जा सकता है और हमें क्या सावधानियां रखनी चाहिए। स्वाति जी ने हमें बताया कि विटामिन-B12 की कमी पहली बार 1853 के दौर में खोजी गई थी जहां एक मरीज़ को छाले, अल्सर, एनीमिया आदी हो गया था। उसे जानवरों का खाना खिलाया गया और वो जल्दी ठीक हो गया। ये रिकवरी विटामिन-B12 की वजह से हुई थी।
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आखिर क्यों हो जाती है विटामिन-B12 की कमी?
विटामिन-B12 न ही जानवरों, न ही पौधों और न ही इंसानों द्वारा नेचुरली बनाया जा सकता है बल्कि ये कुछ माइक्रोब्स द्वारा बनाया जाता है। यही कारण है कि इसकी कमी बहुत जल्दी हो जाती है और लोगों को पता भी नहीं चलता है।
विटामिन-B12 हमारे दिल की सेहत का ख्याल रखने के लिए बहुत जरूरी है। विटामिन-B12 का लेवल अगर कम होता है तो इसका असर हमारी आर्टरीज पर पड़ता है जिससे स्ट्रोक होने का खतरा हो सकता है। इसके अलावा, सांस फूलना, पैरों में दर्द, पार्किंसंस, स्किन का डार्क होना, अल्जाइमर, पेट दर्द, डिप्रेशन, थकान, साइकोसिस आदि बहुत सारी समस्याएं होती हैं। कुल मिलाकर ये ब्लड, ब्रेन और नर्वस सिस्टम पर असर करता है।
कैसे पूरी की जा सकती है विटामिन-B12 की कमी?
विटामिन-B12 की कमी फोलेट, विटामिन-बी6 आदि से भी पूरी की जा सकती है इसलिए ये जरूरी है कि हम अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर खाना खाएं। अगर शरीर में फाइबर भरपूर मात्रा में रहेगा तो आंतों का बैक्टीरिया विटामिन-B12 बनाएगा इसलिए फर्मेंटेड फूड्स जैसे इडली, डोसा, ढोकला, खांडवी, कांजी पानी आदि अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
इसके अलावा आपको दूध और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स, अंडे, चिकन, दाल, फलियां, हरी पत्तेदार सब्जियां भी अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए जो विटामिन-B12 का एक अच्छा सोर्स है।
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कब जरूरत पड़ती है सप्लीमेंट की?
विटामिन-B12 का लेवल अगर शरीर में ठीक है तो सप्लीमेंट की जरूरत नहीं होगी पर अगर ये ऊपर-नीचे है तो सिर्फ डाइट से इसे ठीक करना बहुत मुश्किल है। खासतौर पर रिस्क ग्रुप के लोगों के लिए ये जरूरी हो जाता है कि वो ओरल या इंजेक्शन के सप्लीमेंट्स लें।
हालांकि, ये जरूरी है कि आप इसको लेकर अपने डॉक्टर से बात जरूर करें। विटामिन-B12 का टेस्ट 50 की उम्र के बाद जरूर करवाते रहना चाहिए। ये आपको आने वाले किसी खतरे से बचा सकता है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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