डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो तब होती है जब आपका ब्लड ग्लूकोज, जिसे ब्लड शुगर भी कहा जाता है, वह बहुत अधिक होता है। ब्लड ग्लूकोज आपकी एनर्जी का मुख्य स्रोत है और आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से आता है। इंसुलिन, पैंक्रियाज द्वारा बनाया गया एक हार्मोन है जो भोजन से ग्लूकोज को आपकी सेल्स में एनर्जी के लिए इस्तेमाल करने में मदद करता है।
डायबिटीज सबसे आम बीमारियों में से एक है जिसमें कई प्रकार के मेटाबॉलिज्म संबंधी विकार शामिल होते हैं जो ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि का कारण बनते हैं। यह आनुवंशिक, लाइफस्टाइल या आहार संबंधी आदतों के कारण ट्रिगर हो सकता है। यह मोटापे और हार्ट डिजीज जैसी कई स्वास्थ्य स्थितियों से जुड़ा हुआ भी है। डायबिटीज रोगियों को अक्सर अपनी डाइट पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह पूरी तरह से ठीक नहीं होता है लेकिन स्थिति को बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद कर सकता है।
एक्सपर्ट डायबिटीज को मैनेज के लिए कई नेचुरल उपाय अपनाने के लिए कहते हैं, इनमें पनीर के फूल का इस्तेमाल भी शामिल है। शायद आपको यह सुनकर थोड़ा अटपटा लग रहा होगी कि भला यह क्या है? तो हम आपको बता दें कि इससे डायबिटीज को कुछ हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। इसे भारतीय रेनेट या पनीर डोडा के रूप में भी जाना जाता है।
डायबिटीज के लिए पनीर के फूल
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पनीर के फूल एक ऐसा फूल है जिसका इस्तेमाल औषधीय गुणों के लिए किया जाता है। पनीर के फूल सोलानेसी परिवार का एक फूल है जो मुख्य रूप से भारत में पाया जाता है और इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में विभिन्न दवाओं में किया जाता है। ये महुआ जैसे छोटे फूल होते हैं, जिनका स्वाद मीठा होता है। इन्हें शामक और मूत्रवर्धक माना जाता है। यह डायबिटीज रोगियों के लिए बहुत अच्छे होते हैं।
यह डायबिटीज रोगियों के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है? इस बात की जानकारी हमें पोषण विशेषज्ञ और प्रमाणित आयुर्वेदिक चिकित्सक सोनम जी दे रहीहैं। आइए इस आर्टिकल के माध्यम से जानें कि पनीर के फूल डायबिटीज के लिए कैसे काम करते हैं और ब्लड शुगर को मैनेज करने के लिएइसका इस्तेमाल कैसे करना चाहिए?
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पनीर के फूल डायबिटीज को मैनेज करने में कैसे मदद करता है?
यह फूल इंसुलिन के बेहतर इस्तेमाल के लिए पैंक्रियाज की बीटा सेल्स को ठीक करता है। यदि दैनिक रूप से लिया जाए, चाहे कम मात्रा में भी, यह प्रभावी रूप से हाई ब्लड शुगर लेवल का मैनेज कर सकता है। हालांकि, इस बात को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि कोई भी ऐसा भोजन नहीं है जो डायबिटीज का पूरी तरह से इलाज कर सके।
यह एक जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल डायबिटीज को मैनेंज करने के लिए किया जाता है। इसमें न केवल हमारे सेल्स के अंदर इंसुलिन के लेवल को विनियमित करने की क्षमता होती है, बल्कि पैंक्रियाज की बीटा सेल्स की मरम्मत भी होती है जो इंसुलिन के उत्पादक हैं। डायबिटीज रोगियों में लैंगरहैंस के आइलेट्स में मौजूद बीटा सेल्स डैमेज हो जाते हैं, इसलिए टाइप -2 डायबिटीज रोगियों का शरीर इंसुलिन का उत्पादन करने में असमर्थ होता है, इसलिए बाहरी स्रोत की आवश्यकता होती है। यहीं पर पनीर के फूल या पनीर डोडा काम आता है।
पनीर के फूल का इस्तेमाल कैसे करे?
- इसे काढ़े के रूप में लें।
- आपको बस इतना करना है कि पनीर के फूल लें।
- इसे लगभग दो घंटे के लिए पानी में भिगो दें।
- अब एक बर्तन में उसी पानी में फूलों को उबाल लें ताकि फूल से सारी अच्छाई निकल जाए।
- पानी को छान लें और रोजाना खाली पेट इसका सेवन करें।
पनीर का फूल कहां मिलेगा?
पनीर का फूल आमतौर पर आयुर्वेदिक दवाओं और जड़ी-बूटियों के स्टोर पर आसानी से मिल जाता है। इसके अलावा, ये फूल आजकल ऑनलाइन स्टोर पर भी उपलब्ध हैं और वहां से भी मंगवाए जा सकते हैं। आप इसे पनीर के फूल या पनीर डोडी के नाम से खरीद सकती हैं।
इसके अलावा, डायबिटीज रोगियों को बैलेंस डाइट लेनी चाहिए। चीनी और सभी प्रोसेस्ड फूड्स जैसे कुकीज, बिस्कुट, ब्रेड और प्रोसेस्ड स्नैक्स को समाप्त करने की आवश्यकता होती है। पनीर के फूल या पनीर डोडा जैसे शक्तिशाली उपचार के साथ हेल्दी बैलेंस डाइट लेना जरूरी होता है।
डायबिटीज कंट्रोल करने के अन्य उपाय
डायबिटीज को किसी भी दवा या नुस्खे से कुछ हद तक कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। इसलिए आपको डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।
- मिठाइयों से दूर रहें।
- अपने मोटापे को कंट्रोल में रखें क्योंकि यह डायबिटीज को ठीक होने से रोकता है।
- रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलें या हल्की एक्सरसाइज करें। इससे शरीर ग्लूकोज को एनर्जी के रूप में उपयोग करने लगता है, जिससे ब्लड शुगर नहीं बढ़ता है।
- अपने ब्लड शुगर पर नजर रखें और किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर से मिलें।
घरेलू नुस्खों से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में थोड़ा समय लगता है, इसलिए आपात स्थिति में आयुर्वेदिक दवाओं की जगह डॉक्टर से सलाह जरूर लें। साथ ही अपनी दवाओं को डॉक्टर की सलाह के बिना लेना बंद न करें। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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