वेगन डाइट को लेकर महिलाओं के मन में होते हैं कई मिथ्स, आज जानिए इनकी सच्चाई

इन दिनों लोग वेजिटेरियन से एक कदम आगे बढ़कर वेगन डाइट पर जोर देने लगे हैं। लेकिन इससे जुड़े कुछ मिथ्स भी समय के साथ बेहद पॉपुलर हुए हैं। जानिए इनके बारे में

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पिछले कुछ समय में लोगों ने एनिमल क्रूएलिटी को कम करने के लिए सिर्फ वेजिटेरियन ही नहीं, बल्कि वेगन होने का रास्ता अपनाया है। जहां वेजिटेरियन डाइट में प्लांट व एनिमल बेस्ड प्रॉडक्ट को इस्तेमाल किया जा सकता है, वहीं वेगन लोग पूरी तरह से प्लांट बेस्ट डाइट पर ही निर्भर होते हैं। इस डाइट की खासियत यह है कि इसमें जानवरों या जानवरों द्वारा उत्पादित चीजों जैसे दूध, शहद आदि का भी सेवन नहीं किया जाता।

यह डाइट अधिक बेहतर व पौष्टिक मानी जाती है। हालांकि वेगन डाइट को लेकर लोगों के मन में कई तरह के मिथ्स हैं, जिन पर वे आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। मसलन, वेगन लोगों को प्रोटीन पूरा नहीं मिल पाता या फिर वेगन डाइट सबसे अच्छी डाइट है आदि। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको वेगन डाइट से जुड़े कुछ ऐसे ही मिथ्स व उनकी वास्तविक सच्चाई से रूबरू करवा रहे हैं-

मिथ 1-प्लांट बेस्ड डाइट होती है हमेशा हेल्दी

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हाल के दशकों में, कई अध्ययनों ने रेड मीट की खपत और खराब स्वास्थ्य परिणामों के बीच संबंधों का प्रदर्शन किया है। उदाहरण के लिए, प्रोसेस्ड और रेड मीट का सेवन पेट के कैंसर, मोटापे, हृदय रोग और मधुमेह से जुड़ा हुआ है। ऐसे में लोगों का मानना है कि प्लांट बेस्ड डाइट अधिक हेल्दी होती है। हालांकि यह सच होकर भी पूरी तरह से सच नहीं है। मसलन, अगर आप वेगन डाइट में भी सही तरह से आहार का सेवन नहीं करतीं तो इससे आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति केवल आलू के चिप्स खाता है, तो वह वेगन तो होगा, लेकिन निश्चित रूप से उसमें जीवन शक्ति और ऊर्जा की कमी होगी। साथ ही उसे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ेगा। इसलिए किसी भी डाइट में आपकी हेल्थ पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है कि आप कब, क्या और कितनी मात्रा में खाते हैं।

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मिथ 2- नहीं मिलता पूरा प्रोटीन

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वेगन डाइट को लेकर यह एक पॉपुलर मिथ है। वैसे तो वेगन डाइट को अधिक हेल्दी माना जाता है, लेकिन फिर भी लोग यह मानते हैं कि वेगन डाइट लेने से शरीर की प्रोटीन की जरूरतें पूरी नहीं होंगी। आमतौर पर नॉन-वेज फूड में प्रोटीन कंटेंट अधिक होता है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि प्लांट बेस्ड डाइट लेने से आपके शरीर को प्रोटीन पूरा नहीं मिलेगा। प्लांट बेस्ड डाइट में ऐसे कई खाद्य विकल्प हैं, जो प्रोटीन के समृद्ध स्रोत हैं। इसमें टोफू, मसूर की दाल, फलियां, नट्स, सीड्स व साबुत अनाज आदि है। आप अपने शरीर की जरूरत के अनुसार इन खाद्य पदार्थों के सेवन की मात्रा सुनिश्चित कर सकती हैं।

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मिथ 3- मजबूत हड्डियों के लिए जरूरी है डेयरी उत्पाद

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आमतौर पर यह माना जाता है कि मजबूत हड्डियों के लिए डेयरी उत्पादों का सेवन करना बेहद आवश्यक है। लेकिन वेगन डाइट में जानवरों द्वारा उत्पादित दूध व अन्य डेयरी प्रॉडक्ट्स को लेने की मनाही होती है, इसलिए लोग यह सोचते हैं कि वेगन डाइट लेने से हड्डियां कमजोर हो जाएंगी। हालांकि वास्तविकता यह है कि मजबूत हड्डियों के लिए डेयरी आवश्यक नहीं है, जबकि कैल्शियम है। वास्तव में, कैल्शियम कई शारीरिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें रक्तचाप को बनाए रखना व ब्लड क्लॉटिंग आदि। इसलिए अगर आप वेगन हैं और अपनी हड्डियों की मजबूती को यूं ही बनाए रखना चाहती हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप प्लांट बेस्ड सोर्स से पर्याप्त कैल्शियम लें। प्लांट्स से कैल्शियम लेने के लिए बहुत सारे स्थान हैं, जिनमें सोया आधारित खाद्य पदार्थ, सेम, मसूर, मटर, पालक, शलजम, अंजीर, चिया, तिल आदि शामिल हैं।

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