पौष्टिक खाना अच्छी सेहत की निशानी है। खाने को लेकर हर किसी की पसंद-नापसंद अलग होती है। जहां कुछ लोग नॉन-वेज फूड खाना अधिक पसंद करते हैं, वहीं कुछ लोग वेज डाइट को ही प्राथमिकता देते हैं। वैसे व्यक्ति चाहे शाकाहारी हो या फिर मांसाहारी, ऐसा माना जाता है कि पौष्टिकता के मामले में नॉन-वेज कहीं अधिक बेहतर होता है। यकीनन मांसाहारी भोजन में प्रोटीन व अन्य पौष्टिक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं, लेकिन इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि पौष्टिकता के मामले में वेजिटेरियन फूड किसी से पीछे है। यहां तक कि ऐसे कई वेज फूड इंग्रीडिएंट होते हैं, जो नॉन-वेज फूड से कहीं अधिक बेहतर माने जाते हैं। वैसे यह एक अकेला ऐसा मिथ नहीं है, जिस पर सभी लोग सालों से विश्वास करते आ रहे हैं। इसके अलावा भी वेजिटेरियन फूड को लेकर कई मिथ्स पर लोग भरोसा करते हैं। हो सकता है कि आप भी ऐसी ही किसी मिथ्स की गिरफ्त में हों। इसलिए आज हम आपको वेजिटेरियन फूड से जुड़े कुछ मिथ्स और उनके पीछे की सच्चाई के बारे में बता रहे हैं-
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि सब्जियों और फलों में पाया जाने वाला फाइबर और प्रोटीन आपको लंबे समय तक फुलर होने का अहसास करता है, जिससे आप अतिरिक्त कैलोरी का सेवन करने से बच जाती हैं और भूख भी कम होती है। जिससे अंततः आपको वजन कम करने में मदद मिलती है। हालांकि इसका अर्थ यह नहीं है कि शाकाहारी भोजन करना वजन घटाने की गारंटी है। ऐसे कई व्यक्ति हैं जो सिर्फ शाकाहारी भोजन ही करते हैं, लेकिन फिर भी वजन कम नहीं कर पाते हैं।
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कुछ लोग फलों का सेवन भी इसलिए नहीं करना चाहते, क्योंकि उन्हें लगता है कि इसमें मौजूद चीनी उनका वजन बढ़ाएगी। फलों में प्राकृतिक चीनी होती है, जबकि केक, पेस्ट्री, कुकीज़ आदि में चीनी होती है। परिष्कृत चीनी और प्राकृतिक चीनी के बीच अंतर है। प्राकृतिक चीनी में फ्रुक्टोज, विटामिन, खनिज और फाइटोन्यूट्रिएंट होते हैं, जो किसी भी बीमारी के जोखिम को कम करता है। तो, अपने स्नैकिंग समय के दौरान एक फल या एक वेजी होना बहुत अच्छा है। चीनी के बारे में चिंता मत करो। हालांकि अगर आप इसे लेकर बहुत अधिक चिंतित हैं तो फलों का रस पीने की जगह आप उसे यूं ही खाएं, क्योंकि रस से आपको केवल नेचुरल शुगर मिलती है, जबकि फल को यूं ही खाने से फाइबर भी प्राप्त होता है, जो आपको फुलर रखता है।
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यह एक बहुत बड़ा मिथ है, जिस पर हम सभी अब तक विश्वास करते आए हैं। ऐसा माना जाता है कि वेजिटेरियन फूड में कोई वैरायटी नहीं है और इसलिए पौष्टिकता के लिए नॉन-वेज फूड पर स्विच करना चाहिए। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बस आपको हमेशा टोफू और स्टीम्ड वेजीज़ से चिपके नहीं रहना है। आप दालों से लेकर बीन्स, नट्स व अन्य कई प्लांट बेस्ड फूड के ऑप्शन को एक्सप्लोर कर सकती हैं।
मसल्स बिल्डअप करने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है और ऐसा माना जाता है कि प्रोटीन का बेहतर स्त्रोत नॉन-वेज फूड ही है। वेज फूड में प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में नहीं होता। जबकि ऐसा नहीं है। वेजिटेरियन फूड में भी हाई प्रोटीन होता है। यहां तक कि कुछ वेज फूड्स में तो नॉन-वेज फूड्स से अधिक प्रोटीन पाया जाता है। उदाहरण के तौर पर, 100 ग्राम चिकन ब्रेस्ट में 30 ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि 100 ग्राम नट्स व सीड्स में 33 ग्राम प्रोटीन मिलता है। इसके अलावा सोयाबीन, टोफू, राजमा, बादाम, एवोकाडो आदि में भी प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
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