मल्टीग्रेन आटे से जुड़े इन मिथ्स की सच्चाई जानने के लिए पढ़ें यह लेख

मल्टीग्रेन आटे को हेल्थ के लिए काफी अच्छा माना जाता है। लेकिन लोग इससे जुड़े कुछ मिथ्स पर भी आंख मूंदकर भरोसा कर लेते हैं।

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पिछले कुछ समय में लोग अपनी हेल्थ को लेकर काफी सजग हुए हैं। इसलिए, अब वह ना केवल घर के खाने को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं, बल्कि इसमें भी कुछ ऐसे ऑप्शन्स की तलाश में हैं, जो उन्हें अपेक्षाकृत अधिक लाभ पहुंचाएं। शायद यही कारण है कि अब लोग अपने गेंहू के आटे को मल्टीग्रेन आटे के साथ स्विच कर रहे हैं। मल्टीग्रेन आटे को सिंगल ग्रेन आटे की अपेक्षा अधिक लाभदायक माना जाता है।

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यह सच है कि मल्टीग्रेन आटे में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं और यह आपको वेट लॉस से लेकर अन्य कई हेल्थ प्रॉब्लम्स को मैनेज करने में मदद करते हैं। लेकिन ऐसा केवल तब संभव है, जब आप इससे जुड़ी भ्रांतियों की सच्चाई से वाकिफ हों। जी हां, पिछले कुछ समय में जिस तरह से मल्टीग्रेन आटे की पॉपुलैरिटी में इजाफा हुआ है, लोग उससे जुड़ी कई तरह की भ्रांतियों को भी सच मानने लगे हैं। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डायटीशियन रितु पुरी आपको मल्टीग्रेन आटे से जुड़े कुछ ऐसे ही मिथ्स व उनकी सच्चाई के बारे में बता रही हैं-

मिथ 1- मल्टीग्रेन आटे से होता है वेट लॉस

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सच्चाई- अमूमन लोग मानते हैं कि मल्टीग्रेन आटे का सेवन करने से उनका वेट लॉस होगा। यह सच है कि मल्टीग्रेन आटा वजन कम करने में सहायक है। लेकिन यह मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी मात्रा में इसका सेवन कर रहे हैं। मसलन, आप कितने आटे की चपाती बना रहे हैं, इस पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। इस आटे में भी कैलारी होती हैं। अगर आपका कैलोरी काउंट अधिक होता है तो इससे आपको वेट लॉस करने में मदद नहीं मिलेगी, फिर चाहे आप मल्टीग्रेन आटे की रोटियां खाएं या फिर गेंहू के आटे की।

मिथ 2- किसी भी आटे को मिलाने से बन जाएगा हेल्दी मल्टीग्रेन आटा

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सच्चाई- मल्टीग्रेन आटे का नाम सुनकर लोग यही सोचते हैं कि वह किसी भी तरह के ग्रेन को आपस में मिलाकर मल्टीग्रेन आटा तैयार कर सकते हैं और यह उनकी हेल्थ के लिए लाभदायक होगा। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है।

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हर व्यक्ति की मेडिकल कंडीशन अलग होती हैं और ऐसे में कुछ ऐसे ग्रेन्स होते हैं, जो स्पेफिक मेडिकल हेल्थ कंडीशन में खाने के लिए मना किए जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, थॉयराइड से पीड़ित व्यक्ति के लिए बाजरे का सेवन करना अच्छा नहीं माना जाता है। इस तरह से अगर आप ऐसे मल्टीग्रेन आटे का सेवन करते हैं, जिसमें बाजरा है, वह आपको फायदा पहुंचाने के स्थान पर नुकसान पहुंचाएगा।

मिथ 3- मल्टीग्रेन आटे को खुद ही किया जा सकता है तैयार

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सच्चाई- मार्केट में कई तरह के मल्टीग्रेन आटा अवेलेबल हैं, जिन्हें लोग हेल्दी मानते हैं और खाते हैं। लेकिन अगर आप इन्हें खरीद रहे हैं तो आपको यह देखना होगा कि इसमें अलग-अलग ग्रेन्स का अनुपात कितना है। अगर उसमें अन्य ग्रेन केवल एक-एक प्रतिशत है और बाकी गेंहू का आटा है तो वह मल्टीग्रेन आटा नहीं है और इससे आपको कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलने वाला है। (दाल का पानी पीने के फायदे)

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ठीक इसी तरह, कुछ लोग यह भी सोचते हैं कि वह घर पर ही अलग-अलग ग्रेन्स को मिक्स करके मल्टीग्रेन आटा तैयार कर सकते हैं। आप ऐसा कर सकते हैं, लेकिन आपको इंग्रीडिएंट्स का ध्यान रखना होगा। मसलन, रागी कैल्शियम रिच है, जबकि ओट्स आयरन रिच। अगर आप इन दोनों को मिक्स करके यूज करते हैं तो आपके शरीर को ना तो कैल्शियम मिलेगा और ना ही आयरन। इसलिए, किसी भी मल्टीग्रेन आटे पर स्विच करते समय पहले अपने डायटीशियन से सलाह अवश्य लें।

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Image Credit- freepik

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