बदलते लाइफस्टाइल और खराब खान-पान की आदतों की वजह से डायबिटीज की बीमारी बहुत कॉमन हो गई है। डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जिसमें पैंक्रियाज इंसुलिन का प्रोडक्शन बनाना बंद कर देता है और ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ने लगता है। डायबिटीज को कंट्रोल ना किया जाए तो कई तरह की बीमारियां आपको घेर सकती हैं।
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए दवाइयों के साथ अपने खान-पान की आदतों को भी बदलने की जरूरत होती है। डाइट में कुछ खास खाने की चीजों को शामिल करने से भी हाई ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है, जिसमें से एक उड़द दाल भी है। मैग्नीशियम, पोटैशियम और आयरन जैसे तत्वों से भरपूर उड़द दाल का सेवन करना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए उड़द दाल फायदेमंद कैसे हो सकती है, यह हमें डॉ. हंसाजी योगेंद्र ने बताया है। डॉ. हंसाजी योगेंद्र, द योगा इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर, ऑथर और योग गुरू हैं।
डायबिटीज के मरीजों के लिए कैसे फायदेमंद है काली उड़द?
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स
उड़द की दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि यह ब्लड स्ट्रीम्स में ग्लूकोस धीरे रिलीज करता है। जिन खाद्य पदार्थों में लो ग्लाइसेमिक होता है वह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
फाइबर की मात्रा भरपूर
उड़द की दाल में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन को धीमा करता है ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
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प्रोटीन से भरपूर
उड़द की दाल प्लांट बेस्ड प्रोटीन का अच्छा सोर्स माना गया है। इसका सेवन करने से मांसपेशियों और मेटाबॉलिक हेल्थ सही रहती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
न्यूट्रिएंट्स से भरपूर
मैग्नीशियम, पोटेशियम और कई अन्य तरह के विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। मैग्नीशियम, विशेष रूप से इंसुलिन के रिलीज और कार्य में अहम रोल निभाता है। जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज
उड़द की दाल में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा भी भरपूर पाई जाती है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कंट्रोल करने में मदद करती है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, कम होने से डायबिटीज कंट्रोल करने में भी मदद मिल सकती है।
वजन करे कंट्रोल
हाई प्रोटीन और फाइबर की मात्रा भरपूर होने की वजह उड़द की दाल वजन कंट्रोल करने में मदद कर सकती है। वजन कंट्रोल करने से टाइप 2 की डायबिटीज का खतरा भी कम हो सकता है।
काली उड़द दाल का सेवन कैसे करें?
काली उड़द दाल को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए इसे रात भर भिगोकर रखना चाहिए। 8 से 9 घंटे भीगी काली उड़द आसानी से डाइजेस्ट हो पाती है।
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उड़द दाल की खिचड़ी: डायबिटीज के मरीजों के लिए उड़द दाल की खिचड़ी फायेदमंद हो सकती है। ये प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है, लेकिन ध्यान रहे कि इसे बनान के लिए कम से कम मिर्च-मसालों और तेल का इस्तेमाल करें। क्योंकि उड़द दाल खुद में ही काफी हैवी डाइट मानी जाती है।
कढ़ी: काली उड़द दाल की कढ़ी बनाकर सेवन करना भी डायबिटीज में फायदेमंद हो सकता है। इसे बनाने के लिए उड़द दाल के साथ दही और अन्य मसालों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
पराठा: काली उड़द दाल का पराठा बनाकर भी खाया जा सकता है। इसके लिए दाल को उबालने के बाद इसमें मेथी के पत्ते और नमक-मिर्च डालकर स्टफिंग तैयार कर लें। लेकिन ध्यान रहे कि पराठे में कम से कम तेल का इस्तेमाल किया जाए।
डोसा और इडली: काली उड़द दाल का इस्तेमाल ट्रेडिशनल साउथ इंडियन डिश डोसा और इडली बनाने के लिए भी किया जा सकता है। यह पाचन में आसान और स्वाद से भरपूर होती है।
डायबिटीज में काली उड़द फायदेमंद हो सकती है या नहीं, यह तो आप समझ ही गई होंगी। लेकिन डायबिटीज के मरीजों को कोई भी नई चीज डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit: Freepik
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