जब बात वेट लॉस की होती है तो हम सभी अपने वर्कआउट और फूड आइटम्स पर ध्यान देते हैं। लेकिन मील टाइमिंग पर हमारा ध्यान ही नहीं होता है। जबकि यह भी आपके वेट लॉस गोल्स को पूरा करने में उतनी ही अहम् भूमिका निभाते हैं। आप भले ही वेट लॉस के लिए लो कैलोरी या लो फैट फूड ले रही हों।
लेकिन इसका आपको पूरा लाभ तभी मिल पाता है, जब उसे सही समय पर लिया जाए। हो सकता है कि हेल्दी फूड लेने के बाद भी आपको मनचाहा रिजल्ट ना मिल रहा हो। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आप अपने मील्स की टाइमिंग पर ध्यान नहीं देते हैं।
वेट लॉस के लिए और हेल्दी जीवन जीने के लिए दिनभर में पांच मील लेना जरूरी होता है। तीन मेन मील्स के अलावा दो मिड मील्स भी उतने ही आवश्यक होते हैं। साथ ही साथ, आपको इन मील्स की टाइमिंग पर भी उतना ही अधिक ध्यान देना चाहिए।
तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि मील टाइमिंग आपके वेट लॉस गोल्स को पूरा करने में किस तरह मदद कर सकती हैं-
मेटाबॉलिज्म पर होता है प्रभाव
वेट लॉस के लिए जरूरी है कि आपका मेटाबॉलिज्म अच्छी तरह काम करे। जब आपका मेटाबॉलिज्म स्लो होता है तो इससे आपके द्वारा खाया जाने वाला फूड एनर्जी की जगह फैट में बदल जाता है। आपके मेटाबॉलिक रेट को इंप्रूव करने में भी मील टाइमिंग एक अहम् रोल अदा करती है। जब आप हर दिन एक नियत समय पर भोजन करते हैं तो इससे बॉडी के लिए उसे पचा पाना आसान हो जाता है और फिर आपहेल्दी तरीके से वेट लॉस करते हैं। मसलन, कुछ लोग उठने के दो-तीन घंटे बाद ब्रेकफास्ट करते हैं, जबकि अगर आप उठने के 40 मिनट के भीतर अपना ब्रेकफास्ट करते हैं तो इससे आपका मेटाबॉलिज्म बूस्ट अप होता है।
बॉडी के बायोलॉजिकल साइकल पर पड़ता है प्रभाव
मील टाइमिंग का एक असर आपके बायोलॉजिकल साइकल पर भी पड़ता है। दरअसल, हम सभी के शरीर में एक बायोलॉजिकल साइकल होता है और टाइम के अनुसार शरीर में कुछ हार्मोन व एंजाइम स्रावित होते हैं। ये एंजाइम खाने को पचाने में मदद करते हैं। लेकिन जब आप सही समय पर भोजन नहीं करते हैं तो इससे आपका खाना सही तरह से डाइजेस्ट नहीं हो पाता है, जिससे आपको वेट गेन की समस्या हो सकती है।
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ओवरईटिंग की हो सकती है समस्या
सही समय पर मील्स ना लेने के कारण ओवरईटिंग की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है, जिससे आपकी वेट लॉस जर्नी प्रभावित होती है। दरअसल, जब आप सही समय पर भोजन नहीं करते हैं या फिर दो मील्स के बीच बहुत लंबे गैप करते हैं तो इससे आपको एकदम से तेज भूख लगती है। जिसके कारण आप आवश्यकता से अधिक खाना खा लेते हैं। ऐसे में आपका कैलोरी काउंट बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, ओवरईटिंग के कारण भी खाना सही तरह से पच नहीं पाता है और पेट फूलने या ब्लोटिंग के साथ-साथ वजन बढ़ने की समस्या होती है।
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Image Credit- freepik
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