क्या आपको दिन-भर थकावट महसूस होती है?
क्या आपके बाल भी झड़ने लगे हैं?
क्या पेट के आस-पास जिद्दी चर्बी जमा हो गई है?
ये सभी लक्षण हाइपोथायरायडिज्म के हैं। इसे अंडरएक्टिव थायराइड के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें थायराइड ग्लैंड पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाता है। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म और अन्य काम स्लो हो जाते हैं, जिससे वजन बढ़ने लगता है, थकान और तनाव महसूस होता है और बाल भी तेजी से झड़ने लगते हैं। लेकिन, अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस आर्टिकल में बताई स्मूदी आपकी मदद कर सकती हैं। इस स्मूदी की जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
एक्सपर्ट का कहना है, ''यह पावर-पैक स्मूदी हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को कम कर सकती है। इसे रोजाना लेने से आपको 90 दिनों में ही फर्क महसूस होने लगेगा। इससे चर्बी कम होने लगेगी, बाल हेल्दी हो जाएंगे और एनर्जी का लेवल भी बढ़ने लगेगा। यह कोई साधारण स्मूदी नहीं है। इसमें एक नहीं, बल्कि कई सुपर स्पेशल चीजें मौजूद हैं।''
स्मूदी के लिए सामग्री
- नारियल- 2 स्लाइस
- नारियल पानी - 1 गिलास
- सूरजमुखी के भीगे बीज - 2 चम्मच
- कद्दू के भीगे बीज- 2 चम्मच
- अनार के दाने- 2 चम्मच
- तुलसी के भीगे बीज- 2 चम्मच
- भीगा गोंद कतीरा- 2 चम्मच
स्मूदी बनाने का तरीका
- स्मूदी बनाने के लिए सबसे पहले अनार छीलें।
- सूरजमुखी, कद्दू और तुलसी के बीजों को पानी में भिगोएं।
- एक ग्राइंडर में नारियल के स्लाइस और नारियल पानी डालें।
- इसे स्मूथ होने तक पीसें।
- इसमें सूरजमुखी और कद्दू के भीगे बीज के साथ अनार डालें।
- फिर, इसे क्रीमी होने तक मिक्स करें।
- स्मूदी को ग्लास में डालें।
- इसमें तुलसी के भीगे बीज और गोंद कतीरा मिलाएं।
- इसे अच्छी तरह मिलानरोजाना पिएं।
स्मूदी के हाइपोथायरायडिज्म से जुड़े फायदे
स्मूदी में मौजूद चीजें हाइपोथायरायडिज्म को कंट्रोल करने में किस तरह से मदद करती हैं? आइए जानें-
नारियल
नारियल मे मौजूद सेलेनियम और मैंगनीज थायराइड ग्लैंड के लिए अच्छे होते हैं। नारियल में एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं, जो हाइपोथायरायडिज्म के कारण होता है।
नारियल पानी
यह इलेक्ट्रोलाइट्स को बैलेंस करके एनर्जी को बढ़ाता है। इसमें पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं, जो हेल्थ के लिए जरूरी हैं। इसके अलावा, नारियल पानी मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है, जो हाइपोथायरायडिज्म में फायदेमंद है। यह थायराइड हार्मोन के लेवल को कंट्रोल कर सकता है।
सूरजमुखी के बीज
इन बीजों में थायराइड हार्मोन के प्रोडक्शन बढ़ाने और कार्य को सही रखने वाले जिंक और सेलेनियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इनमें मैंगनीज, विटामिन-ई, फाइबर और कॉपर भी होता है।
तुलसी के बीज
तुलसी के बीजों में आयरन और मैग्नीशियम शरीर को एनर्जी और मजबूती देते हैं। ये बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होने के कारण मेटाबॉलिज्म को बनाए रखते हैं और थायराइड फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
इनमें फाइबर भी होता है, जो डाइजेशन को सही रखता है।
कद्दू के बीज
जिंक, मैग्नीशियम और आयरन जैसे तत्व थायराइड हार्मोन प्रोडक्शन में मदद करते हैं। ये सभी कद्दू के बीजों में भरपूर मात्रा में होते हैं। जिंक की कमी हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को बढ़ा सकती है।
अनार
विटामिन-सी और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर अनार ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है। यह कई विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
इसे जरूर पढ़ें: थायराइड को मैनेज करने के लिए करें ये 5 काम, कम होगा मोटापा और डाइजेशन भी होगा दुरुस्त
गोंद कतीरा
यह इनएक्टिव T4 को एक्टिव T3 में बदलने में मदद करता है, जिससे थायराइड बेहतर तरीके से काम करता है।
आप भी इस स्मूदी को डाइट में शामिल करके हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को कंट्रोल कर सकती हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock & Freepik
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