पेट के आस-पास जमा फैट बहुत जिद्दी होता है। यह देखने में भी खराब लगता है और कई बीमारियों का कारण भी बनता है। खराब लाइफस्टाइल, खान-पान की गलत आदतों और भी कई वजहों से टमी फैट इकट्ठा हो जाता है। टमी फैट आ तो आसानी से जाता है लेकिन इससे छुटकारा पाना उतना ही मुश्किल होता है। टमी फैट को दूर करने के लिए एक्सरसाइज करना और सही डाइट को फॉलो करना बहुत जरूरी है। अनहेल्दी फूड्स जैसे की प्रोसेस्ड फूड्स और रिफाइंड शुगर से दूरी बनाएं। इसके अलावा साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। अगर आपके पास जिम जाने का समय नहीं है तो घर पर ही कुछ आसान एक्सरसाइज जरूर करें। बैली फैट की एक बहुत बड़ी वजह हमारा फिजिकली एक्टिव ना होना है।
बैली फैट कम करने के लिए कुछ हेल्दी और टेस्टी ऑप्शन अगर मिल जाएं तो फिर क्या कहना ! यहां हम आपको एक ऐसी ही टेस्टी रेसिपी के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप आसानी से अपना बैली फैट कम कर सकती है। इसे बनाना भी बहुत आसान है और पेट के आस-पास जमा जिद्दी फैट को दूर करने में बहुत कारगर है। इस बारे में डाइटीशियन मनप्रीत जानकारी दे रही हैं। मनप्रीत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
क्यों जमा होता है पेट के आस-पास फैट? (What is the reason of Belly Fat)
इंसुलिन सेंसिटिविटी ग्लूकोज को हमारी कोशिकाओं तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा करती है। इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से हमारी सेल्स में ग्लूकोज सही तरह से अब्जॉर्ब नहीं होता है। इस फैट को लिवर ग्लूकोज में बदल देता है। यह फैट उसके बाद शरीर में जमा हो जाता है। सबसे अधिक यह फैट हमारे पेट के आस-पास ही जमा होता है। प्रोटीन इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारने में मदद करता है। यह ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस को रोकने के लिए और फैट लॉस को बढ़ाने के लिए प्रोटीन रिच मील लेना चाहिए।
बैली फैट बर्नर डोसा के फायदे (How to lose Belly Fat)
मसूर की दाल (मसूर की दाल के फायदे) और सब्जियों से बना यह डोसा इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारने और पेट के आस-पास जमा जिद्दी फैट को दूर करने के लिए अच्छा है। इसमें जिन मसालों का भी उपयोग किया जा रहा है वो भी वेट लॉस में सहायक होते हैं। मसूर की दाल में प्रोटीन बहुत अधिक होता है। इससे इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारने में मदद मिलती है। यह वेट लॉस को भी बढ़ावा देती है। सब्जियों में मौजूद फाइबर आंत में खाने के मूवमेंट को कम करता है। इससे भूख नियंत्रित रहती है। सेंधा नमक डाइजेशन को सुधारता है। वहीं काली मिर्च, दालचीनी और जायफल इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारते हैं।
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कैसे बनाएं?
- एक कप मसूर की दाल लें।
- इसे रात भर भिगोएं।
- दाल को पीसकर इसका एक पेस्ट बना लें।
- इस पेस्ट में सभी शिमला मिर्च, गाजर जैसी सब्जियां डालें।
- आप अपनी पसंद की और सब्जियां भी डाल सकते हैं।
- इसमें एक चुटकी काली मिर्च, नमक, दालचीनी और जायफल डालें।
- सब चीजों को अच्छे से मिलाएं।
- हल्के घी में इसे सेक लें।
- आपका बैली फैट बर्नर डोसा तैयार है।
अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
Image Credit- Freepik
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