पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है, जिसके दौरान महिलाओं के शरीर से गंदा खून निकलता है। पहले पीरियड से अगले पीरियड गैप को पीरियड साइकिल कहा जाता है। औसतन, यह साइकिल 28 दिनों तक चलती है। लेकिन कई बार यह 26-32 दिनों तक भी बढ़ जाता है। लेकिन अगर यह डेट बदलती रहती है, यानी डेट से एक हफ्ता आगे हो जाता है, तो इसे ओलिगोमेनोरिया कहा जाता है। दूसरे शब्दों में इसे इर्रेगुलर पीरियड्स का नाम दिया गया है। हालांकि, इसके कई कारण होते हैं, जैसे तनाव, अल्कोहल का अधिक मात्रा में सेवन, अनहेल्दी लाइफस्टाइल और थायरॉइड आदि।
महिलाओं में यह समस्या दिन प्रतिदिन बदलती जा रही है। क्या आपको भी यह समस्या है? आप इसके लिए तरह-तरह की दवाईयां ले रही हैं, तो आपको इसके बजाय अपनी डाइट में बदलाव लाना चाहिए। ऐसा करके आप इस समस्या को कम कर सकते हैं। इस विषय पर हमने अनुपमा गिरोत्रा से बात की है, जो पेशे से डाइटिशियन और न्यूट्रीनिस्ट हैं। उन्होनें बताया कि कुछ खराब आदतों में सुधार लाकर और सही फूड्स का सेवन कर इस समस्या से निपटा जा सकता है।
वैसे तो दालचीनी का उपयोग खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं दालचीनी का सेवन इर्रेगुलर पीरियड्स के लिए फायदेमंद होता है। इससे दर्द भी कम होता है। दालचीनी पेल्विक में ब्लड फ्लो को उत्तेजित करता है। साथ ही शरीर में एस्ट्रोजन के लेवल को भी बढ़ाता है। जो पीरियड्स के लिए मददगार होता है। आपको एक गिलास पानी में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर डालना होगा। हल्का सा उबाल आने के बाद इसे छान करठंडा होने के बाद पी लें।
अदरक में विटामिन सी और मैग्नीशियम पाया जाता है। जिसकी मदद से अनियमित पीरियड की समस्या को कुछ हद तक दूर किया जा सकता है। आप अदरक से बनी चाय या काढ़ा पी सकती हैं। अदरक के साथ गुड़ वाली चाय ज्यादा असर करती है।
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अनानास अनियमित पीरियड्स के लिए अच्छा विकल्प है। इसमें ब्रोमेलैन एंजाइम पाया जाता है। जो यूटर्स की लाइनिंग को शैड करता है। जिससे आपको पीरियड्स होते हैं। अनानास खाने से शरीर में रेड एंड व्हाइट ब्लड सेल्स का उत्पादन बढ़ता है, जो ब्लड फ्लो में मददगार है। (पीरियड्स में क्या न खाएं)
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पपीता में कैरोटीन पाया जाता है। इसलिए जिन महिलाओं को लेट पीरियड्स होते हैं,उन्हें यह खाने की सलाह दी जाती है। पपीता खाने से एस्ट्रोजन के लेवल को कंट्रोल और रेगुलेट करता है। पपीता खाने से यूटर्स का फंक्शन सही रहता है। इससे न केवल टाइम पर पीरियड्स होंगे, बल्कि दर्द भी कम होता है। (पीरियड्स में दही खाना चाहिए या नहीं)
कॉफी में कैफीन पाया जाता है, जो इस समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि, अधिक मात्रा में न पिएं। यह शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसके सेवन से पेल्विक में ब्लड फ्लो बेहतर होता है।
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