त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है और अब ऐसे कई अवसर आएंगे जब लोग व्रत रखेंगे। हिंदू धर्म में व्रत रखने का विशेष महत्व है, मगर धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ व्रत का व्यक्ति की सेहत पर भी अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह जान लेना बहुत जरूरी है कि व्रत रखने का सही तरीका क्या होता है।
इस विषय पर हमने हेल्थ कोच प्रीति त्यागी से चर्चा की और व्रत रखने की सही विधि जानी। प्रीति कहती हैं, 'धर्म और शास्त्रों में व्रत रखने का जो महत्व बताया गया है, उसके पीछे एक साइंस है। व्रत रखने से व्यक्ति का शरीर डिटॉक्सीफाई हो जाता है। मगर हर किसी की अलग-अलग धार्मिक आस्था होती है, इसलिए व्रत रखने का तरीका भी सभी का अलग-अलग होता है। लेकिन यदि आप व्रत सही तरह नहीं रखेंगे तो आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंच सकता है।'
इतना ही नहीं, प्रीति जी ने बातचीत के दौरान व्रत रखने के सही तरीके पर विस्तृत जानकारी भी दी, जो हम आप से इस आर्टिकल के माध्यम से शेयर कर रहे हैं-
कितनी लंबी होनी चाहिए फास्टिंग-
हिंदू धर्म में व्रत का आरंभ सूर्योदय से होता है और इसका समापन सूर्यास्त के साथ होता है। इस तरह से देखा जाए तो 12 से 13 घंटे के लिए व्रत रखा जाता है। मगर कुछ लोग अधिक समय के लिए भी व्रत रखते हैं। इस पर प्रीति जी का कहना है, 'अगर व्रत 16 घंटे के लिए भी रखा जाए, तो इसमें कोई समस्या नहीं है। कोई भी व्यक्ति जो पूर्ण रूप से स्वस्थ है, वह 16 घंटे भूखा रह सकता है। मगर इस दौरान पानी का सेवन उचित मात्रा में होना चाहिए ताकि शरीर में एनर्जी आ सके।' 16 घंटे की फास्टिंग डायबिटीज या गैस्ट्रिक समस्या से जूझ रहे लोगों को बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए, इससे उनकी समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है।
व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं-
बहुत से लोग फलाहार व्रत करते हैं। इस तरह के व्रत का वास्तविक मतलब होता है कि आप केवल फल या फलों के रस का सेवन करें। इसमें ड्राई फ्रूट्स भी शामिल होते हैं। हालांकि, व्रत में आलू का सेवन भी बहुत किया जाता है, साथ ही बहुत से लोग कुट्टू और सिंघाड़े के आटे से भी तरह-तरह के व्यंजन बनाते हैं। इस पर प्रीति जी का कहना है, 'शास्त्रों के मुताबिक व्रत में खाने लायक जितनी भी चीजों का जिक्र मिलता है, वह सभी सेहत के लिए फायदेमंद हैं। मगर इनका सेवन उचित मात्रा और विधि से करना चाहिए। अगर आप व्रत में ज्यादा तली-भुनी चीजें खाते हैं, तो निश्चित ही आपके व्रत रखने का कोई भी फायदा नहीं होगा।' हालांकि, प्रीति जी ने यह भी कहा कि कुट्टू और सिंघाड़े का आटा बहुत ही फायदेमंद होता है। इन दोनों से ऐसे व्यंजन भी बनाए जा सकते हैं, जो तले-भुने नहीं होते हैं, जैसे- हलवा, खिचड़ी, चीला और पराठा आदि को कुट्टू और सिंघाड़े के आटे से आसानी से बनाया जा सकता है। प्रीति जी कहती हैं, 'कुट्टू और सिंघाड़े का आटा केवल व्रत में ही नहीं साधारण दिनों में भी खाना चाहिए, क्योंकि यह बहुत ही फायदेमंद होते हैं।'
बहुत से लोग व्रत में पकोड़े, पूरी, आलू की टिक्की आदि भी खाते हैं। इस पर प्रीति जी का कहना है, 'व्रत का मतलब ही होता है कि हम अपने पाचन तंत्र को थोड़ा आराम दें और ज्यादा से ज्यादा ऐसी चीजों का सेवन करें, जिन्हें पचाना आसान हो। तेल और घी से बनी चीजें हैवी होती हैं और उन्हें पचाना भी बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में व्रत में इन चीजों को अवॉइड करें।'
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प्रीति नमक और चीनी का संतुलन बनाए रखने की बात पर भी जोर देती हैं। वह कहती हैं, 'ज्यादा चीनी और नमक का सेवन तो वैसे भी नहीं करना चाहिए, मगर इन दोनों के सेवन पर पूरी तरह से रोक भी नहीं लगाई जा सकती है क्योंकि फिर आपको लो ब्लड शुगर या लो ब्लड प्रेशर की दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आप शुगर और सोडियम के नेचुरल सोर्स पर फोकस कर सकते हैं। नेचुरल शुगर के लिए आप फलों का सेवन कर सकते हैं, वहीं सोडियम के लिए दही को आहार में शामिल कर सकते हैं।'
इसके अलावा , आलू का भी बहुत अधिक सेवन न करें, इसकी जगह आप कद्दू, लौकी या खीरा खा सकते हैं। आलू आपकी बॉडी में शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह हानिकारक भी हो सकता है।
व्रत में कितना पीना चाहिए पानी-
यह बात सभी को पता है कि पानी शरीर के लिए कितना जरूरी है। इसलिए कहा जाता है कि सुबह उठते ही पानी पीना चाहिए क्योंकि रात में सोते वक्त हमारा शरीर डीहाइड्रेटेड हो जाता है। व्रत के दौरान शरीर को और भी ज्यादा हाइड्रेटेड रखने की जरूरत होती है। इसलिए प्रीति जी सलाह देती हैं कि व्रत के दौरान ज्यादा से ज्यादा लिक्विड चीजों का सेवन करना चाहिए।
वह कहती हैं, 'पानी के अलावा आप नींबू पानी, बटर मिल्क, फलों का रस आदि ले सकते हैं। हर व्यक्ति के शरीर में पानी की जरूरत अलग-अलग होती है। जब प्यास लगे तब पानी जरूर पीना चाहिए और वैसे भी 10 से 12 ग्लास पानी का सेवन जरूर करना चाहिए।'
व्रत के दौरान लोग चाय और कॉफी भी बहुत पीते हैं, मगर प्रीति जी कहती हैं, 'चाय और कॉफी में कैफीन होता है। यदि आप ज्यादा चाय या कॉफी पीते हैं, तो आपकी बॉडी डीहाइड्रेटेड हो जाती है। इसके अलावा, खाली पेट तो चाय कभी भी नहीं पीनी चाहिए क्योंकि इससे आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है।'
उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही ऐसी और जानकारी पानी के लिए पढ़ती रहें हरजिंदगी।
Image Credit: Freepik
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