मेरा एक दोस्त मुझे अक्सर नॉन-वेज छोड़ने की सलाह देता है। उसके मुताबिक जो प्रोटीन मुझे नॉन वेज से मिलता है, वो दालें और सब्जियों से भी मिल सकता है। ऐसी ही बातें आपने भी शायद कई लोगों से सुनी होगी। कई लोग तो यह भी कहते हैं कि मीट खाने से मोटापा बढ़ता है।
इससे हृदय संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं, क्योंकि इसमें कोलेस्ट्रॉल होता है। इन्हीं कुछ कारणों से लाल मांस या नॉन वेज को खाने से मना किया जाता है। लेकिन क्या वाकई इसे खाने से इतनी समस्याएं उत्पन्न होती हैं? न्यूट्रिशनिस्ट अंजलि मुखर्जी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इससे जुड़ी जानकारी शेयर की है। नॉन-वेज खाना चाहिए या नहीं, इस बारे में वह क्या कहती हैं, चलिए जानते हैं।
मांसाहारी फूड के ये हैं फायदे
आहार जिसमें मांस, मछली, अंडे और डेयरी शामिल हैं, प्रोटीन का अच्छा स्रोत होते हैं। हालांकि, प्रोटीन अनाज उत्पादों, नट्स और दालों में भी पाया जाता है, लेकिन ये प्रोटीन स्रोत अधूरे होते हैं।
मांस, मछली, अंडे और दूध में विटामिन-बी 12 और आयरन अच्छी मात्रा में पाया जाता है। यह रेड ब्लड सेल्स और नर्व्स फाइबर के निर्माण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यदि हमारा शरीर पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन नहीं करता है तो इससे आयरन की कमी हो सकती है, जिसे एनीमिया कहा जाता है। आयरन या विटामिन-बी 12 की कमी से थकान हो सकती है।
अंडे के साथ-साथ मांस, चिकन और मछली सर्दियों के दौरान अत्यधिक ठंड के मौसम से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। अंडे और मछली हमें आवश्यक विटामिन, प्रोटीन, पोषक तत्व और खनिज प्रदान करते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं।
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नॉन-वेज खाना क्या सही है?
हालांकि, यह सही है कि नॉन वेज डिशेज में फैट का कॉन्टेंट ज्यादा होता है। इसमें कैलोरी भी प्लांट बेस्ड डिशेज के मुताबिक ज्यादा होती हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसे खाने से आप मोटे हो जाएंगे। यह एक मिथक है और यह सब आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप अपनी डाइट को किस तरह से प्लान करते हैं। इसलिए नॉन-वेज खाना गलत बिल्कुल भी नहीं है।
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बैलेंस करके खाएं नॉन-वेज
अगर आप वेजिटेरियन डाइट को भी भरकर ले लेंगे, तो वो आपको फायदा नहीं पहुंचाएगा। किसी भी चीज को बैलेंस करना बहुत ज्यादा जरूरी है। रिफाइंड आटा, शुगर, डेयरी प्रोडक्ट्स या फ्राइड फूड्स में सब्जियां नहीं होती है और अगर आप इन चीजों की अधिकता करते हैं, तो वेट गेन कर सकते हैं। आप नॉन वेज डिशेज खाएं या फिर वेजिटेरियन डिशेज, आपको सही बैलेंस का ध्यान रखना पड़ेगा।
लीन प्रोटीन्स का करें सेवन
नॉन वेजिटेरियन में लीन प्रोटीन्स को अपने आहार का हिस्सा बनाया जा सकता है। आप ग्रिल्ड फिश या फिर चिकन सूप का सेवन कर सकते हैं। यह एक हेल्दी चॉइस का बेहतरीन ऑप्शन है। इसका सेवन करने से आपके शरीर को लीन प्रोटीन मिलता है। इसमें लोअर सैचुरेटेड फैट होता है और इसलिए यह वेल-राउंडेड डाइट होती है।
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किस तरह के नॉन-वेज डाइट से रहें दूर
न्यूट्रिशनिस्ट अंजलि कहती हैं कि रेड मीट और ऑर्गन मीट खाने से आपको बचना चाहिए। दरअसल, इसमें हाई सैचुरेटेड फैट कॉन्टेंट होता है। अपनी हेल्थ को सही रखने के लिए प्रोसेस्ड, फ्राइड और कैन्ड मीट को भी खाने से परहेज करें।
एक चीज का ध्यान रखें कि अपने आहार में तरह-तरह के न्यूट्रिएंट्स शामिल होने चाहिए। आपको अलग फूड ग्रुप्स का सेवन करना चाहिए, ताकि आपका वजन मेंटेन रखें।
अगर आप भी नॉन वेज फूड को अपने आहार में शामिल करना चाहते हैं, तो जरूर करें लेकिन बैलेंस का ध्यान रखें। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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