हम सभी ये जानते हैं कि एक साइज का कपड़ा सभी लोगों पर फिट नहीं हो सकता, एक रंग की लिपस्टिक सभी पर अच्छी लगे ये जरूरी नहीं, किसी एक का स्किन केयर रूटीन हर इंसान के लिए अच्छा नहीं हो सकता है पर फिर भी डाइट को लेकर हम अक्सर ये भ्रांति मन में पाल लेते हैं कि अगर कोई चीज़ अच्छी है तो वो सभी के लिए अच्छी होगी। अब दूध को ही ले लीजिए, आपने सुना होगा कि दूध सभी के लिए अच्छा होता है, लेकिन क्या कभी ये सोचने की कोशिश की है कि किस तरह का दूध किस इंसान के लिए अच्छा होगा।
कैसा दूध पीना आपके लिए होगा बेहतर? एक्सपर्ट से जानें किस बीमारी के लिए क्या है सही?
अगर आपको दूध पीना अच्छा लगता है, लेकिन कई बार उसे पीने के बाद समस्या हो जाती है तो जानें किस बीमारी के लिए कैसा दूध सही होगा।
यहां बात सिर्फ गाय, भैंस, बकरी के दूध की नहीं हो रही बल्कि आजकल मिलने वाले फुल क्रीम, नट मिल्क, सॉय मिल्क, टोन्ड दूध, डबल टोन्ड, स्किम्ड मिल्क आदि की भी हो रही है। अगर इतनी वैरायटी का दूध है तो यकीनन उसका इस्तेमाल भी अलग तरह का ही होगा।
इस विषय के बारे में हमने सर्टिफाइड क्लीनिकल डायटीशियन, लेक्चरर, डायबिटीज एजुकेटर, मीट टेक्नोलॉजिस्ट और NUTR की फाउंडर लक्षिता जैन से बात की। लक्षिता जैन डाइट से जुड़ी कई रिसर्च का हिस्सा रह चुकी हैं और साथ ही साथ वो शरीर की बीमारियों और उनसे जुड़ी डाइट की जरूरतों पर लगातार जानकारी देती रहती हैं।
लक्षिता के मुताबिक हमें अपने शरीर की बीमारियों को भी समझना चाहिए और उनके हिसाब से ही दूध को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। सबसे पहले हमें ये जान लेना चाहिए कि किस तरह से दूध में कैसी न्यूट्रिशनल वैल्यू होती है। नीचे दिया गया चार्ट आपको अलग-अलग तरह के दूध और उनसे जुड़ी न्यूट्रिशन प्रोफाइल की जानकारी दे रहा है।
हम देख सकते हैं कि फुल क्रीम दूध में एनर्जी ज्यादा होती है, लेकिन ये फैट के मामले में भी ज्यादा होता है। प्रोटीन की मात्रा स्किम्ड दूध में ज्यादा होती है और इसमें फैट भी काफी कम होता है। दूध की न्यूट्रिशनल वैल्यू हमें ये बताती है कि शरीर में किस तरह की कमी के लिए कैसा दूध लेना चाहिए।
- अगर आपकी जरूरत फैट है तो आपको फुल क्रीम लेना चाहिए।
- अगर आपको प्रोटीन ज्यादा चाहिए और फैट कम तो आपको स्किम्ड मिल्क लेना चाहिए।
- अगर आपको सभी चीज़ें बराबर अनुपात में चाहिए तो डबल टोन्ड सही होगा।
- अगर आपको एनर्जी ज्यादा और फैट कम चाहिए तो टोन्ड दूध अच्छा होगा।
- अगर आपको कार्ब्स और प्रोटीन एक जैसी मात्रा में चाहिए तो बकरी का दूध अच्छा होगा।
- अगर आपको प्रोटीन बिल्कुल नहीं चाहिए तो बादाम का दूध अच्छा होगा।
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किस तरह की बीमारी के लिए पिएं कैसा दूध?
अब हम बीमारियों की बात करते हैं और ये जानने की कोशिश करते हैं कि किस तरह की बीमारी में कैसा दूध अच्छा साबित होगा-
1. लैक्टोज इन्टॉलरेंस (Lactose intolerance)
इसमें दूध में मौजूद शुगर कंटेंट (लैक्टोज कार्बोहाइड्रेट) को शरीर पचा नहीं पाता है। आजकल बच्चों में भी लैक्टोज इन्टॉलरेंस पाई जाती है।
कैसे बनाएं संतुलन?
फुल क्रीम (गाय, भैंस), बकरी, टोन्ड, डबल टोन्ड, याक मिल्क, शीप मिल्क और सभी तरह के एनिमल मिल्क (जानवरों से मिलने वाले दूध) को डाइट में न रखें। इसमें दूध से बनने वाले प्रोडक्ट्स भी शामिल होंगे।
किस तरह का दूध होगा बेस्ट?
लैक्टोज फ्री दूध पिएं, नट मिल्क जैसे बादाम, नारियल, सोया मिल्क आपके लिए सबसे अच्छा होगा।
2. दूध से एलर्जी (Milk Allergy)
ऐसे लोगों को दूध से एलर्जी होती है और दूध से बनने वाले प्रोडक्ट्स भी इन्हें सूट नहीं करते। ये लैक्टोज इन्टॉलरेंस का ही एडवांस फॉर्म है।
कैसे बनाएं संतुलन?
किसी भी तरह का एनिमल मिल्क या उससे बना प्रोडक्ट न लें।
किस तरह का दूध होगा बेस्ट?
लैक्टोज फ्री दूध आप भी ले सकते हैं, लेकिन वो भी एक साथ बहुत ज्यादा न लें।
3. ओवर वेट होना (Obesity)
अगर आप ओवर वेट हैं तो आपको कुछ खास तरह के दूध से दूर रहना होगा। ये वो सभी तरह के दूध होंगे जिनमें फैट कंटेंट ज्यादा है।
कैसे बनाएं संतुलन?
फुल क्रीम दूध, नारियल का दूध, चावल का दूध, किनुआ का दूध आदि न लें क्योंकि इनमें फैट कंटेंट ज्यादा होता है।
किस तरह का दूध होगा बेस्ट?
बकरी का दूध, स्किम मिल्क, नट मिल्क जैसे बादाम का दूध आपके लिए बेस्ट होगा।
4. पीसीओएस (PCOS)
ओवरीज में सिस्ट, हार्मोनल समस्याएं, बढ़ा हुआ वजन आदि बहुत कुछ पीसीओएस की वजह से होता है।
कैसे बनाएं संतुलन?
फुल क्रीम मिल्क और हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला दूध जैसे चावल का दूध आदि नहीं लेना चाहिए। इसमें ओट्स मिल्क, कोकोनट मिल्क आदि हाई GI वाले दूध भी शामिल हैं। ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वह पैमाना है जो बताता है कि कोई खास खाद्य पदार्थ कितनी तेजी से और कितनी मात्रा में शरीर में शुगर को बढ़ाता है।
किस तरह का दूध होगा बेस्ट?
इस कंडीशन में स्किम मिल्क (जिसका फैट 0.5% से कम हो), डबल टोन्ड मिल्क (जिसका फैट 1.5% से कम हो), टोन्ड मिल्क (जिसका फैट 3% से कम हो), नट मिल्क (पीरियड्स के एक हफ्ते पहले), सॉय या सोया मिल्क (कभी भी) लिया जा सकता है।
5. डायबिटीज (Diabetes)
शरीर में अगर हाई शुगर लेवल है तो आपको ये ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे तरह के दूध जिसमें शुगर कंटेंट ज्यादा होता है उन्हें नहीं लेना चाहिए।
कैसे बनाएं संतुलन?
फुल क्रीम, हाई GI वाले दूध कम लें। ऐसा नहीं है कि आपको ये बिल्कुल नहीं लेने, लेकिन संतुलन बनाए रखें क्योंकि इनमें मिल्क शुगर की मात्रा ज्यादा होती है।
किस तरह का दूध होगा बेस्ट?
स्किम मिल्क (जिसका फैट 0.5% से कम हो), नेचुरल इंसुलिन वाला कैमल मिल्क (ऊंट का दूध), नट मिल्क जैसे बादाम का दूध बहुत फायदेमंद साबित होगा।
6. थायराइड (Thyroid)
आपको हाइपर या हाइपो कैसा भी थायराइड हो सकता है और दोनों में ही सिर्फ एक ही तरह के दूध को अवॉइड करना होता है।
कैसे बनाएं संतुलन?
लक्षिता के हिसाब से सोया मिल्क को कम या न के बराबर लें।
किस तरह का दूध होगा बेस्ट?
आप अन्य सभी तरह के दूध ले सकते हैं।
7. दिल की बीमारी (Heart Conditions)
इसमें अधिकतर कोलेस्ट्रॉल, हार्ट में ब्लॉकेज, फैट का बढ़ना आदि शामिल होता है और इसलिए फैट आपके लिए खराब साबित हो सकता है।
कैसे बनाएं संतुलन?
फुल क्रीम दूध से बचें।
किस तरह का दूध होगा बेस्ट?
इस कंडीशन में स्किम मिल्क (जिसका फैट 0.5% से कम हो), डबल टोन्ड मिल्क (जिसका फैट 1.5% से कम हो), टोन्ड मिल्क (जिसका फैट 3% से कम हो), नट मिल्क लिया जा सकता है।
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8. स्किन की बीमारी (Skin infections)
ये किसी भी तरह का स्किन इन्फेक्शन हो सकता है जैसे सोराइसिस, बहुत ज्यादा एक्ने, एक्जिमा आदि।
कैसे बनाएं संतुलन?
कुछ दिनों के लिए सभी तरह के दूध से बचें।
किस तरह का दूध होगा बेस्ट?
नट मिल्क आपके लिए बेस्ट होगा।
9. बहुत कम वजन (Underweight)
अगर आपका BMI 18 से कम है तो आप बहुत ज्यादा अंडरवेट हैं और आपके लिए फुल फैट कंटेंट वाला दूध बेहतर होगा।
कैसे बनाएं संतुलन?
सभी तरह के दूध पिए जा सकते हैं।
किस तरह का दूध होगा बेस्ट?
फुल क्रीम मिल्क आपके लिए सबसे अच्छा होगा।
10. मेनोपॉज (Menopause)
ऐसे समय में शरीर में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है और ऐसे में दूध से भी एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। ये कमजोरी दूर करने के लिए भी अच्छा है।
कैसे बनाएं संतुलन?
सभी तरह के दूध पिए जा सकते हैं।
किस तरह का दूध होगा बेस्ट?
दिन में एक बार सोया मिल्क लिया जाए तो ये शरीर में एस्ट्रोजन की कमी को दूर कर सकता है।
11. दस्त (Diarrhoea)
ऐसे समय में आंतें काफी कमजोर हो जाती हैं और डाइजेशन सिस्टम भी ठीक से काम नहीं करता है।
कैसे बनाएं संतुलन?
फुल क्रीम दूध को अवॉइड करें।
किस तरह का दूध होगा बेस्ट?
बकरी का दूध बेस्ट साबित हो सकता है।
12. हड्डियों का रोग (Osteoporosis)
हड्डियों के ज्यादा कमजोर होने पर दूध लेने की सलाह दी जाती है। ये कमजोर हड्डियों को कैल्शियम दे सकता है।
कैसे बनाएं संतुलन?
सभी तरह का दूध लिया जा सकता है।
किस तरह का दूध होगा बेस्ट?
नट मिल्क और भेड़ के दूध में ज्यादा कैल्शियम होता है और ऐसी स्थिति में ये सबसे बेस्ट हो सकता है।
आपको किस तरह की बीमारी है उसके हिसाब से डॉक्टर आपको डाइट में दूध शामिल करने की सलाह दे सकता है। अपनी डाइट में कोई बड़ा बदलाव करने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
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