भगवान शिव को एक फल बहुत प्रिय होता है जिसके बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। महाशिवरात्रि पर भी इसकी खास मांग रहती है ताकि भोलेनाथ को खुश कर सके। जी हां हम धतूरे की बात कर रहे हैं। धतूरे का प्रयोग भांग बनाने के लिए भी किया जाता है। वहीं आयुर्वेद में भी इसका इस्तेमाल कई औषधियां बनाने में किया जाता है। वहीं धतूरे का सेवन अस्थमा, सूजन, प्रेग्नेंसी, मिर्गी, बवासीर और कमजोरी जैसी तमाम समस्याओं के लिए होता है।
धतूरे को आमतौर पर महिलाएं भगवान शिव की प्रिय वस्तुओं में से एक के रूप में देखती हैं लेकिन अधिकतर महिलाएं इसके फायदों से अनजान हैं। कान दर्द से लेकर गंजापन दूर करने में धतूरे का इस्तेमाल किया जा सकता है। आज हम आपको धतूरे के फायदों के बारे में बता रहे हैं जिसे शायद आपने अपने घर के आस-पास देखा होगा। क्योंकि यह एक नॉर्मल जंगली पौधा है जो कही भी अपने आप उग जाता है। इसका इस्तेमाल बहुत सी आयुर्वेदिक औषधियों को बनाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में इसे विष वर्ग में रखा गया है, अगर इसकी बहुत कम मात्रा का इस्तेमाल किया जाए तो इससे शरीर के विभिन्न रोगों से छुटकारा प्राप्त किया जा सकता है आइए जानें यह हमारे लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।
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जिन महिलाओं के बाल झड़ चुके हैं जिसके कारण वह हल्के गंजेपन का शिकार हो गई हैं उनके लिए धतूरे के बीज बहुत फायदेमंद होते हैं। जी हां धतूरे के तेल निकाल कर गंजेपन वाले हिस्से पर लगाने पर कुछ ही दिनों में उस जगह बाल उगने शुरू हो जाते हैं।
अगर आप बालों के झड़ने या फिर बालों में रूसी की समस्या से परेशान है तो इसके लिए धतूरे के फल का रस बालों में कुछ देर तक लगाकर छोड़ दीजिए उसके पश्चात बालों को धो लीजिए। अगर आप कुछ दिनों तक ऐसा करती हैं तो इससे आपके बाल मजबूत हो जाएंगे और इसके साथ ही रूसी की भी समस्या दूर हो जाएगी। तो देर किस बात की आज से ही बालों की समस्या से बचने के लिए धतूरे का इस्तेमाल करें।
धतूरा जुएं से छुटकारा पाने का बहुत अच्छा इलाज है। सिर में जुएं होने पर आधा लीटर सरसों के तेल में 250 ग्राम धतूरे के पत्तों का रस निकालकर और इतनी ही मात्रा में पत्तियों का कल्क बनाकर धीमी आंच पर पका लें। और जब केवल तेल बचे तो इसे बोतल में भरकर रख दें। अब इस तेल का इस्तेमाल अपने बालों में सिर धोने से कुछ घंटे पूर्व करें। जुएं समाप्त हो जाएंगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि धतूरा अर्थराइटिस से परेशान महिलाओं के लिए किसी रामबाण की तरह है। दर्द होने पर धतूरे के फल का रस निकालकर उसको तिल के तेल में पका लीजिए जब तेल रह जाए तो इस तेल से मालिश कीजिए जोड़ो और दर्द वाले हिस्से पर अच्छे से मालिश करने के पश्चात धतूरे का पत्ता बांध लीजिए इससे अर्थराइटिस की समस्या ठीक हो जाती है।
मिर्गी की समस्या होने पर अक्सर लोग मिर्गी शांत करने के लिए जूता सूंघने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि धतूरे की जड़ को सूंघने से मिर्गी शांत हो जाती है।
अगर आप धतूरे के पत्तों का कल्क बनाकर संक्रमित घाव पर लगाते हैं और उसकी पट्टी बांधते हैं तो इससे आपका घाव बहुत ही जल्दी भर जाता है। तो अगली बार जब भी घाव हो तो इसपर धतूरे से इलाज करें।
माना धतूरे में बहुत से लाभकारी औषधिये गुण है लेकिन यह बात भी सच है की यह एक विष है और इसका अधिक सेवन करना आपके लिए मुसीबत की वजह बन सकता है। इसलिए हमने आपको सिर्फ इसके बाहरी उपयोग के बारे में ही बताया है।
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